सामना में बीजेपी पर फिर बरसी शिवसेना महाराष्ट्र में लोकतंत्र के चीरहरण का लगाया आरोप
सामना में बीजेपी पर फिर बरसी शिवसेना महाराष्ट्र में लोकतंत्र के चीरहरण का लगाया आरोप
Shivsena Attacks BJP: शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र को अस्थिर करने के लिए बीजेपी राजनीतिक नौटंकी करा रही है. शिवसेना में बगावत कराकर महाराष्ट्र की सत्ता पर काबिज होना, यही इस ड्रामे का मुख्य उद्देश्य था. लेकिन ध्यान रखना चाहिए कि यह शिवराय का महाराष्ट्र है, अंधा धृतराष्ट्र नहीं है.
मुंबईः शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए एक बार फिर से बीजेपी पर तीखा हमला बोला है. महाराष्ट्र में लोकतंत्र का वस्त्रहरण किए जाने का आरोप लगाते हुए कहा गया है कि महाराष्ट्र को अस्थिर करने के लिए बीजेपी राजनीतिक नौटंकी करा रही है. ये भी लिखा है कि अगर बीजेपी ने ढाई साल पहले करार में दिए गए वचन का पालन किया होता तो ये नौबत नहीं आती. साथ ही चेतावनी देते हुए कहा गया है कि यह शिवराय का महाराष्ट्र है, अंधा धृतराष्ट्र नहीं है. ये उन्हें ध्यान में रखना चाहिए!
सामना ने लिखा है कि महाराष्ट्र में अस्थिरता पैदा करने के लिए राजनीतिक नौटंकी कराई जा रही है. स्ट्रोक-मास्टर स्ट्रोक ऐसे ड्रामों का प्रयोग प्रस्तुत किया गया. इस पूरे राजनीतिक ड्रामे के सूत्र पर्दे के पीछे से चलाने वाली तथाकथित ‘महाशक्ति’ का ‘पर्दाफाश’ भी बीच के दौर में हुआ है. आरोप लगाया गया कि शिवसेना में बगावत कराकर महाराष्ट्र की सत्ता पर काबिज होना, यही इस ड्रामे का मुख्य उद्देश्य था. इस मकसद को हासिल करने में उसके अलग-अलग पात्रों ने अपनी-अपनी भूमिका निभाई.
शिवसेना ने सामना के जरिए कहा कि उपमुख्यमंत्री बनने वाले अचानक मुख्यमंत्री बन गए. और काश हम मुख्यमंत्री बनेंगे, ऐसा लगने वाले को उपमुख्यमंत्री पद स्वीकार करना पड़ा. फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद के बजाय मन बड़ा करके उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार किया, इस तरह का तर्क अब दिया जा रहा है. सामना ने लिखा कि भाजपा ने करार के अनुरूप दिए गए वचन का पालन करने का ‘बड़ा मन’ अगर ढाई साल पहले दिखाया होता तो बचाव के नाम पर ‘बड़े मन’ की ढाल सामने लाने की नौबत उस पर नहीं आई होती. यह शिवराय का महाराष्ट्र है, अंधा धृतराष्ट्र नहीं है. ये उन्हें ध्यान में रखना चाहिए!
इससे पहले, शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार शुक्रवार को सार्वजनिक टिप्पणी करते हुए भाजपा को आड़े हाथ लिया. उन्होंने कहा कि अगर गृह मंत्री अमित शाह ने 2019 में उनसे किया गया वादा पूरा किया होता तो अब महाराष्ट्र में भाजपा का मुख्यमंत्री होता. ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को ‘‘शिवसेना का मुख्यमंत्री’’ मानने से भी इनकार कर दिया. बाद में, उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को ‘शिवसेना नेता’ के पद से भी हटा दिया. शिंदे को लिखे पत्र में ठाकरे ने उन पर ‘पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल’ होने का आरोप लगाया.
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Tags: BJP, Eknath Shinde, Saamana, Shiv senaFIRST PUBLISHED : July 02, 2022, 07:58 IST