सिर्फ 5 हजार की लागत में हो रही लाखों की कमाई इस खेती से मालामाल बना किसान
सिर्फ 5 हजार की लागत में हो रही लाखों की कमाई इस खेती से मालामाल बना किसान
जिले के एक किसान मक्के की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहा है. बाराबंकी जिले के मंजिठा गांव के रहने वाले किसान नंदकिशोर ने एक बीघे में मक्के की खेती की शुरुआत की, जिसमें उन्हें अच्छा लाभ देखने को मिला.
संजय यादव/ बाराबंकी: कुछ ऐसी फसलें हैं, जिनकी खेती करके किसान कम समय में अच्छी कमाई कर सकते हैं. इन्हीं में से एक है बड़ी ज्वार, जिसे मक्का भी कहा जाता है. हमारे देश में मक्के की मांग बहुत अधिक है. इसका सेवन लोग अपने दैनिक जीवन में खूब करते हैं. इसकी खेती करके आप अपनी आमदनी में अच्छी बढ़ोत्तरी कर सकते हैं. वैसे तो भुट्टा मार्केट में अच्छे रेट में जाता है. बाजारों में इसकी कीमत लगभग 30 से 40 रुपये प्रति किलो तक होती है. मक्के की बढ़ती मांग के कारण इसकी कीमत में और भी इजाफा होता रहता है.
जिले के एक किसान मक्के की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहा है. बाराबंकी जिले के मंजिठा गांव के रहने वाले किसान नंदकिशोर ने एक बीघे में मक्के की खेती की शुरुआत की, जिसमें उन्हें अच्छा लाभ देखने को मिला. आज वह करीब दो से ढाई बीघे में मक्के की खेती कर रहे हैं. इस खेती से लगभग उन्हें डेढ़ से दो लाख रुपए का मुनाफा एक फसल पर हो रहा है.
मक्के की खेती करने वाले किसान नंदकिशोर ने बताया कि वैसे तो हम धान, गेहूं, मेंथा की खेती करते हैं पर यह जो मक्के की खेती है, वह एक साल में तीन बार की जा सकती है. इस खेती में जो लागत है बहुत ही कम है. इस बार दो से ढाई बीघे में मक्के की खेती की है, जिसमें लागत करीब एक बीघे में 4 से 5 हजार रुपये आई. क्योंकि इसमें बीज खाद पानी आदि का खर्च आता है और वहीं मुनाफा करीब डेढ़ से दो लाख रुपये तक हो जाता है. क्योंकि हमारा जो भुट्टा है इस समय 35 से 40 रुपये किलो में बिक रहा है. हमारे यहां ज्यादातर व्यापारी खेत से ही भुट्टा खरीद कर ले जाते हैं. हम लोगों को मंडी जाने की जरूरत ही नहीं पड़ती है.
किसान नंदकिशोर ने बताया कि इसकी खेती करना बहुत ही आसान है. पहले हम खेत की जुताई करते हैं. फिर मक्के की बुवाई कर खेत को समतल कर देते हैं. करीब 20 से 22 दिन बाद जब पौधा थोड़ा बड़ा हो जाता है, तब इसकी सिंचाई की जाती है. इससे पौधों की समान रूप से वृद्धि होती है. उसके बाद इसमें हम खाद का छिड़काव कर देते हैं, फिर पौधा लगाने के महज दो ढाई महीने बाद में भुट्टा निकलना शुरू हो जाते हैं. जिसे तोड़कर बाजारों में बेचा जाता है.
Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : July 19, 2024, 16:02 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed