टैक्‍स बचाने के काम नहीं आएगा बीमा और निवेश राजस्‍व सचिव ने किया इशारा

Single Tax Regime : राजस्‍व सचिव ने कहा है कि भारत में एक ही टैक्‍स व्‍यवस्‍था होनी चाहिए, क्‍योंकि 70 फीसदी लोगों ने अभी तक नया रिजीम ही चुना है. सचिव का इशारा समझें तो आने वाले समय में पुरानी टैक्‍स व्‍यवस्‍था को खत्‍म किया जा सकता है.

टैक्‍स बचाने के काम नहीं आएगा बीमा और निवेश राजस्‍व सचिव ने किया इशारा
हाइलाइट्स 70 फीसदी लोगों ने नया रिजीम अपनाया है. राजस्‍व सचिव ने कहा, एक ही रिजीम सही है. अभी देश में 2 टैक्‍स रिजीम का विकल्‍प है. नई दिल्‍ली. इनकम टैक्‍स बचाने के लिए आप भी निवेश और बीमा प्रोडक्‍ट खरीदते हैं तो जल्‍द ही यह सारी प्‍लानिंग धरी जाएगी. कम से कम सरकार के एक बड़े अधिकारी ने तो ऐसा ही इशारा किया है. अगर इस अधिकारी की बात मानी जाए तो आने वाले समय में देश में सिर्फ एक ही टैक्‍स रिजीम बचेगा. जाहिर है कि अगर एक रिजीम रखने की बात आती है तो सरकार नए टैक्‍स रिजीम (New Tax Regime) को ही लागू करेगी और पुराना टैक्‍स रिजीम पूरी तरह खत्‍म हो जाएगा. ऐसा होता तो इंश्‍योरेंस और इनवेस्‍टमेंट के जरिये इनकम टैक्‍स बचाने की आपकी सारी प्‍लानिंग भी धरी रह जाएगी. दरअसल, निर्मला सीतारमण के वित्‍त मंत्रालय के अधीन आने वाले राजस्‍व विभाग के सचिव संजय मल्‍होत्रा ने एक कार्यक्रम में कहा है कि भारत में एक ही टैक्‍स रिजीम होना चाहिए, दो नहीं. उनका यह बयान उन आंकड़ों के आधार पर आया है, जिसमें कहा जा रहा कि अभी तक 70 फीसदी करदाताओं ने नए टैक्‍स रिजीम के तहत अपना आईटीआर दाखिल किया है. यह आंकड़ा बताता है कि करदाता सरल और कम स्‍लैब वाली इनकम टैक्‍स व्‍यवस्‍था को अपनाना चाहते हैं. ये भी पढ़ें – सबके बूते की बात नहीं रहेगी F&O ट्रेडिंग, 6 गुना होगी महंगी, लाखों कमाने के लिए चाहिए होगा मोटा माल क्‍या कहा राजस्‍व सचिव ने पीएचडी हाउस ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्‍ट्री के एक कार्यक्रम में राजस्‍व सचिव ने कहा कि अभी करदाताओं को 2 ऑप्‍शन मिलते हैं. नया और पुराना टैक्‍स रिजीम. पुराने में टैक्‍स रेट ज्‍यादा है, लेकिन कई तरह की टैक्‍स छूट मिल जाती है. नए रिजीम में रेट कम है तो टैक्‍स छूट नहीं मिलती. हम इनकम टैक्‍स एक्‍ट को सरल बनाना चाहते हैं और अभी यह 1,600 पेज का भारी-भरकम दस्‍तावेज है. पुराने नियमों को जो अब व्‍यवहारिक नहीं होंगे, उन्‍हें हटाना हमारी प्राथमिकता है. रियल एस्‍टेट पर 1 फीसदी बढ़ा टैक्‍स सचिव ने कहा, इस बार बजट में रियल एस्‍टेट सेक्‍टर पर लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्‍स में सिर्फ 1 फीसदी की बढ़ोतरी की है. पिछले साल यह प्रभावी रूप से 11.54 फीसदी था, जो अब 12.5 फीसदी हो गया है. आपको पता है कि सरकार ने महंगाई के सापेक्ष मिलने वाले इंडेक्‍सेशन के लाभ को खत्‍म कर दिया और प्रॉपर्टी पर LTCG 20 फीसदी से घटाकर 12.5 फीसदी कर दिया है. इससे पुरानी संपित्‍तयां बेचने पर टैक्‍स का बोझ बढ़ गया है. इस पर राजस्‍व सचिव ने कहा, हमने पिछले साल भरे गए 10.5 लाख आईटीआर अध्‍ययन किया और इसके बाद ही यह फैसला किया है. विकसित भारत के लिए टैक्‍स जरूरी राजस्‍व सचिव कहा कि हमने टैक्‍स व्‍यवस्‍था को सरल करने के साथ उसका अनुपालन सुनिश्चित किया और जीडीपी के मुकाबले इसमें 40 फीसदी का बड़ा उछाल दिखा है. बजट को भी 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्‍य लेकर बनाया गया है और इसके लिए टैक्‍स जरूरी है. हमारा मकसद टैक्‍स कानून को सरल बनाकर विवादों को खत्‍म करना और राजस्‍व बढ़ाना है. Tags: Business news, Income tax, Income tax exemptionFIRST PUBLISHED : July 31, 2024, 13:05 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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