आगरा में ही है मोहब्बत की निशानी का दूसरा ताजमहल! क्या है इसकी प्रेम कहानी

मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज के लिए यह ताजमहल बनवाया था. लेकिन बता दें कि आगरा में एक नहीं, बल्कि दो-दो ताजमहल है और दोनों से मोहब्बत का किस्सा जुड़ा है. आप सभी ने सफेद संगमरमर की बनी मोहब्बत की निशानी ताजमहल को तो जरूर देखा होगा.

आगरा में ही है मोहब्बत की निशानी का दूसरा ताजमहल! क्या है इसकी प्रेम कहानी
हरिकांत शर्मा/ आगरा:- जब भी आगरा का जिक्र होता है, तो सबसे पहले दिमाग में खूबसूरत और विश्व प्रसिद्ध ताजमहल का चित्र उभरता है. इस खूबसूरत इमारत की दीवानगी ऐसी है कि पूरे विश्व भर से लोग इस मोहब्बत की निशानी का दीदार करने के लिए आगरा खींचे चले आते हैं. मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज के लिए यह ताजमहल बनवाया था. लेकिन बता दें कि आगरा में एक नहीं, बल्कि दो-दो ताजमहल है और दोनों से मोहब्बत का किस्सा जुड़ा है. आप सभी ने सफेद संगमरमर की बनी मोहब्बत की निशानी ताजमहल को तो जरूर देखा होगा. लेकिन क्या आपने आगरा में ही लाल ताजमहल देखा है, जिसे एक पत्नी ने अपने पति की याद में बनवाया था. यह खूबसूरत ताजमहल लाल बलुआ पत्थरों से बना हुआ है, जो हूबहू सफेद ताजमहल के जैसा है. फर्क सिर्फ इतना है कि यह लाल पत्थरों से बना हुआ है और आकार में छोटा है. दोनों ताजमहल है मोहब्बत की निशानी लाल ताजमहल के नाम से पहचान रखने वाली ये इमारत एमजी रोड पर स्थित रोमन कैथोलिक कब्रिस्तान में मौजूद है. लाल गेरुआ पत्थर से बना यह छोटा ताजमहल बिल्कुल सफेद संगमरमर ताजमहल की नकल है. लाल ताजमहल में बस इतना फर्क है कि ये आकार में छोटा और लाल पत्थर से बना हुआ है. लेकिन दोनों ताजमहल में एक बात सामान्य है कि यह दोनों मोहब्बत की निशानी है. पत्नी ने पति की याद में बनवाया लाल ताजमहल आगरा के मशहूर इतिहासकार राजकिशोर शर्मा अपनी किताब तवारीख-ऐ-आगरा में लिखते हैं कि जब भारत में अंग्रेजी हुकूमत थ, ब्रिटिश सेना उस वक्त देश के अलग-अलग हिस्सों में अपना डेरा जमा चुकी थी. उसी समय डच मूल का एक अफसर जान विलियम हैसिंग को आगरा में किले की सुरक्षा में तैनात किया गया. उनकी पत्नी एलिस हैसिंग भी उनके साथ में आगरा आई थी. दोनों पति-पत्नी के बीच बहुत मोहब्बत थी. जब वे ताजमहल घूमने के लिए गए, तो ताज की खूबसूरती देखकर दीवाने हो गए. तभी दोनों ने मन बना लिया था कि जो कोई भी इस संसार से पहले विदा होगा, वो उनकी याद में ताजमहल बनवाएगा. 21 जुलाई 1803 में जान हैसिंग का देहांत हो गया था. उनकी पत्नी ने अपने पति की याद में आगरा के रोमन कैथोलिक कब्रिस्तान में लाल ताजमहल बनवाया था. कम ही लोग जानते हैं लाल ताजमहल के बारे में लाल ताजमहल निर्माण के पीछे भले ही एक बेहद रोचक प्रेम कहानी है. लेकिन इस प्रेम कहानी और लाल गेरुआ पत्थर से बने ताजमहल के बारे में कम ही लोग जानते हैं. यह लाल ताजमहल हुबहू सफेद संगमरमर ताजमहल की तरह बनाया गया है. जान हैसिंग और उनकी पत्नी एलिस हैसिंग शाहजहां की तरह इतनी अमीर तो नहीं थी, लेकिन उन्होंने अपने पति की याद में लाल पत्थर का ताजमहल बनवाया. ये भी पढ़ें:- क्या होता है पोस्टपर्टम डिप्रेशन? प्रेग्नेंसी के बाद महिलाओं को होती है ये बीमारी, जानें लक्षण मुगलिया आर्ट स्ट्रक्चर से बना है लाल ताजमहल एक आम इंसान और बादशाह में क्या फर्क हो सकता है, यह लाल ताजमहल को देखकर आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है. मोहब्बत किसी से भी हो सकती है. सिर्फ फर्क इतना होता है कि किसी की मोहब्बत इतिहास के पन्नों में अमर हो जाती है, तो किसी की गुमनामी के अंधेरों में खो जाती है. ऐसा ही कुछ जान हैसिंग और उनकी पत्नी एलिस हैसिंग के साथ भी हुआ है. कम ही लोग इस लाल ताजमहल के बारे में जानते हैं. जिन लोगों को जानकारी है, केवल वही इस लाल ताजमहल की खूबसूरती को निहारने के लिए जाते हैं. Tags: Agra news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : May 26, 2024, 11:40 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed