35/0 से चकराईं मायावती जाहिर किया मुसलमानों के साथ का फ्यूचर प्लान लेकिन
35/0 से चकराईं मायावती जाहिर किया मुसलमानों के साथ का फ्यूचर प्लान लेकिन
Election Results: बसपा का चीफ मायावती ने यूपी में 35 मुस्लिम उम्मीदवार उतारे थे. उनमें से सभी हार के बाद मायावती ने कहा कि भविष्य में काफी सोच विचार करने के बाद ही मुस्लिम उम्मीदवारों को वोट देने के बारे में फैसला लेंगी. मगर इस बार तो दलित वोटरों ने भी उनका साथ छोड़ दिया और इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों को वोट दिया है.
नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव- 2024 के नतीजों से उत्तर प्रदेश में अगर किसी पार्टी को सबसे ज्यादा झटका लगा है तो वह है मायावती की बहुजन समाज पार्टी. उत्तर प्रदेश में बसपा ने सबसे ज्यादा 35 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया था. जिसमें कोई भी जीतने में कामयाब नहीं हुआ. मुस्लिम उम्मीदवारों को तो छोड़ दीजिए, बसपा को यूपी में एक भी सीट नहीं मिली. जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा के 10 सांसद चुनाव जीतने में सफल रहे थे. इसके विपरीत समाजवादी पार्टी ने राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी को करारी चोट देते हुए 37 सीटें जीतने में सफलता हासिल की है.
इसके बाद मायावती ने एक बयान में कहा कि मुसलमान उनकी पार्टी को नहीं समझते हैं, जबकि उन्होंने मुस्लिम समुदाय को काफी ज्यादा मौका दिया है. उन्होंने कहा कि बीएसपी इस तरह के झटकों से बचने के लिए काफी सोच-विचार के बाद भविष्य में उन्हें अवसर देगी. मायावती ने मुसलमानों को बीएसपी का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया. दलितों और मुस्लिम वोटों को एक साथ जोड़कर मायावती ने चुनावी गणित साधने की कोशिश की थी. मगर उनका यह दांव पूरी तरह उल्टा पड़ गया. मुसलमानों को आगे से सोच-समझकर मौका देने की बात कहने वाली मायावती ने शायद इस मुद्दे पर बात करना जरूरी नहीं समझा कि अब वह उत्तर प्रदेश में दलितों की एकमात्र नेता नहीं रह गई हैं.
चंद्रशेखर की जीत खतरे की घंटी
नगीना लोकसभा सीट से चंद्रशेखर आजाद ‘रावण’ की डेढ़ लाख वोटों से जीत ने इस ओर इशारा कर दिया है. उत्तर प्रदेश की 17 आरक्षित लोकसभा सीटों में से एक नगीना लोकसभा सीट पर 2019 में बीएसपी को जीत मिली थी. जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में नगीना सीट पर बसपा के उम्मीदवार गिरीश चंद्र जाटव को जीत हासिल हुई थी. पिछले कुछ समय से मायावती को चंद्रशेखर आजाद ‘रावण’ की आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) से दलित वोटों को लेकर कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ रहा है. यूपी में कभी दलितों की एकमात्र नेता होने का दौर देख चुकी मायावती इस चुनौती से भविष्य में कैसे निपटेंगी, यह देखने का विषय होगा.
मायावती के फैसलों से नाखुश दलित वोटर
बताया जा रहा है कि इस बार यूपी में दलितों मे बीएसपी को वोट देने के बजाय कई सीटों पर इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों को थोक के भाव में वोट दिए. जिससे सपा को यूपी में 37 सीटें और कांग्रेस को 6 सीटों पर जीत हासिल करने में मदद मिली. इसका सबसे बड़ा कारण इंडिया गठबंधन के संविधान और आरक्षण पर खतरे के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया जाना रहा है. दलितों के एक बड़े तबके को लगा कि इंडिया गठबंधन में शामिल नहीं होने का मायावती का फैसला बीजेपी की मदद कर सकता है. इसलिए इस बार उन्होंने बसपा से मुंह मोड़ने का फैसला किया. आने वाले वक्त में इस हालात में क्या बदलाव आएगा? या दलित वोटर चंद्रशेखर आजाद ‘रावण’ के रूप में अपना नया मसीहा खोजने की ओर बढ़ेगा. इन सवालों का जवाब आने वाले वक्त में देखना दिलचस्प होगा.
Tags: BSP, BSP chief Mayawati, Lok Sabha Election Result, MayawatiFIRST PUBLISHED : June 6, 2024, 09:21 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed