बेल के बाद क्या मनीष 15 अगस्त को आतिशी की जगह फहराएंगे तिरंगा

सुप्रीम कोर्ट से मनीष सिसोदिया को बेल मिलने के बाद माना जा रहा है कि उन्हें मंत्री बनाया जाएगा. मनीष आतिशी की जगह अरविंद केजरीवाल की गैरहाजिरी में दिल्ली सरकार के वरिष्ठतम मंत्री के तौर पर तिशी मार्लेना सिंह की जगह काम काज देखेंगे. लेकिन इसमें कितना वक्त लगता है ये देखना है.

बेल के बाद क्या मनीष 15 अगस्त को आतिशी की जगह फहराएंगे तिरंगा
तो क्या इस बार पन्द्रह अगस्त के मौके पर आतिशी की जगह पर मनीष सिसोदिया दिल्ली में झंडा फहराएंगे? अरविंद केजरीवाल के जेल में होने के ये माना जा रहा था कि मुख्यमंत्री की बजाय आतिशी सरकार की तरफ से पंद्रह अगस्त का तिरंगा फहराएंगी. केजरीवाल की गैरहाजारी में सरकार का नेतृत्व अलिखित तौर पर वही कर रही है. केजरीवाल ने मुख्यमंत्री का ओहदा छोड़ा नहीं है. हालांकि मनीष जेल जाने के बाद मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं. झंडा फहराने के लिए मनीष सिसोदिया को पहले दिल्ली सरकार में मंत्री पद की शपथ लेनी होगी. केजरीवाल के नंबर टू रह चुके हैं मनीष जाहिर है उन्हें पहले मंत्री बनाया जाएगा. जेल जाने से पहले तक मनीष सिसोदिया ही मुख्यमंत्री के बाद दूसरे नंबर के मंत्री थे. बहुत सी बैठकों में वे ही मुख्यमंत्री की गैरहाजिरी में जाया करते थे. एक समय यहां तक चर्चा चलने लगी थी कि अरविंद दिल्ली के मुख्यमंत्री की कुर्सी मनीष को सौंप कर राष्ट्रीय राजनीति में पूरी तरह उतरे जाएंगे. उस हिसाब से भी मनीष का कद बहुत महत्वपूर्ण रहा है. मनीष के पास दिल्ली सरकार के बहुत सारे महकमे भी रहे हैं. मनीष के जेल जाने के बाद आतिशी बनाई गई थी मंत्री मनीष के जेल जाने के बाद आतिशी मार्लेना सिंह को 9 मार्च 2023 को मंत्री बनाया गया. उस समय अरविंद केजरीवाल जेल नहीं गए थे. मनीष जेल में थे. माना जाता है कि काम काज में आसानी के लिए अरविंद ने आतिशी और सौरभ भारद्वाज को मंत्री बनाया गया. पहले आतिशी को शिक्षा, पीडब्ल्यूडी, महिला एवं बाल विकास, ऊर्जा, आर्ट कल्चर व भाषा, और पर्यटन विभाग दिए गए. वे दिल्ली की कालकाजी क्षेत्र से विधायक हैं. इसके बाद 21 मार्च 2024 को अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया गया. वैसे तो सुप्रीम कोर्ट ने मंत्री बनाने के बारे में फौरी तौर पर कुछ नहीं कहा है लेकिन फैसले को पूरा समझने के बाद इस बारे में कोर्ट की स्थिति साफ होगी. अगर कोर्ट की तरफ से कोई बंदिश नहीं लगाई गई होगी तो उन्हें मंत्री बनाने में बहुत बाधा नहीं होनी चाहिए. संविधान के मुताबिक किसी को भी मंत्री बनाने काद विशेषाधिकार मुख्यमंत्री का ही होता है. यहां तक कि किसी सदन का सदस्य न होने पर भी किसी को मुख्यमंत्री किसी व्यक्ति को मंत्री बना सकता है. शर्त ये है कि छह महीने के भीतर उसे सदन का सदस्य बनना होता है. ये भी पढ़ें :ये ब‍िल मुस्‍लमानों के ल‍िए… व‍िपक्ष का आरोप अल्‍पसंख्‍यकों के खि‍लाफ… JPC के पास चला गया वफ्फ बोर्ड ब‍िल, तो क्‍या होगा अब? मंत्री बनाना सीएम का विशेषाधिकार मुख्यमंत्री के यहां तक के अधिकार तो निश्चित तौर पर अरविंद केजरीवाल के पास हैं ही. साथ ही अरविंद केजरीवाल उन पर भरोसा भी करते हैं. ऐसे में ये माना जा रहा है कि वे मनीष को मंत्री बनाए जाने की सिफारिश करेंगे. अब जेल से लिखी गई उनकी चिट्ठी को दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर कितनी अहमियत देते हैं ये देखा जाना है. हालांकि इस बारे में मुख्यमंत्री की सिफारिश राज्यपाल को माननी ही पड़ती है. ज्यादा से ज्यादा केजरीवाल के जेल में होने के कारण हो सकता है कि एलजी इस पर कानूनी राय लें और फैसला करने में वक्त लगा दें. लेकिन इस स्थिति के बारे में संविधान में कुछ भी नहीं लिखा है. Tags: AAP Government, Arvind kejriwal, Atishi marlena, Manish sisodiaFIRST PUBLISHED : August 9, 2024, 12:06 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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