कौन था वो जज जिसने कहा था भ्रष्टाचारियों को लैंपपोस्ट से लटका देना चाहिए
कौन था वो जज जिसने कहा था भ्रष्टाचारियों को लैंपपोस्ट से लटका देना चाहिए
Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट के जज कई मामलों में सख्त टिप्पणियां करते रहे हैं. एक जज ने तो यहां तक दिया था कि भ्रष्टाचारियों को लैंप पोस्ट से लटका दिया जाना चाहिए. जानें क्या है पूरा मामला...
शराब नीति मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत के बाद आम आदमी पार्टी में खुशी की लहर है. सीएम केजरीवाल शनिवार को हुनमान मंदिर पहुंचकर पूर्जा अर्चना की. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आप सुप्रीमो केजरीवाल को जमानत दी थी. इस मामले में सीएम केजरीवाल की जमानत की आदेश देते हुए सीबीआई को लेकर कई सख्त टिप्पणियां की. सुप्रीम कोर्ट की 2 जजों की बेंच में शामिल जस्टिस उज्जवल भुइयां ने तो यहां तक कह दिया कि सीबीआई के पिंजरे में बंद तोता होने की धारणा को दूर करना चाहिए और यह दिखाना चाहिए कि वह पिंजरे में बंद तोता नहीं है.’
जस्टिस भुइयां की ये सख्त टिप्पणियां सुर्खियों में छाई रहीं और आम आदमी पार्टी ने इसे लेकर केंद्र सरकार पर प्रहार भी किए. हालांकि यह कोई मामला नहीं जब सुप्रीम कोर्ट के जजों ने ऐसी सख्त टिप्पणियां की है. सुप्रीम कोर्ट में कोयला घोटाले की सुनवाई के दौरान वर्ष 2013 में शीर्ष अदालत के तत्कालीन जज जस्टिस आरएम लोढ़ा ने सीबीआई को पिंजरे में बंद तोता बताया था.
वैसे सुप्रीम कोर्ट के जजों की सख्त टिप्पणियों का यह कोई पहला मामला नहीं था. एक जज ने तो यहां तक दिया था कि भ्रष्टाचारियों को लैंप पोस्ट से लटका दिया जाना चाहिए. यह जज जस्टिस मार्कंडेय काटजू थे, जिन्होंने बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में आरोपी सरकारी अधिकारी ब्रजभूषण प्रसाद की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की थी.
सुप्रीम कोर्ट में तब जस्टिस एसबी सिन्हा और जस्टिस मार्केंडेय काटजू ब्रजभूषण प्रसाद की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी. तभी जस्टिस काटजू ने बेहद सख्त लहजे में कहा, ‘हर कोई इस देश को लूटना चाहता है. इसका एकमात्र उपाय है कुछ भ्रष्ट लोगों को लैंप पोस्ट से लटका देना.’
जस्टिस काटजू हालांकि देश के संविधान के तहत न्यायापालिका की सीमाओं को समझते हुए कहा कि ‘कानून हमें ऐसा करने की इजाजत नहीं देता है, वरना हम तो चाहते कि भ्रष्टाचारियों को लटका दिया जाए.’
Tags: Arvind kejriwal, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : September 14, 2024, 14:47 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed