सबसे ज्यादा परेशान करता है यह इंश्योरेंस आधे लोगों को नहीं मिलता है क्लेम
सबसे ज्यादा परेशान करता है यह इंश्योरेंस आधे लोगों को नहीं मिलता है क्लेम
Insurance Claim : कोरोनाकाल के बाद हेल्थ इंश्योरेंस की डिमांड बढ़ गई है, लेकिन इसके साथ ही इंश्योरेंस क्लेम होने की परेशानियां भी बढ़ रही हैं. हाल में हुए एक सर्वे में पता चला है कि करीब आधे मामलों में बीमा कंपनियां क्लेम देने में परेशानी खड़ी करती हैं.
हाइलाइट्स पिछले तीन साल में लगभग 43 प्रतिशत स्वास्थ्य बीमा पॉलिसीधारकों को परेशानी हुई. देशभर के 302 जिलों के 39,000 से अधिक लोगों के बीच इसका सर्वे कराया गया है. 93 प्रतिशत प्रतिभागियों में से अधिकांश ने दावे निपटान प्रक्रिया में बदलाव की बात कही है.
नई दिल्ली. बीमा खरीदते वक्त कंपनियां अपने ग्राहकों से बड़े-बड़े वादे और दावे करती हैं, लेकिन जब क्लेम की बारी आती है तो ज्यादातर मामलों में आनाकानी करती नजर आती हैं. सबसे ज्यादा मुश्किल आती है हेल्थ इंश्योरेंस यानी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में. कोरोनाकाल के बाद देश में हेल्थ इंश्योरेंस की मांग तेजी से बढ़ रही है, लेकिन उतनी ही तेजी से क्लेम खारिज होने या कंपनी की ओर से भुगतान का इनकार करने के मामले भी बढ़ रहे हैं.
एक सर्वे में पता चला है कि पिछले तीन साल में लगभग 43 प्रतिशत स्वास्थ्य बीमा पॉलिसीधारकों को अपने दावों का निपटारा कराने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. एक सर्वेक्षण से यह निष्कर्ष सामने आया है. देशभर के 302 जिलों के 39,000 से अधिक लोगों के बीच कराए गए सर्वेक्षण से पता चला है कि पॉलिसीधारकों को दावे नकारे जाने, आंशिक भुगतान और उनके निपटान में लंबा वक्त लगने जैसी चुनौतियां झेलनी पड़ीं हैं.
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93 फीसदी ने की बदलाव की मांग
सर्वे करने वाली संस्था ‘लोकलसर्किल्स’ के सर्वेक्षण में शामिल 93 प्रतिशत प्रतिभागियों में से अधिकांश ने इस स्थिति से बचने के लिए नियामकीय मोर्चे पर बदलाव की वकालत की. बीमा कंपनियों को हर महीने अपनी वेबसाइट पर विस्तृत दावों और पॉलिसी रद्दीकरण डेटा का खुलासा अनिवार्य करने की मांग भी शामिल है.
इरडा के दखल से भी नहीं बदली सूरत
लोकलसर्किल्स ने कहा, ‘भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) के कुछ हस्तक्षेपों के बावजूद उपभोक्ताओं को अपने स्वास्थ्य दावे प्राप्त करने के लिए बीमा कंपनियों से जूझना पड़ रहा है. इसने स्वास्थ्य बीमा दावों को बीमा कंपनी द्वारा नकारे जाने और पॉलिसी निरस्त कर देने जैसी समस्याओं का भी उल्लेख किया. कई बार बीमा कंपनियां दावे में की गई समूची राशि के बजाय आंशिक राशि को ही मंजूरी देती हैं.
Tags: Business news in hindi, Free health insurance, Health benefit, Health insurance premium, Insurance PolicyFIRST PUBLISHED : May 3, 2024, 07:08 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed