लेट-लतीफ हुई ट्रेनें स्‍टेशन पर पहुंचने के तुरंत बाद वापसी के लिए होंगी तैयार

लंबी दूरी की ट्रेनें जब लेट होती हैं और स्‍टेशन पहुंचती हैं तो वहां पर साफ सफाई और अन्‍य कामों में समय लगता है. इससे वापसी में भी ये ट्रेनें काफी देरी से चलती हैं. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. पूर्वोत्‍तर रेलवे ने खास व्‍यवस्‍था की है.

लेट-लतीफ हुई ट्रेनें स्‍टेशन पर पहुंचने के तुरंत बाद वापसी के लिए होंगी तैयार
नई दिल्‍ली. लंबी दूरी की ट्रेनें जब लेट होती हैं और स्‍टेशन पहुंचती हैं तो वहां पर साफ सफाई और अन्‍य कामों में समय लगता है. इससे वापसी में भी ये ट्रेनें काफी देरी से चलती हैं. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. पूर्वोत्‍तर रेलवे ने खास व्‍यवस्‍था की है. जिससे लेट-लतीफ हुई ट्रेनें वापसी के लिए तुंरत तैयार हो जाएंगी और गंतव्‍य स्‍टेशन को चलीं जाएंगी. जानें क्‍या है रेलवे की खास व्‍यवस्‍था? पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्‍य जनसम्पर्क अधिकारी पंकज सिंह के अनुसार पूर्वोत्तर रेलवे द्वारा यात्री जनता की सुविधा के ि‍लए ट्रेनों को स्वच्छ बनाये रखने एवं कोचों की साफ-सफाई तथा ग्रीष्मकाल में ट्रेनों में पानी की उपलब्धता हेतु कई प्रभावी कदम उठाये गये हैं. इसके लिये इस रेलवे के विभिन्न स्टेशनों पर आॅटोमैटिक कोच वाशिंग प्लांट एवं क्विक वाटरिंग सिस्टम स्थापित किये गये हैं. मुख्‍य जनसम्पर्क अधिकारी के अनुसार पूर्वोत्तर रेलवे पर औंड़िहार, छपरा, बनारस, गोमती नगर एवं सी.बी. गंज सहित कुल 5 स्टेशनों पर आटोमैटिक कोच वाशिंग प्लांट स्थापित किये गये हैं. आटोमैटिक कोच वाशिंग प्लांट द्वारा 24 कोचों की ट्रेन के यानों के बाहरी सतह पर जमी धूल एवं गंदगी मात्र 15 मिनट में साफ हो जाती है तथा शौचालय के निचले हिस्से की भी सफाई कर उसे संक्रमण मुक्त बनाया जाता है. इसके अतिरिक्त आटोमैटिक कोच वाशिंग प्लांट परंपरागत धुलाई की तुलना में लगभग 20 प्रतिशत पानी का उपयोग करता है, जिससे ट्रेन की धुलाई में लगभग 80 प्रतिशत पानी की बचत होती है. गजब है ये ट्रेन : जितनी बार ब्रेक लगती है, उतना रेलवे को पैसे का होता है फायदा, आप भी जानें इसी क्रम में इस रेलवे पर बनारस, छपरा, मऊ, गोरखपुर, ऐशबाग, फर्रुखाबाद एवं लालकुआं सहित कुल 07 स्टेशनों पर क्विक वाटरिंग सिस्टम स्थापित किये गये हैं. इन स्टेशनों पर क्विक वाटरिंग सिस्टम लग जाने से 24 कोचों की ट्रेनों में पांच से छह मिनट में पानी भरा जा सकता है. साथ ही एक ही समय में कई ट्रेनों में पानी भरने का कार्य किया जा सकता है. इस वर्ष बदल जाएगी भारतीय रेलवे, पांच प्‍वाइंट में समझिए, यात्रियों को किस तरह मिलने वाली है राहत! क्विक वाटरिंग सिस्टम से ट्रेनों में पानी भरने का विवरण जैसे- पानी की उपलब्धता, प्रेशर, मात्रा, खपत, फ्लो एवं पानी भरी जाने वाली ट्रेन का नम्बर इत्यादि एक ही स्क्रीन पर देखा जा सकता है. जिस पर वाटरिंग कार्य के आंकड़े रियल टाइम मानिटरिंग के लिये उपलब्ध रहते हैं. इस सिस्टम से ट्रेनों में कम समय में पानी भर दिये जाने के कारण ट्रेनों का विलंब नहीं होता है तथा यात्रियों हेतु कोच में पानी की उपलब्धता से यात्री संतुष्टि बनी रहती है. Tags: Indian railway, Indian Railway newsFIRST PUBLISHED : May 3, 2024, 07:16 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed