गेहूं के बाद करें भिंडी की इन 5 किस्मों की खेती45 दिनों में होगा बंपर मुनाफा
गेहूं के बाद करें भिंडी की इन 5 किस्मों की खेती45 दिनों में होगा बंपर मुनाफा
डॉ. संतोष पाण्डेय ने कहा कि आमतौर भिंडी की खेती झारखंड, मध्यप्रदेश, गुजरात, पंजाब, उत्तरप्रदेश, असम, महाराष्ट्र, हरियाणा और राजस्थान में की जाती है. यहां के किसान चाहें तो 1 लाख रुपये की लागत के साथ भिंडी की फसल लगाकर 5 लाख रुपये की कमाई कर सकते हैं.
शाश्वत सिंह/झांसी. गर्मी के मौसम में गेहूं की फसल कट जाने के बाद किसान खाली खेत में सब्जी की खेती करने का प्रयास करते हैं. मई-जून के महीने में किसान भिंडी की खेती कर सकते हैं. भिंडी की खेती करते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान भी रखना चाहिए. कम समय में भिंडी की खेती करके किसान अधिक मुनाफा काम सकते हैं. भिंडी की कुछ खास किस्में हैं, जिनसे कम मेहनत में किसान अधिक मुनाफा कमा सकते हैं.
कृषि विशेषज्ञ डॉ. संतोष पांडेय ने बताया कि अलग-अलग जलवायु के हिसाब से भिंडी की किस्में विकसित की गई हैं. गर्मी के मौसम में पूसा ए-5, पूसा सावनी, पूसा मखमली, बी.आर.ओ.-4, उत्कल गौरव जैसी किस्मों की खेती कर सकते हैं. भिंडी की कुछ किस्में ऐसी भी होती हैं जिनमें कीटनाशक कम लगते हैं. ऐसी ही कुछ किस्में हैं पूसा ए-4, परभणी क्रांति, पंजाब-7, पंजाब-8, आजाद क्रांति, हिसार उन्नत, वर्षा उपहार, अर्का अनामिका जिनकी खेती किसान कर सकते हैं.
इन बातों का रखें ध्यान
डॉ. संतोष पाण्डेय ने कहा कि गर्मी के मौसम में भिंडी की बुआई के लिए प्रति हेक्टेयर 23 से 25 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है. बीज की बुआई के लिए गहराई लगभग 4.5 सेंटीमीटर रखनी चाहिए. बुआई के समय नाइट्रोजन 40 किलोग्राम की आधी मात्रा, 50 किलोग्राम फास्फोरस एवं 60 किलोग्राम पोटाश प्रति हेक्टेयर की दर से अंतिम जुताई के समय प्रयोग करना चाहिए. मई जून के महीने में हर 4 से 5 दिन पर सिंचाई करनी चाहिए.
एक सीजन में 4 गुना फायदा
डॉ. संतोष पाण्डेय ने कहा कि आमतौर भिंडी की खेती झारखंड, मध्यप्रदेश, गुजरात, पंजाब, उत्तरप्रदेश, असम, महाराष्ट्र, हरियाणा और राजस्थान में की जाती है. यहां के किसान चाहें तो 1 लाख रुपये की लागत के साथ भिंडी की फसल लगाकर 5 लाख रुपये की कमाई कर सकते हैं. इसकी खेती से किसान को 3-4 लाख तक शुद्ध लाभ मिल जाता है. बोने के लगभग 15 दिन बाद से फल आना शुरू हो जाते है तथा पहली तुड़ाई 45 दिनों बाद शुरु हो जाती है
FIRST PUBLISHED : May 12, 2024, 08:30 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed