नौकरी छोड़ युवक ने शुरू किया यह बिजनेस हो गया हिट आज विदेशों तक है डिमांड
नौकरी छोड़ युवक ने शुरू किया यह बिजनेस हो गया हिट आज विदेशों तक है डिमांड
धीरज मौर्य मोटा अनाज से बिस्कुट बनाते हैं. ज्वार व बाजरा से बने बिस्कुट की डिमांड देश ही नहीं देश ही बल्कि विदेशों में भी डिमांड है. इन्हें इंडोनेशिया व यूएई से बिस्कुट का ऑर्डर मिल चुके हैं.
मुकेश पाण्डेय/मिर्जापुर : अक्सर लोग बिना रिस्क लिए नौकरी करना पसंद करते हैं. मिर्जापुर जिले के रहने वाले धीरज ने भी कुछ ऐसा ही करने की सोची. मैकेनिकल इंजीनियरिंग से डिप्लोमा की डिग्री हासिल करने के बाद हरियाणा चले गए. नौकरी के दौरान ही ख्याल आया कि अपना खुद का बिजनेस स्टार्ट किया जाएं. सरकार की ओर से सहयोग मिला और आज एक खास तरह के बिस्कुट बना रहे हैं. मोटा अनाज से बना बिस्कुट न सिर्फ सेहत के लिए फायदेमंद है, बल्कि इनमें काफी न्यूट्रिशन पाएं जाते हैं. इस बिस्कुट की डिमांड देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है.
मिर्जापुर जिले के दुबरा पहाड़ी के रहने वाले धीरज मौर्य किसान के बेटे हैं. 12 वीं की पढ़ाई के बाद इन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग से डिप्लोमा किया. डिप्लोमा करने के बाद हरियाणा में बजाज मोटर्स में जॉब करने चले गए. नौकरी के दौरान एक स्टार्टअप के बारे में ख्याल आया, जिसके बाद वह वापस गांव आ गए. सिटी ब्लॉक फॉर्मर प्रोड्यूसर कंपनी के नाम से एफपीओ बनाया. 10 किसानों के साथ मिलकर इन्होंने मोटा अनाज से बिस्कुट बनाने के बारे में सोचा. सरकार की ओर से सहयोग मिलने के बाद इन्होंने स्टार्टअप शुरू कर दिया.
मोटा अनाज से बनाते हैं स्वादिष्ट बिस्कुट
धीरज मौर्य मोटा अनाज से बिस्कुट बनाते हैं. ज्वार व बाजरा से बने बिस्कुट की डिमांड देश ही नहीं देश ही बल्कि विदेशों में भी डिमांड है. इन्हें इंडोनेशिया व यूएई से बिस्कुट का ऑर्डर मिल चुके हैं. इस वर्ष इंडोनेशिया में 20 किलो और यूएई में 30 किलो बिस्कुट भेज चुके हैं. एफपीओ के माध्यम से सरकार इनके बिस्कुट को प्रमोट कर रही है. धीरज मौर्य बिस्कुट बनाकर लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं. कंपनी में जुड़कर कई लोगों को मुनाफा हो रहा है. हर महीने 100 किलो से अधिक बिस्कुट बाजार में बेचते हैं.
सरकार की मदद से सपना हुआ साकार
एफपीओ के सीईओ धीरज कुमार मौर्य ने बताया कि हम लोग मोटा अनाज पर काम कर रहे हैं. प्रधानमंत्री की इच्छा थी कि मोटा अनाज के फायदे को विश्व स्तर पर पहुंचाया जाए. उन्हीं से प्रेरणा मिलने के बाद हमने प्रोसेसिंग यूनिट बनाई है, जिसमें हम लोग बिस्कुट व नमकीन बनाते हैं. अभी मेट्रो सिटी में इसकी डिमांड है. इससे बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. इससे किसानों को लाभ मिल सकेगा. अभी तक हम 20 कुंतल से अधिक बिस्कुट बेच चुके हैं. हमारा प्रयास है कि इसका निर्यात विदेशों में किया जाए.
हमारे एफपीओ में जुड़े हैं 12 सौ किसान
धीरज मौर्य ने बताया कि हमारे एफपीओ में 12 सौ किसान जुड़े हुए हैं. इसमें चार सौ महिलाएं भी हैं. जो भी इस कंपनी से जुड़ता है, वह कंपनी में हिस्सेदार रहता है. उनका अनाज आसानी से बिकने के साथ ही कंपनी से भी प्रॉफिट होता है. कंपनी में 10 लोगों को सीधे रोजगार मिला है. वहीं, मार्केटिंग व आउटलेट से भी कई लोगों को रोजगार मिला है.
एपीडा का है पूरा सहयोग
एपीडा के सहायक महाप्रबंधक सीबी सिंह ने बताया कि मिलट ईयर में हमने मोटा अनाज को प्रोत्साहित किया. मिर्जापुर जहां के बाजरे का स्वाद अच्छा है, वहां पर किसान धीरज ने एफपीओ बनाया. हमने पूरा सहयोग दिया. वहीं, मोटा अनाज से बिस्कुट बनाने का सुझाव दिया. धीरज ने उस पर न सिर्फ मेहनत की, बल्कि कई किसानों को एफपीओ में जोड़कर उन्हें फायदा पहुंचा रहे हैं. एफपीओ के माध्यम से विदेशों में बेहद आसानी से एपीडा के सहयोग से अपने सामान को बेच रहे हैं.
Tags: Hindi news, Local18, Success StoryFIRST PUBLISHED : June 11, 2024, 15:41 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed