ट्रायल कोर्ट जज की इस अर्जी पर भड़का SC हाईकोर्ट को दिया SOP बनाने का निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के रवैये पर सख्त रुख दिखाते हुए साफ कहा कि निचली अदालतें सीधे सर्वोच्च अदालत को समय बढ़ाने की अर्जी नहीं दे सकतीं. जस्टिस जे.के. माहेश्वरी और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की बेंच ने टिप्पणी की कि ट्रायल कोर्ट जज ने न सिर्फ गलत प्रक्रिया अपनाई, बल्कि हलफनामा भी अधूरा भेज दिया. बेंच ने पूछा, “जब साफ निर्देश हैं, तो रास्ता बदलकर क्यों आए?” कोर्ट ने याद दिलाया कि पहले भी चेतावनी दी जा चुकी है.

ट्रायल कोर्ट जज की इस अर्जी पर भड़का SC हाईकोर्ट को दिया SOP बनाने का निर्देश