अमेरिका और यूरोप देखते रह गए भारत ने मार ली बाजी चीन तो टक्‍कर में ही नहीं

Indian Economy : भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था इस समय अपने सुनहरे दौर से गुजर रही है. सोमवार को जारी सर्विस सेक्‍टर के आंकड़े बताते हैं कि इस मामले में यूरोप-अमेरिका और चीन से भारतीय बाजार काफी आगे निकल चुका है. दुनिया के तमाम विकसित देश भारत के आसपास भी नहीं दिख रहे हैं.

अमेरिका और यूरोप देखते रह गए भारत ने मार ली बाजी चीन तो टक्‍कर में ही नहीं
हाइलाइट्स सर्विस पीएमआई अप्रैल में 14 वर्ष के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं. देश का कारोबारी गतिविधि सूचकांक मार्च में 61.2 था. पीएमआई की भाषा में 50 से ऊपर अंक का मतलब विस्‍तार से है. नई दिल्‍ली. आर्थिक मोर्चे पर भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था नित नए झंडे गाड़ रही है. ऐसा ही कुछ सर्विस के सेक्‍टर में भी देखने को मिला है. देशभर में बढ़ रही भारतीय प्रोफेशनल्‍स की मांग के चलते देश का सर्विस सेक्‍टर पूरी दुनिया के लिए मिसाल बन गया है. आलम ये है कि अमेरिका और यूरोप जैसे विकसित देश भी देखते रह गए और भारत इनसे मीलों आगे निकल गया. चीन तो भारत के सर्विस सेक्‍टर के आसपास भी नहीं दिख रहा है. एचएसबीसी इंडिया की ओर से सोमवार को जारी सर्विस सेक्‍टर के पीएमआई आंकड़े देखें तो भारतीय सेक्‍टर इस समय 14 साल के शीर्ष पर दिख रहा है. एचएसबीसी इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत में सेवा क्षेत्र की गतिविधियां अनुकूल आर्थिक परिस्थितियों और मजबूत मांग के दम पर अप्रैल में 14 वर्ष के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं. मासिक सर्वेक्षण में पता चला है कि मौसमी रूप से समायोजित एचएसबीसी इंडिया भारत सेवा खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) कारोबारी गतिविधि सूचकांक मार्च में 61.2 था जो अप्रैल में गिरकर 60.8 हो गया, फिर भी यह 14 साल के शीर्ष पर दिख रहा है. पीएमआई की भाषा में 50 से ऊपर अंक का मतलब गतिविधियों में विस्तार से और 50 से कम अंक का आशय गिरावट से होता है. ये भी पढ़ें – 22 कैरेट का सोना Vs 24 कैरेट का सोना: कौन सा गोल्ड भविष्य में मोटा पैसा देगा, जान लेंगी तो लेंगी सही फैसला कंपनियों ने दुनियाभर से हासिल किए ठेके एचएसबीसी के मुख्य अर्थशास्त्री (भारत) प्रांजुल भंडारी ने कहा, ‘अप्रैल में भारत की सेवा गतिविधियों में थोड़ी धीमी गति से वृद्धि हुई, जिसे घरेलू मांग में उल्लेखनीय मजबूती के साथ नए ठेकों और वृद्धि का समर्थन मिला. घरेलू मांग में तेजी के अलावा, कंपनियों ने दुनिया के कई हिस्सों से नए कारोबारी लाभ का भी उल्लेख किया जिसने सामूहिक रूप से सितंबर 2014 में श्रृंखला शुरू होने के बाद से अंतरराष्ट्रीय बिक्री में दूसरी सबसे तेज वृद्धि को बल दिया.’ कंपोजिट पीएमआई भी मजबूत एचएसबीसी इंडिया कंपोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स अप्रैल में 61.5 रहा जो मार्च में 61.8 था. यह 14 वर्षों में दूसरा सबसे मजबूत उछाल है. भंडारी ने कहा, ‘समग्र गतिविधि के संदर्भ में, विनिर्माण व सेवा दोनों क्षेत्रों में कुल उत्पादन अप्रैल में उल्लेखनीय रूप से बढ़ा. हालांकि, थोड़ी धीमी गति से जो इन क्षेत्रों में निरंतर बेहतरी का संकेत देता है.’ अमेरिका-यूरोप और चीन का हाल अमेरिका का सर्विस पीएमआई अप्रैल में गिरकर 49.4 पर आ गया, जो मार्च में 51.4 के स्‍तर पर था. यह आंकड़ा दिसंबर, 2022 के बाद सबसे खराब है. वहीं, यूरोप का सर्विस सेक्‍टर अप्रैल में बढ़कर 51.7 पहुंच गया जो मार्च तक 50.3 रहा था. जाहिर है कि यूरोपीय मार्केट का सर्विस सेक्‍टर विस्‍तार की ओर जा रहा है. इसके चीन का सर्विस पीएमआई अप्रैल में गिरकर 52.5 पर आ गया, जो मार्च तक 52.7 के स्‍तर पर रहा था. कुल मिलाकर इन सभी देशों के आंकड़े भारत के आसपास भी नहीं दिखाई दे रहे हैं. Tags: America News, Business news in hindi, Civil Services, India economy, Indian economyFIRST PUBLISHED : May 6, 2024, 15:36 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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