850 साल पुराने मेले में एक हाथ पर 250 किलो की छड़ी रख लगती है दौड़ जानें इतिहास
850 साल पुराने मेले में एक हाथ पर 250 किलो की छड़ी रख लगती है दौड़ जानें इतिहास
Jaharveer Gogaji Mela: राजस्थान के बाद यूपी के सहारनपुर में श्री जाहरवीर गोगा जी महाराज का विशाल मेला आयोजित किया जाता है. यह मेला 850 साल पुराना है. जहां मेले में 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं पर हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा की जानी थी, लेकिन मौसम खराब होने की वजह से नहीं हो सका.
सहारनपुर: राजस्थान के बाद सहारनपुर में श्री जाहरवीर गोगा जी महाराज का दूसरा सबसे बड़ा मेला लगता है, जो कि आज से शुरू हो चुका है. बड़ी बात यह है कि 850 सालों में पहली बार इस मेले में आने वाले श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की जानी थी, लेकिन मौसम खराब होने के कारण पुष्प वर्षा नहीं की जा सकी. सुबह से ही हजारों की संख्या में श्रद्धालु जाहरवीर गोगा जी महाराज का नीला निशान म्हाड़ी पर चढ़ने के लिए श्रद्धा भाव से पहुच रहे हैं.
जानें मेले की परंपरा
वहीं, शाम के समय जाहरवीर गोगा जी महाराज के स्वरूप 26 छड़िया बैंड बाजे, ढोल नगाड़ों के साथ दौड़ लगाई, जिसमे श्री जाहरवीर गोगा जी महाराज के भक्ति अपने एक हाथ पर 20 से 25 फीट ऊंची लगभग दो से ढाई कुंतल वजन की छड़ी को उठाकर अकेले ही दौड़ते हैं.
लाखों की संख्या में पहुंचते हैं श्रद्धालु
मान्यता है कि इन सभी छड़ियों में बाबा जाहरवीर गोगा जी महाराज स्वयं विराजमान होते हैं. पूरे देश में यह परंपरा केवल सहारनपुर की गोगाजी म्हाड़ी पर ही की जाती है. इस मेले में 5 से 7 लाख श्रद्धालु बाबा जाहरवीर गोगा जी महाराज के दर्शन करने पहुंचते हैं.
इन छड़ियों से होता है सनातन धर्म का प्रचार
श्री गोगा म्हाड़ी सुधार सभा के चौधरी अनिल प्रताप सैनी ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि लगभग 850 साल पुराना यह मेला लगता रहा है. 850 साल पहले मुगलों के द्वारा मंदिरों को ध्वस्त कर दिया गया था. हिंदुओं की पूजा पाठ पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. उसे समय श्री जाहरवीर गोगा जी महाराज ने सनातन धर्म के प्रचार के लिए नीले झंडे दिए थे.
जानें कितना है छड़ी का वजन
इसके बाद में इन झंडो ने छड़ियों का स्वरूप ले लिया. तभी से यह छड़िया म्हाड़ी स्थल पर जाती है. वहां छड़ियों का मेला लगता है. वहीं, छड़ी के वजन की बात की जाए तो लगभग दो से ढाई कुंतल की एक छड़ी होती है, लेकिन बाबा श्री जाहरवीर गोगा जी महाराज इस छड़ी को एक हाथ से उठाने और उसका बैलेंस कर दौड़ लगानी की अपने भक्त को शक्ति देते हैं.
बाबा के भक्त पिछले 17 दिन से नंगे पांव भारी भरकम वजन वाली इन छड़ियों को उठाकर प्रतिदिन 15 किलोमीटर भ्रमण व शोभायात्रा निकालते हैं. गोगा म्हाड़ी पर 3 दिन पूजा करने के बाद इन छड़ियों को वापस लाया जाता है.
Tags: Local18, Saharanpur newsFIRST PUBLISHED : September 17, 2024, 12:14 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed