वकालत छोड़ इस शख्स ने शुरू किया यह काम आज घर बैठै कर रहा 10-15 लाख की कमाई

बाराबंकी जिले के डिघावा गांव के रहने वाले प्रगतिशील किसान सुनील वर्मा गौशाला के जरिए वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन करते हैं, जिससे वह सालाना 10 से 15 लाख रुपये तक का मुनाफा कमा लेते हैं.

वकालत छोड़ इस शख्स ने शुरू किया यह काम आज घर बैठै कर रहा 10-15 लाख की कमाई
संजय यादव/बाराबंकी : आज के समय में किसान खेती-किसानी में जैविक खाद का उपयोग कर रहे हैं क्योंकि खेत से लेकर किचन गार्डन तक हर किसी की कोशिश पौष्टिक फल-सब्जी उगाने की है. लोगों में बढ़ती जागरूकता के कारण अब ऑर्गेनिक सब्जियों और अन्न की भी मांग तेजी से बढ़ रही है. इस खाद में पूरी तरह से प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल किया जाता है. वहीं यह खेती किसानों के लिए इतनी लाभदायक है कि किसान इसे लंबे समय तक आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं. इसमें लागत कम आती है और उत्पादन में बढ़ोतरी होती है. इसलिए किसानों को इस खाद के उपयोग से ज्यादा फायदा होता है. बाराबंकी जिले के डिघावा गांव के रहने वाले प्रगतिशील किसान सुनील वर्मा गौशाला के जरिए वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन करते हैं, जिससे वह सालाना 10 से 15 लाख रुपये तक का मुनाफा कमा लेते हैं. दरअसल जैविक खाद को एक टिकाऊ बिजनेस मॉडल के तौर पर भी देखा जा रहा है, किसान सुनील वर्मा जैविक खाद कई तरीके से बनाते हैं, जिसमें वर्मी कंपोस्ट यानी केंचुआ खाद शामिल है. जिसकी सप्लाई जिले के साथ और भी कई जिलों में की जाती है. वहीं प्रगतिशील किसान सुनील वर्मा ने बताया का वर्मी कंपोस्ट खाद का काम मेरे फादर ने स्टार्ट किया था सन 2008 में इसकी ट्रेनिंग कृषि विभाग से ली और इसमें कुछ उनको अनुदान भी मिला था. इसके बाद इस यूनिट को लगाया. उनकी इच्छा थी कि जो हम लोग अपने खेतों में रासायनिक व कीटनाशक जहर डाल रहे ,हैं वह कम से कम प्रयोग करें और एक नेचुरल फार्मिंग की जाये. जिसकी शुरुआत हमारे पिताजी ने की थी. वही काम आज हम कर रहे हैं. सन 2020 में  मैंने कानून की पढ़ाई की, फिर मैंने हाईकोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस शुरू की, फिर मैंने सोचा वकालत से अच्छा है अपना खुद का बिजनेस किया जाए. क्योंकि ये हितार्थ वाला काम है. फिर मैं प्राकृतिक खेती के तहत जीवा अमृत, घन जीवा अमृत, वर्मी कंपोस्ट आदि बनाने के साथ प्राकृतिक खेती करने लगा. जिसमें मुझे डबल मुनाफा हो रहा है. एक तो जो हम खाद बनाते हैं इसकी काफी ज्यादा डिमांड है, जिससे हमें साल में 10 से 15 लाख रुपए मुनाफा हो जाता है और साथ में हम करीब 2 एकड़ फल व सब्जियों की खेती भी करते हैं. वर्मी कंपोस्ट का बिजनेस आप 50 हजार रुपये की लागत से भी शुरू कर सकते हैं. इसके अलावा सरकार इस पर अनुदान भी देती है. इसमें सबसे ज्यादा खर्च केंचुओं पर आता है. क्योंकि केंचुए लगभग एक हजार रुपये किलो मिलते हैं. लेकिन खास बात यह है कि केंचुए बहुत तेजी से बढ़ते हैं. वहीं ये लगभग तीन महीने में  दोगुने हो जाते हैं. केंचुओं के अलावा आपको गोबर, प्लास्टिक सीट और धान की पराली भी खरीदनी होगी. जिसमें लागत बेहद कम आती है. Tags: Hindi news, Local18, Success StoryFIRST PUBLISHED : July 31, 2024, 15:56 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed