4 दिन से ताबड़तोड़ चढ़ता जा रहा था बाजार फिर ऐसा क्या हुआ जो टूट गया
4 दिन से ताबड़तोड़ चढ़ता जा रहा था बाजार फिर ऐसा क्या हुआ जो टूट गया
Stock Market : शेयर बाजार में लगातार तेजी के बाद अचानक गिरावट दिखी तो तमाम रणनीतिकार चौंक उठे. निवेशकों के साथ मार्केट एक्सपर्ट को भी बाजार ने चौंका दिया है. बाजार में आई इस अचानक गिरावट के कई कारण हैं जिसमें एक चुनाव को लेकर चिंता भी है.
हाइलाइट्स सेंसेक्स 384 अंक टूटा है तो निफ्टी 140 अंक नीचे आ गिरा. बाजार में VIX 2 फीसदी बढ़कर 17 फीसदी पहुंच गया है. 7 मई के कारोबार में मिडकैप इंडेक्स 1.90 फीसदी टूटा है.
नई दिल्ली. भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) लगातार नई ऊंचाईयों पर जा रहा है. साल 2024 में तो इसने रिकॉर्ड ही बना दिया. मई महीने की ही बात करें तो बीते 4 कारोबारी सत्र में सेंसेक्स करीब 3.3 फीसदी की बढ़त बना चुका है. एक्सपर्ट और निवेशकों दोनों को ही उम्मीद थी कि आगे बढ़ने के साथ सत्र दर सत्र बाजार नई ऊंचाई पर ही जाएगा, लेकिन मंगलवार को निवेशकों का दिल उस समय टूट गया जब सारे कयासों से इतर बाजार टूट गया. मई से इसलिए भी ज्यादा उम्मीदें रहीं, क्योंकि इससे पहले अप्रैल में बाजार 0.30 फीसदी चढ़ा था तो मार्च में 18 फीसदी की गिरावट रही थी.
बाजार में आई इस गिरावट को लेकर एक्सपर्ट कई तरह के कयास लगा रहे हैं. उनका कहना है कि इस समय बाजार में जोखिम का स्तर काफी ज्यादा बढ़ गया है. वोलाटिलिटी इंडेक्स (VIX index) मई में बढ़ता जा रहा है. 7 मई को सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में ही करीब आधे फीसदी की गिरावट दिखी है. सेंसेक्स 384 अंक टूटा तो निफ्टी 140 अंक नीचे आ गिरा. बाजार में VIX 2 फीसदी बढ़कर 17 फीसदी पहुंच गया है, जो उतार-चढ़ाव की आशंका को बताता है. 7 मई के कारोबार में मिडकैप इंडेक्स 1.90 फीसदी तो स्मॉलकैप 1.65 फीसदी टूट गए. आखिर इस गिरावट के बड़े कारण क्या हैं, इसकी पड़ताल एक्सपर्ट के हवाले से करते हैं.
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विदेशी निवेशकों की बिकवाली
इक्विनॉमिक्स रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड के शोध प्रमुख और फाउंडर जी चोकालिंगम का कहना है कि बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की बिकवाली बढ़ने से गिरावट दिख रही है. मई के 3 कारोबारी सत्र में भी विदेशी निवेशकों ने 982 करोड़ रुपये की बिकवाली की है. विदेशी निवेशकों की बेरुखी से घरेलू निवेशकों पर भी दबाव बढ़ रहा है. हालांकि, अमूमन ऐसा होता है कि विदेशी निवेशक चुनाव के दौरान ज्यादा खरीदारी नहीं करते हैं.
चुनाव से पहले की चिंता
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार का कहना है कि लोकसभा चुनाव परिणाम से पहले अक्सर निवेशकों में आशंका रहती है. हालांकि, निवेशकों को भरोसा है कि एनडीए सरकार की फिर सत्ता में वापसी हो रही है, लेकिन चुनाव परिणाम से पहले थोड़ी सतर्कता बरतना लाजिमी होता है.
ज्यादा वैलुएशन बनी फांस
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज का कहना है कि इस समय भारतीय बाजार ओवर वैल्युएशन पर चल रहा है, जो उसके औसत से काफी ज्यादा है. निफ्टी 50 का 12 महीने का प्राइस टू अर्निग रेशियो 19.3 गुना ज्यादा चल रहा है, जो लांग टर्म के लिए 5 फीसदी डिस्काउंट पर होना चाहिए. कोटक इंस्टीट्यूट इक्विटीज का भी कहना है कि बाजार एक्सपेंसिव लेवल पर ट्रेड करना जारी रखेगा.
चौथी तिमाही के निराश करते आंकड़े
कोटक इंस्टीट्यूट इक्विटीज का कहना है कि चौथी तिमाही में कंपनियों की कमाई के आंकड़े निराश करने वाले हैं. कई कंपनियों के रिजल्ट निगेटिव दिखे हैं, जो बाजार की उम्मीदों के विपरीत हैं और वैल्यूएशन को लेकर भी सही आंकड़े नहीं रहते.
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कोई नहीं चिंगारी नहीं दिखती
इक्विट्री के को-फाउंडर पवन भरदिया का कहना है कि बाजार को फिलहाल कोई नई चिंगारी नहीं दिख रही, जिसकी उम्मीद में बढ़त का भरोसा दिखे. इकनॉमिक ग्रोथ तो ठीक है, लेकिन बाजार को पॉलिटिकल स्टेबिलिटी के साथ निवेशकों का भरोसा भी चाहिए, जो फिलहाल प्रॉफिट बुकिंग में लगे हैं.
Tags: Business news in hindi, Investment tips, Share market, Stock MarketsFIRST PUBLISHED : May 7, 2024, 19:52 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed