Animal Husbandry: 2 भैंसों से शुरू किया था कारोबार अब हर महीना कमा रहे 4 लाख

Cattle Farming: भावनगर जिले के शिहोर तालुका के राजूभाई गगजीभाई राठोड ने आठ साल पहले पशुपालन शुरू किया था. आज उनके पास 80 भैंसें हैं, जो रोजाना 400-450 लीटर दूध देती हैं. वे इस दूध से मिठाई बनाकर बेचते हैं और महीने में तीन से चार लाख रुपये कमाते हैं.

Animal Husbandry: 2 भैंसों से शुरू किया था कारोबार अब हर महीना कमा रहे 4 लाख
भावनगर जिले के शिहोर तालुका के ढाकणकुंडा गांव में रहने वाले राजूभाई गगजीभाई राठोड ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की है. पहले वे हीरे के व्यापार में जुड़े हुए थे और सुरत में काम कर रहे थे. बाद में उन्होंने अपना खुद का व्यापार शुरू करने का निर्णय लिया. उन्हें इस व्यापार में अच्छा मुनाफा मिलने की उम्मीद थी. उन्होंने आठ साल पहले पशुपालन की शुरुआत की, जिसमें शुरुआत केवल दो भैंसों से हुई थी. आज उनके पास लगभग 80 भैंसें हैं और वे रोजाना 400 लीटर से ज्यादा दूध का उत्पादन करते हैं. इसके साथ ही वे दूध से मिठाई भी बनाकर बेचते हैं. खेती और पशुपालन में अच्छा मुनाफा किसान खेती में नए प्रयोग कर रहे हैं और अच्छी कमाई कर रहे हैं. इसके अलावा, वे पशुपालन में भी अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. पशुपालन में वेल्यू एडिशन (मूल्यवर्धन) करके अच्छी कमाई हो रही है. शिहोर तालुका के ढाकणकुंडा गांव में किसान दूध का वेल्यू एडिशन करके अपनी कमाई बढ़ा रहे हैं. उनके पास कुल 80 भैंसें हैं, जिनमें से 32 से 35 भैंसें रोजाना 400 से 450 लीटर दूध देती हैं. इस दूध को वे अपने ही भावनगर स्थित मिठाई की दुकान पर बेचते हैं, जहां वे “प्योर दूध” से बनी विभिन्न प्रकार की मिठाइयां बेचते हैं. इस कारोबार से उन्हें हर महीने तीन से चार लाख रुपये की आमदनी होती है. भैंसों की देखभाल के लिए उन्होंने छह लोगों को रोजगार पर रखा है. पशुपालक राजूभाई का अनुभव पशुपालक राजूभाई गगजीभाई राठोड ने बताया, “मैंने केवल प्राथमिक तक की पढ़ाई की है. पहले हीरे के व्यापार में सुरत में काम कर रहा था, लेकिन फिर मुझे अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने का विचार आया. इसलिए मैं अपने गांव वापस लौट आया. यहां आने के बाद मैंने अपने घर के लिए भैंस खरीदी थी. फिर दूध की बिक्री से होने वाले लाभ को देखकर मैंने भैंसों का तबेला बनाने का फैसला किया था. लगभग 8 से 9 साल पहले इस पशुपालन की शुरुआत की थी. पहले केवल दो भैंसों से इस काम की शुरुआत की थी.” भैंसों की देखभाल और दूध से मिठाई का कारोबार राजूभाई बताते हैं, “वर्तमान में हमारे पास जाफराबादी नस्ल की लगभग 80 भैंसें हैं, जिनमें से 33 से 35 भैंसें दूध देती हैं. रोजाना 400 से 450 लीटर दूध का उत्पादन होता है. इस दूध का उपयोग करके हम विभिन्न प्रकार की मिठाइयां बनाते हैं और उन्हें हमारी दुकान पर बेचते हैं. यहां हमने छह लोगों को रोजगार पर रखा है. पहले अन्य लोग दूध का बिक्री करते थे, लेकिन एक साल पहले मैंने अपनी मिठाई की दुकान शुरू की. आजकल इन 80 भैंसों का रख-रखाव करने में तीन लाख रुपये से ज्यादा का खर्च आता है. खर्चों के बाद, हमें हर महीने तीन से चार लाख रुपये का मुनाफा होता है.” भैंसों की देखभाल में तकनीकी सुधार राजूभाई ने बताया, “हमने अपने तबेले में भैंसों को पानी पिलाने के लिए ऑटोमेटिक सिस्टम भी लगाया है, जिससे उनकी देखभाल में आसानी होती है.” Tags: Animal husbandry, Gujarat, Local18, Special ProjectFIRST PUBLISHED : November 11, 2024, 12:47 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed