पारंपरिक व्यवसाय के लिए घर छोड़ पहुंचे आजमगढ़ बांस के प्रोडक्ट करते हैं तैयार

सुल्तानपुर शहर में कुटीर उद्योग के रूप में काम करने वाले ये व्यवसायी शहर से 135 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले से आए हैं. ये अकेले नहीं बल्कि अपने परिवार के साथ भी इन लकड़ी और बांस के सामानों को बनाकर शहर में बेचते हैं और परिवार का गुजारा करते हैं. वहीं प्रतदिन दो से तीन हजार की कमाई कर लेते हैं.

पारंपरिक व्यवसाय के लिए घर छोड़ पहुंचे आजमगढ़ बांस के प्रोडक्ट करते हैं तैयार
सुल्तानपुर. ग्रामीण क्षेत्र के लोग रोजगार की तालाश में कहीं भी चले जाते हैं. सुल्तानपुर शहर में भी लगभग 135 किलोमीटर दूर से आए लोग अवध के पारंपरिक व्यवसाय को जिंदा रखने में अहम भूमिका निभा रहे हैं. अपने इस पुस्तैनी व्यवसाय में बांस का प्रोडक्ट तैयार कर मार्केट में इसकी बिक्री करते हैं. इन प्रोडक्ट में मिठाई की झबिया (डिब्बा), बेना (पंखा) की पुहली आदि उत्पाद शामिल है. इससे ठीक-ठाक कमाई भी इनकी हो जाती है. 135 किलोमीटर दूर से आए हैं व्यवसायी सुल्तानपुर शहर में कुटीर उद्योग के रूप में काम करने वाले ये व्यवसायी शहर से 135 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले से आए हैं. ये अकेले नहीं बल्कि अपने परिवार के साथ भी इन सामानों को बनाकर शहर में बेचते हैं और परिवार का गुजारा करते हैं. अगर हम बात करें इनकी कमाई की तो प्रतिदिन ये दो से तीन हजार रुपए की कमाई करते हैं. जिसमें लागत और पूंजी भी शामिल होती है. बातचीत के दौरान व्यवसाईयों ने बताया कि इस व्यवसाय में महिला और पुरुष दोनों की बराबर की भागीदारी रहती है. जिंदा रखे हैं पारंपरिक कुटीर उद्योग कागज और आधुनिक तकनीक ने वैसे तो पारंपरिक उद्योगों को नष्ट करने में अहम भूमिका निभाई है, लेकिन इन व्यवसाईयों ने सुल्तानपुर समेत अवध के पारंपरिक कुटीर उद्योग को जिंदा रखने का बेहतर काम किया है. इनका यह उद्योग पूर्ण रूप से बांस और लकड़ी पर आधारित है. इनके द्वारा बनाए जाने वाले उत्पाद का प्रयोग ज्यादातर ग्रामीण इलाकों के लोगों द्वारा किया जाता है. जिसमें झबिया का प्रयोग शादी-विवाह में मिठाई रखने के लिए और पुहली का प्रयोग बेना यानि कि हाथ का पंखा बनाने के काम में और भवका का प्रयोग अनाज आदि मापने के काम में आता है. Tags: Local18, Sultanpur news, UP newsFIRST PUBLISHED : September 2, 2024, 16:32 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed