ग्यारह साल का बच्चा बना कमिश्नर बीस मिनट के लिए संभाली कुर्सी

11 साल का सचिन प्रजापति बीस मिनट के लिए प्रयागराज का कमिश्नर बना. उसे खुद ये पोस्ट प्रयागराज के कमिश्नर विजय विश्वास पंत ने दी. इसकी वजह सबका दिल छू गई.

ग्यारह साल का बच्चा बना कमिश्नर बीस मिनट के लिए संभाली कुर्सी
कैंसर की गंभीर बीमारी से जूझ रहे सचिन प्रजापति को एक दिन के लिए प्रयागराज का कमिश्नर बनाया गया. प्रयागराज के कमिश्नर विजय विश्वास पंत ने उसे कमिश्नर बनाया. दरअसल, ऐसा कर उन्होंने सचिन को कैंसर से लड़ने के लिए हौसला दिया. 11 साल का सचिन पिछले एक साल से कैंसर की बीमारी से जूझ रहा है. जिंदगी और मौत से जूझ रहे सचिन की हौसला अफजाई करने और बीमारी से लड़ने की ताकत देने के लिए यह सराहनीय पहल कमिश्नर प्रयागराज की ओर से की गई. इस मौके पर कमिश्नर ने 20 मिनट के लिए सचिन को अपनी कुर्सी पर बैठाया तो उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई. कमिश्नर ने सचिन को उपहार भेंट किया और उसके जल्द स्वस्थ होने की कामना की.  कमिश्नर ने सचिन के लिए पैंट शर्ट टी और जूते भी मंगवाये, जिसे पहनकर वह कमिश्नर की कुर्सी पर बैठा.  इस मौके पर कमिश्नर विजय विश्वास पंत ने सचिन से कहा कि वो फाइटर है और कैंसर की जंग जरुर जीतेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि बच्चों की इच्छा पूरी होने पर उनके अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. इससे उन्हें अपनी बीमारी से लड़ने में मदद मिलती है. एक साल से जारी है लड़ाई सचिन प्रजापति प्रयागराज के यमुना पार के बारा क्षेत्र के धरा गांव का रहने वाला है.  वह एक साल से कैंसर की बीमारी से जूझ रहा है. अपने गांव के प्राथमिक विद्यालय में कक्षा 5 में पढ़ने वाले सचिन ने सितंबर 2023 में कैंसर से पीड़ित होने के बाद स्कूल जाना बंद कर दिया था. सचिन का इलाज 11 जून 2024 से मेडिकल कॉलेज के एसआरएन अस्पताल के कैंसर विभाग में किया जा रहा है.  कैंसर विशेषज्ञ डॉक्टर देव कुमार यादव के निर्देशन में उसका इलाज चल रहा है. मेडिकल कॉलेज के एस आर एन अस्पताल के कैंसर विशेषज्ञ डॉक्टर विवेक कुमार पांडेय के मुताबिक सचिन कैंसर की रहेब्डोमायासोकोर्मा नामक दुर्लभ बीमारी से पीड़ित है. दिखाया ऐसा साहस 20 मिनट के लिए कमिश्नर बनाए जाने के बाद सचिन ने कहा कि वो बीमारी से नहीं डरता.  उसने कहा कि वो जल्द ही ठीक हो जाएगा और फिर स्कूल जाएगा. बीस मिनट के कार्यकाल के दौरान उसने कहा कि अगर वो आगे सच में कमिश्नर बना तो अनाथ और गरीबों की सेवा करेगा. सचिन प्रजापति के पिता रामधनी प्रजापति गांव में रहते हैं. उनकी एक बेटी और दो बेटे हैं, जिनमें सचिन बड़ा बेटा है. 2023 में पहली बार बच्चे में प्रोस्टेट कैंसर की पुष्टि हुई थी. हम आपको बता दें कि अनिकेत स्माइल फाउंडेशन के डॉक्टर अखिलेश कुमार द्विवेदी और समाजसेविका निशा मिश्रा के प्रयास से सचिन का कमिश्नर बनने का सपना पूरा हुआ क्योंकि वह बड़ा होकर आईएएस बनना चाहता है. Tags: Cancer Survivor, Prayagraj News, Trending news, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : July 16, 2024, 14:40 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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