गुजरात- हिमाचल प्रदेश के नतीजों पर बीजेपी की नजर नया रिकॉर्ड बनाने की उम्मीद

गुजरात और हिमाचल प्रदेश चुनाव के नतीजे कल यानी 8 दिसंबर को आएंगे. इस बार बीजेपी की नजरें नए रिकॉर्ड बनाने पर होगी. बता दें कि हिमाचल में 1985 के बाद से किसी दल ने लगातार दो विधानसभा चुनाव नहीं जीते हैं. अगर बीजेपी सत्ता में बनी रहती है, तो यह एक अन्य रिकॉर्ड होगा.

गुजरात- हिमाचल प्रदेश के नतीजों पर बीजेपी की नजर नया रिकॉर्ड बनाने की उम्मीद
हाइलाइट्स गुजरात और हिमाचल का चुनाव बीजेपी के लिए काफी अहमहिमाचल में नया रिकॉर्ड बनाने की उम्मीद में बीजेपी नई दिल्ली. गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा के चुनावों की जब गुरुवार को मतगणना होगी तो सत्तारूढ़ भाजपा की नजरें कुछ नए रिकॉर्ड बनाने पर होंगी. गुजरात में जीत उसे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के अलावा एकमात्र पार्टी बना देगी जिसने लगातार सात विधानसभा चुनाव जीते हैं. साल 1977 से 2011 तक 34 सालों तक पश्चिम बंगाल पर शासन करने वाली माकपा ने भी लगातार 7 चुनाव जीते थे. दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश में 1985 के बाद से किसी दल ने लगातार दो विधानसभा चुनाव नहीं जीते हैं. अगर भारतीय जनता पार्टी इस पहाड़ी राज्य में सत्ता में बनी रहती है, तो यह एक अन्य रिकॉर्ड होगा. हालांकि, भाजपा की सबसे बड़ी इच्छा एक्जिट पोल के पूर्वानुमानों को सच होते देखना है. इसके तहत हिमाचल प्रदेश में सत्ता बरकरार रखते हुए गुजरात में अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन दर्ज करना है. गुजरात में भाजपा का पिछला सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2002 में था, जब उसने 182 सदस्यीय विधानसभा में 127 सीट पर जीत दर्ज की थी. इस बार एग्जिट पोल के पूर्वानुमानों में पार्टी को 117 से 151 के बीच सीट मिलने की बात कही गई है. अगर परिणाम इन भविष्यवाणियों के औसत के अनुरूप आते हैं, तो भाजपा 2002 के अपने ही रिकॉर्ड को ध्वस्त कर देगी. बीजेपी को रिकॉर्ड बनाने की उम्मीद हालांकि, ‘सोने पर सुहागा’ तब होगा जब पार्टी के सीट की संख्या एग्जिट पोल की भविष्यवाणी की ऊपरी सीमा को छू ले – यानी अगर वह 149 सीट के अब तक के रिकॉर्ड को पार कर ले, जो कांग्रेस ने 1985 में माधवसिंह सोलंकी के नेतृत्व में जीती थी. नई दिल्ली स्थित ‘सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज’ (सीएसडीएस) में लोकनीति के सह-निदेशक संजय कुमार कहते हैं कि भाजपा अगर गुजरात में बड़ी जीत हासिल करती है और हिमाचल प्रदेश में बहुमत पा जाती है, तो इस तरह के नतीजे से पार्टी का मनोबल बढ़ेगा, उसके नेताओं और कार्यकर्ताओं में उत्साह आएगा और इस धारणा को मजबूती मिलेगी कि वह वर्ष 2024 का लोकसभा चुनाव जीतने की राह पर है. ये भी पढ़ें:  क्या गुजरात और हिमाचल चुनाव के नतीजे तय करेंगे 2024 में कैसा होगा कांग्रेस का सफर? दिल्ली के जीसस एंड मैरी कॉलेज में राजनीति विज्ञान विभाग की प्रोफेसर सुशीला रामास्वामी ने कहा, पार्टी अपनी 2024 की योजना के बारे में अधिक आश्वस्त महसूस करेगी. बहरहाल, एग्जिट पोल के गलत होने की संभावना बनी रहती है. बढ़ती महंगाई, बड़ी संख्या में नौकरी जाने, भ्रष्टाचार, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में नाराजगी को देखते हुए, अंतिम परिणाम एग्जिट पोल की भविष्यवाणी और भाजपा की उम्मीदों, दोनों से बहुत कम हो सकती है. सबसे खराब परिणाम यह हो सकता है कि पार्टी हिमाचल प्रदेश हार जाती है और उसकी गुजरात में जीत उतनी ही मामूली रहती है जितनी पिछले चुनाव में थी, जब उसने 99 सीट जीती थीं. फिर भी, कुमार और रामास्वामी का मानना है कि व्यवहार्य राष्ट्रीय विकल्प के अभाव में परिणामों का राष्ट्रीय राजनीति में भाजपा के लिए कोई गंभीर परिणाम नहीं होगा. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Assembly election 2022, Gujarat Elections, Himachal Assembly ElectionsFIRST PUBLISHED : December 07, 2022, 21:01 IST