इस माह करें खेतों में गन्ने की बुआई बंपर पैदावार के साथ मुनाफा होगा दोगुना
इस माह करें खेतों में गन्ने की बुआई बंपर पैदावार के साथ मुनाफा होगा दोगुना
Sugarcane Production in Meerut: उत्तर प्रदेश सरकार किसानों की फसलों को दोगुनी लाभ पहुंचाने के लिए लगातर प्रयासरत है. इसके लिए मेरठ में किसानों को गन्ने की खेती करने के लिए विशेष सलाह दी गई है. इसके माध्यम से किसान फसलों से डबल मुनाफा कमा सकते हैं.
मेरठ: बदलते दौर की अगर बात की जाए तो भारत सरकार द्वारा किसानों की आय को दोगुना करने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रयास किए जा रहे हैं. इसको लेकर भी सरकार द्वारा विभिन्न कार्यक्रम भी संचालित किया जा रहे हैं. ताकि किसान खेती में भी वैज्ञानिक पद्धति का अनुसरण करते हुए उन्नत किसान बन सके.
इसी कड़ी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ की बात करें तो यहां किसानों द्वारा बड़ी संख्या में गन्ने की खेती की जाती है, लेकिन इसकी बुवाई को लेकर कोई निश्चित समय यहां देखने को नहीं मिलता. जिसका असर कहीं ना कहीं सीधे तौर पर गन्ने की पैदावार पर देखने को मिलता है. ऐसे में एक्सपर्ट कहते हैं. अगर गन्ने की बुवाई 15 अक्टूबर से 30 नवंबर माह के मध्य की जाए, तो किसानों को काफी फायदा होगा.
गन्ने की बुवाई यह माह है सबसे बढ़िया
मेरठ मंडल में गन्ना उपायुक्त राजेश मिश्र ने लोकल-18 से खास बातचीत करते हुए बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की अगर बात की जाए, तो मात्र 10% किसान यहां पर अक्टूबर नवंबर माह में गन्ने की फसल को बोना उचित समझते हैं. जबकि 90% किसान अन्य मौसम में गन्ने की फसल बुबाई करते हैं. जबकि अक्टूबर-नवंबर माह में गन्ने की फसल बुवाई के लिए सबसे उपयोगी रहता है. अगर किसान इस पद्धति को अपनाएंगे, तो दोगुनी आय होगी. क्योंकि शरद कालीन गन्ने की बुवाई के साथ अन्य प्रकार की फसलों का सहफसली के तौर पर भी लाभ लिया जा सकता है.
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
गन्ना उपायुक्त राजेश मिश्र के अनुसार खेतों में गन्ने की बुवाई करने से पहले मिट्टी की जांच अवश्य कराएं. क्योंकि जब खेत की मिट्टी की जांच किसानों द्वारा आधुनिक लैब में कराई जाती है, तो उस मिट्टी की उर्वरक क्षमता के बारे में किसानों को पता चल जाता है. इससे आपको लैब के द्वारा ही खेती करने की विभिन्न प्रकार की विधि बताई जाएगी. उसी के अनुसार कितना खाद, पानी और बीज का उपयोग करना चाहिए.
उसके बारे में किसानों को पता चल जाएगा, क्योंकि कई बार देखा जाता है कि जमीन की जांच न करने के कारण किसान फर्टिलाइजर का खेतों में अधिक उपयोग करते हैं. जिससे कहीं ना कहीं जो मिट्टी की उर्वरकक्षमता है. उस पर असर होता है. इससे किसान की लागत अधिक मुनाफा कम होता है.
बीज के ट्रीटमेंट पर भी रखिए विशेष ध्यान
गन्ना उपायुक्त के अनुसार गन्ने के बीज की वैरायटी में भी देखा जाता है कि काफी रोग लग जाते हैं. जब लोग से संबंधित बीज को खेत में बुवाई कर देते हैं, तो उसका सीधा असर फसल पर देखने को मिलता है. ऐसे में हमें पहले ही बीज का ट्रीटमेंट करना चाहिए. जिसके लिए बाजार में विभिन्न प्रकार की चीज उपलब्ध है.
अगर इन सभी बातों का किसान ध्यान रखेंगे, तो उन्हें काफी फायदा होगा. बता दें कि वेस्ट यूपी से संबंधित मेरठ, बुलंदशहर, हापुड़, बागपत एवं अन्य जनपदों में किसान इस विधि के माध्यम से गन्ने के साथ अन्य प्रकार की शरदकालीन फसलों को भी उग रहे हैं. जिससे उन्हें काफी मुनाफा हो रहा है. वह उन्नत किसानों की श्रेणी में शामिल हो रहे हैं.
Tags: Agriculture, Local18, Meerut news, Sugarcane Farmer, Sugarcane FarmersFIRST PUBLISHED : September 6, 2024, 10:24 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed