रिटायर्ड शिक्षक बना किसान शुरू की यह खेती लाखों की कर रहा कमाई
रिटायर्ड शिक्षक बना किसान शुरू की यह खेती लाखों की कर रहा कमाई
किसान राधेश्याम ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट की खेती करने के लिए एक एकड़ में चार से पांच लाख रुपये का खर्च आता है. एक बार पौधा लग जाने के बाद कई वर्षों तक फल देता है.
मुकेश पाण्डेय/मिर्जापुर : उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में रिटायर्ड प्रवक्ता राधेश्याम सिंह ड्रैगन फ्रूट व स्ट्रॉबरी की खेती करके लाखों का मुनाफा कमा चुके हैं. कॉलेज से रिटायर होने के बाद उन्होंने परंपरागत खेती से हटकर कुछ अलग खेती करनी शुरू की. केले की खेती करने के बाद उन्होंने ड्रैगन फ्रूट व इटेलियन स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की. जिससे वह लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं. अलग खेती करके वह न सिर्फ मुनाफा कमा रहे हैं, बल्कि उनके पौधे को भी बेचकर खूब पैसा कमा रहे हैं. किसान को राज्यपाल व मुख्यमंत्री भी सम्मानित कर चुके हैं.
राजगढ़ क्षेत्र के ददरा के रहने वाले किसान राधेश्याम सिंह इंटर कॉलेज में प्रवक्ता थे. रिटायर होने के बाद उनके मन में खेती करने का आइडिया आया. उन्होंने 2017 में केले की खेती शुरू की. केले की खेती के लिए उनको मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया. केले के बाद किसान ने ड्रैगन फ्रूट व इटेलियन स्ट्रॉबेरी की खेती की. जिसमें उन्होंने पिछले साल 6 लाख 50 हजार रुपये का मुनाफा कमाया. किसान राधेश्याम को राज्यपाल भी सम्मानित कर चुकी हैं.
ड्रैगन फ्रूट व स्ट्रॉबेरी की खेती करके कमाया मुनाफा
किसान राधेश्याम ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट की खेती करने के लिए एक एकड़ में चार से पांच लाख रुपये का खर्च आता है. एक बार पौधा लग जाने के बाद कई वर्षों तक फल देता है. हमने तीन साल पहले खेती शुरू की थी. डेढ़ एकड़ में हमने 700 पिलर लगाएं हैं. पिछले वर्ष हमें ड्रैगन फ्रूट से 4 लाख 50 हजार का मुनाफा हुआ है. वहीं, ड्रैगन फ्रूट की नर्सरी बेचकर डेढ़ लाख रुपये का मुनाफा कमाया. स्ट्रॉबरी से हमें एक बीघा में 5 से 6 लाख रुपये मिल जाता है.
स्ट्रॉबरी में किया अलग प्रयोग
किसान राधेश्याम ने बताया कि हमने स्ट्रॉबरी की खेती में नया प्रयोग करते हुए नर्सरी के लिए इटली से मदर प्लांट मंगाया है. मोरानो और नवेला से मंगाकर हमने कुछ और प्लांट तैयार किए हैं. उसी से हमने खेती शुरू की. उससे भी हमें काफी लाभ मिलता है. चार से पांच लाख का मुनाफा एक बीघा में होता है. ड्रैगन फ्रूट इम्युनिटी को बेहतर बनाता है. इससे फाइबर भी मिलता है. इसकी बाजार में भी काफी डिमांड रहती है.
Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : June 18, 2024, 08:38 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed