वोटर ID को आधार से जोड़ने के फैसले के खिलाफ याचिका पर विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट

Supreme Court: उच्चतम न्यायालय मतदाता सूची के आंकड़ों को आधार से जोड़ने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने के लिए सोमवार को राजी हो गया है. न्यायमूर्ति एस. के. कौल और न्यायमूर्ति अभय एस ओका की पीठ ने पूर्व मेजर जनरल एस. जी. वोम्बाटकेरे द्वारा दायर याचिका को ऐसे ही एक अन्य लंबित मुकदमे से जोड़ दिया.

वोटर ID को आधार से जोड़ने के फैसले के खिलाफ याचिका पर विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट
हाइलाइट्सआधार से जोड़ने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करेगा SC. पीठ ने कहा कि आधार अनिवार्य हो सकता है लेकिन अधिकारों से दूर रखने के लिए नहीं. वोटर कार्ड को आधार से जोड़ने को चुनाव आयोग पहले ही इसे स्वैच्छिक करार दे चुका है. नई दिल्ली. उच्चतम न्यायालय मतदाता सूची के आंकड़ों को आधार से जोड़ने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने के लिए राजी हो गया है. न्यायमूर्ति एस. के. कौल और न्यायमूर्ति अभय एस ओका की पीठ ने सोमवार को पूर्व मेजर जनरल एस. जी. वोम्बाटकेरे द्वारा दायर याचिका को ऐसे ही एक अन्य लंबित मुकदमे से जोड़ दिया. पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता ने 2019 के आधार से जुड़े फैसले पर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा है कि अगर कुछ लाभ मांगे जाते हैं तो आधार अनिवार्य हो सकता है लेकिन अधिकारों से दूर रखने के लिए नहीं और मतदान का अधिकार ऐसे अधिकारों में सर्वोच्च है. न्यायालय ने कहा कि उन्होंने दो अन्य याचिकाएं भी दायर की हैं इसलिए इसे जोड़ने की आवश्यकता है. इस याचिका को उस मामले से संबद्ध करें. याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने कहा कि मतदान का अधिकार सबसे पवित्र अधिकारों में से एक है और अगर किसी के पास आधार नहीं है तो उसे इससे वंचित नहीं रखा जाना चाहिए. गौरतलब है कि केंद्र ने पहले निर्वाचन पंजीकरण नियमों में संशोधन करते हुए मतदाताओं के नाम एक साथ कई मतदाता सूचियों में होने से रोकने के लिए मतदाता सूची को आधार से जोड़ने की मंजूरी दी थी. वहीं वोटर कार्ड को आधार से जोड़ने को लेकर चुनाव आयोग पहले ही इसे स्वैच्छिक करार दे चुका है. आयोग ने साफ कहा था कि मतदाता पहचान पत्र को आधार से लिंक करने के लिए मतदाताओं को बाध्य नहीं किया जाएगा. पढ़ें: ‘टू-फिंगर’ परीक्षण जारी रहना दुर्भाग्यपूर्ण; अब यह टेस्ट नहीं होना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट वहीं चुनाव आयोग ने इसे लेकर दावा किया था कि इससे इलेक्टोरल रोल में डुप्लीकेसी से बचा जा सकेगा और चुनावों में धांधली रोकने में भी मदद मिलेगी. निर्वाचन आयोग ने भी ट्विटर पर जवाब देते हुए कहा था कि फॉर्म 6बी (आधार विवरण साझा करने के लिए जारी नया फॉर्म) में आधार का विवरण देना स्वैच्छिक है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Aadhar card, Supreme Court, Voter ID CardFIRST PUBLISHED : October 31, 2022, 14:32 IST