इस मंदिर में मौजूद हैं सैकड़ों की संख्या में शिवलिंगगजब की है मान्यता

गगोल तीर्थ की बात करें तो भारत के विभिन्न तीर्थ स्थलों में प्रमुख स्थान माना जाता है. मंदिर के महंत बताते हैं कि जब राक्षसों का आतंक बढ़ गया था. वह किसी भी धार्मिक अनुष्ठान को पूर्ण होने नहीं देते थे.

इस मंदिर में मौजूद हैं सैकड़ों की संख्या में शिवलिंगगजब की है मान्यता
विशाल भटनागर/ मेरठ: शिवरात्रि के पावन पर्व पर भोले भक्त विभिन्न शिवालयों में जाकर विधि विधान के साथ भोले बाबा की शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हुए नजर आते हैं. जिससे कि भोले बाबा उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करें. लेकिन आज हम आपको ऐसे तीर्थ के बारे में बताएंगे, जहां एक नहीं बल्कि सैकड़ों  की संख्या में शिवलिंग मौजूद हैं. जहां भोले भक्त विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कर सकते हैं. जी हां मेरठ के महर्षि विश्वामित्र तपोस्थली पर इसी तरह से मोक्ष धाम बनाया गया है. 21 परिक्रमा पूरी कर बाहर आते हैं भक्त मंदिर के महंत शिवदास महाराज बताते हैं कि एक बार उन्हें सपने में इस तरह के स्वास्तिक आकार में शिवलिंग दिखाई दिए. ऐसे में उन्होंने अपने सेवकों से इस बात को लेकर चर्चा की, तो उन्हें एक शिष्य ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण ने इस तरह के शिवलिंग का उल्लेख किया है. तब उन्होंने विभिन्न धार्मिक तथ्यों का अध्ययन किया. उनमें स्पष्ट तौर पर इस तरह के स्वास्तिक आकार में बने शिवलिंग का उल्लेख किया गया था. जिनकी पूजा अर्चना करने से मोक्ष की प्राप्ति मानी जाती है. ऐसे में उन्होंने भोले बाबा की कृपा से निर्माण के बारे में सोचा और आज यहां पर एक नहीं बल्कि सैकड़ों की संख्या में शिवलिंग मौजूद हैं. वह बताते हैं कि भोले भक्त पूर्व की दिशा से इसमें जलाभिषेक के लिए प्रवेश करते हैं. छोटे-छोटे शिवलिंगों पर जलभिषेक करते हुए विशाल शिवलिंग के पास पहुंचते हैं. 21 परिक्रमा पूर्ण कर बाहर आते हैं. धार्मिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है गगोल गगोल तीर्थ की बात करें तो भारत के विभिन्न तीर्थ स्थलों में प्रमुख स्थान माना जाता है. मंदिर के महंत बताते हैं कि जब राक्षसों का आतंक बढ़ गया था. वह किसी भी धार्मिक अनुष्ठान को पूर्ण होने नहीं देते थे. महर्षि विश्वामित्र भगवान श्री राम एवं लक्ष्मण को अपने साथ लेकर आए थे. तब भगवान श्री राम व लक्ष्मण ने विभिन्न राक्षसों का वध किया था. बता दें कि महंत तो यह भी कहते हैं कि यहां पर एक सरोवर भी देखने को मिलेगा. सरोवर की उत्पत्ति भी भगवान श्री राम ने तीर मार कर ही की थी. ऐसे में छठ पर्व हो या विभिन्न सनातन परंपरा से जुड़े पर्व पर यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु पूजा अर्चना करते हुए नजर आते हैं. Tags: Hindi news, Local18, Religion 18, Sawan MonthFIRST PUBLISHED : August 2, 2024, 11:11 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
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