11 राज्‍यों से गुजरकर NH-44 दिखाता है नदी-पहाड़-झरना-रेत-बर्फ-समंदर के नजारे

NH-44 Story : वैसे तो देश के हर बड़े शहर को नए-नए एक्‍सप्रेसवे से जोड़ा जा रहा है, लेकिन एक ऐसा भी हाईवे है, जो पूरे देश को ही जोड़ता है. यह राजमार्ग अकेले ही 11 राज्‍यों की सैर कराता है और पहाड़ से समंदर और रेगिस्‍तान तक सारे नजारे भी दिखाता है.

11 राज्‍यों से गुजरकर NH-44 दिखाता है नदी-पहाड़-झरना-रेत-बर्फ-समंदर के नजारे
हाइलाइट्स यह राजमार्ग करीब 4,112 किलोमीटर (2,555 मील) लंबा है. कश्‍मीर के श्रीनगर से निकलकर कन्‍याकुमारी तक जाता है. इसे देश के 7 बड़े राजमार्गों को मिलाकर बनाया गया है. नई दिल्‍ली. देश में हाईवे और एक्‍सप्रेसवे के बढ़ते जाल के बीच आज हम आपको एक ऐसे राष्‍ट्रीय राजमार्ग की कहानी बताएंगे, जिसे सभी हाईवे की रीढ़ कहा जाए तो गलत नहीं होगा. यह राजमार्ग न सिर्फ देश का सबसे लंबा हाईवे है, बल्कि यह सबसे ज्‍यादा राज्‍यों से होकर भी गुजरता है. इसके रास्‍ते में नदी, पहाड़, झरना, रेगिस्‍तार, बर्फ और समंदर प्रकृति के ये सभी नजारे दिखते हैं. NH44 के नाम से मशहूर इस हाईवे की विशालता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि यह उत्‍तर में देश के आखिरी छोर से निकलता है और बीचोबीच रास्‍ते से गुजरते हुए दक्षिण में देश के आखिरी छोर पर खत्‍म होता है. दरअसल, हम बात कर रहे हैं कश्‍मीर के श्रीनगर से निकलकर तमिलनाडु के कन्‍याकुमारी तक जाने वाले राष्‍ट्रीय राजमार्ग-44 की. यह राजमार्ग करीब 4,112 किलोमीटर (2,555 मील) लंबा है और देश के उत्‍तर-दक्षिण गलियारे को कवर करता है. इसका पुराना नाम एनएच-7 है और यह पहाड़ों के बीच से निकलकर समंदर के किनारे खत्‍म होता है. ये भी पढ़ें – कल गंवाया तो आज कमाया! एक दिन में निवेशकों ने कर ली भरपाई, बाजार ने दिया भरोसे का गिफ्ट 11 राज्‍यों में दिखते हैं हर नजारे एनएच-44 कश्‍मीर के श्रीनगर से निकलता है, जहां आपको बर्फ से लदे पहाड़ और झरने दिखते हैं. इसके बाद पंजाब में दूर तक फैली खेतों की हरियाली आपका मान मोह लेती है. हरियाणा से होकर दिल्‍ली में इतिहास की झलक दिखाते हुए उत्‍तर प्रदेश में प्रवेश करता है, जहां से राजस्‍थान के रेगिस्‍तान से गुजरकर मध्‍य प्रदेश और महाराष्‍ट्र के खूबसूरत पहाड़ों और झरनों से होते हुए तेलंगाना और आंध्रप्रदेश के समुद्री इलाकों से गुजरता है और कर्नाटक में खूबसूरत बगीचों और जंगलों को पार कर तमिलनाडु में कन्‍याकुमारी तक जाता है, जो समंदर के किनारे देश का आखिरी छोर है. 7 राजमार्गों को मिलाकर बना एनएच-44 ऐसा नहीं है कि एनएच-44 का निर्माण एक बार में ही हो गया है. इसे देश के 7 बड़े राजमार्गों को मिलाकर बनाया गया है. इसमें NH1A, NH1, NH2, NH3, NH75, NH26 और NH7 शामिल हैं. इस विलय के बाद देश में पहली बार उत्‍तर-दक्षिण गलियारा बना और व्‍यवस्थित परिवहन के साथ आर्थिक रूप से भी लाभ मिला. दुनिया का 22वां सबसे बड़ा राजमार्ग NH44 को देश का सबसे बड़ा आर्थिक गलियारा कहा जाए तो गलत नहीं होगा. यह राजमार्ग पंजाब, हरियाणा, यूपी, एमपी और राजस्‍थान जैसे प्रमुख कृषि केंद्रों के अलावा दक्षिण के प्रमुख औद्योगिक केंद्रों और कई बड़े बंदरगाहों को जोड़ने का काम करता है, जो देश में माल और सेवाओं के परिवहन का बड़ा सूत्र है. इतना ही नहीं हाईवे-44 दुनिया का 22वां सबसे बड़ा राजमार्ग भी है. किस राज्‍य में सबसे ज्‍यादा दूरी एनएच-44 की कुल लंबाई में से सबसे ज्‍यादा दूरी तमिलनाडु में स्थित है, जहां 627 किलोमीटर चलना पड़ता है. इसके बाद मध्‍य प्रदेश में 572 किलोमीटर की दूरी आती है. फिर तेलंगाना में 493 किलोमीटर तो पंजाब में 280 किलोमीटर और यूपी में 270 किलोमीटर का रास्‍ता आता है. सबसे कम दूरी दिल्‍ली में तय करनी पड़ती है, जो महज 15 किलोमीटर की है. Tags: Business news, Expressway New Proposal, Jammu kashmir, National Highway 24FIRST PUBLISHED : June 6, 2024, 15:23 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed