CJI ने जिस जज को दिलाई शपथ उन्हें क्यों कहते हैं गन मौत को दे चुके हैं मात

Supreme Court: मणिपुर को गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में अपना पहला प्रतिनिधित्व मिला, जब सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने 61 साल के जस्टिस नॉन्गमेईकापम कोटिस्वर सिंह को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में शपथ दिलाई.

CJI ने जिस जज को दिलाई शपथ उन्हें क्यों कहते हैं गन मौत को दे चुके हैं मात
नई दिल्ली. मणिपुर को गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में अपना पहला प्रतिनिधित्व मिला, जब सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने 61 साल के जस्टिस नॉन्गमेईकापम कोटिस्वर सिंह को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में शपथ दिलाई. नए नियुक्त हुए जजों, उनके रिश्तेदारों और वकीलों से खचाखच भरे कोर्ट रूम नंबर 1 में सीजेआई ने मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस आर महादेवन को भी सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में शपथ दिलाई. दो जजों की पदोन्नति के साथ सुप्रीम कोर्ट में अब सीजेआई सहित न्यायाधीशों की मंजूर संख्या 33 हो गई है. जस्टिस नॉन्गमेईकापम कोटिस्वर सिंह ने अपने पिता एन इबोटोम्बी सिंह के पदचिह्नों पर चलते हुए शानदार काम किया है. उनके पिता एन इबोटोम्बी सिंह मणिपुर के पहले महाधिवक्ता थे और गौहाटी हाईकोर्ट में भी न्यायाधीश थे. जो तब सभी पूर्वोत्तर राज्यों के लिए मुख्य पीठ के रूप में कार्य करता था. जस्टिस नॉन्गमेईकापम कोटिस्वर सिंह भी नवंबर 2007 में मणिपुर के महाधिवक्ता बने और अक्टूबर 2011 तक इस पद पर बने रहे, जब उन्हें गौहाटी हाईकोर्ट का जज नियुक्त किया गया. फरवरी 2023 में उन्हें जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया. न्यायमूर्ति सिंह संभवतः सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहले जज होंगे, जिन्हें 2010 में महाधिवक्ता के रूप में ओ इबोबी सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में एक मंत्री द्वारा गलती से बंदूक चलाए जाने से लगी गोली के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था. दुर्घटना तब हुई जब सिंह मंत्री के साथ कार में यात्रा कर रहे थे. संयोग से, मणिपुरी में ‘नॉन्गमेई’ का अर्थ ‘बंदूक’ होता है. ये तो हद हो गई, आपकी ह‍िम्‍मत कैसे हुई… सुप्रीम कोर्ट ने राशन कार्ड को लेकर लगाई क‍िन राज्‍यों को फटकार, बिहार की तारीफ पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में रामकृष्ण मिशन विद्यापीठ से अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद, कोटिस्वर ने शिलांग के सेंट एंथोनी कॉलेज से अपनी प्री-यूनिवर्सिटी की और फिर राजनीति विज्ञान में स्नातक करने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज में दाखिला लिया. उन्होंने डीयू के कैंपस लॉ सेंटर से एलएलबी किया और 1986 में एक वकील के रूप में दाखिला लिया. वे 29 फरवरी, 2028 को सुप्रीम कोर्ट से रिटायर होंगे. Tags: DY Chandrachud, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : July 19, 2024, 11:34 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed