पीली पड़ रही हैं गन्ने की पत्तियां सूख रही है फसल जानें रोग का कारण और दवा

Sugarcane yellow and crops drying medicine: इन दिनों गन्ने की फसल में तेजी से रोग लग रहे हैं जिस कारण किसान बेहद परेशान हैं. शारदा नदी में आई बाढ़ के बाद तराई क्षेत्र के अधिकांश गन्ने की फसल में काफी दिन तक बाढ़ का पानी भरे रहने के कारण किसानों की फसल बर्बाद हो रही है...

पीली पड़ रही हैं गन्ने की पत्तियां सूख रही है फसल जानें रोग का कारण और दवा
रिपोर्ट- अतीश त्रिवेदी लखीमपुर खीरी: गन्ने की फसल में पत्तियों का पीला पड़ना और सूखना किसानों के लिए एक बड़ा चिंता का विषय बन गया है. इस स्थिति में किसान अक्सर घबरा जाते हैं लेकिन, घबराने की जरूरत नहीं है. इस समस्या के कई कारण हो सकते हैं और सही समय पर इसका निदान और नियंत्रण किया जाए तो फसल को बचाया जा सकता है. आइए, इस समस्या के कारणों और उनके बचाव के उपायों के बारे में विस्तार से जानते हैं. गन्ने की फसल में इन दिनों तेजी से रोग उत्पन्न हो रहे हैं जिसको लेकर कृषि एक्सपर्ट डॉक्टर प्रदीप कुमार ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इन दिनों गन्ने की फसल में गन्ने की पत्तियां पीली पड़ रही हैं और पौधे सूख रहे हैं जिस कारण किसान बेहद परेशान हैं. उन्होंने बताया कि गन्ने के खेतों में नमी खत्म होने से आयरन की कमी पड़ रही है जिससे गन्ने की फसल की पत्तियां पीली पड़ने लगी हैं. कृषि वैज्ञानिकों का दावा है कि खेत में नमी की कमी, अधिकतम गर्मी की वजह से फसल में आयरन की कमी हुई है और इससे गन्ने की पत्तियां पीली पड़ रही हैं. गन्ना पीला पत्ता वायरस (एससीवाईएलवी), स्वाभाविक रूप से कम से कम तीन पौधों की प्रजातियों को संक्रमित करता भी है. वहीं शारदा नदी में आई बाढ़ के बाद काफी दिन तक बाढ़ का पानी जमा रह जाने के कारण अधिकांश किसानों के गन्ने के पौधे सूखने लगे हैं और गन्ने की पत्तियां पीली पड़ने लगी हैं. गन्ने की पत्तियों के पीले पड़ने और सूखने के कारण गन्ने की फसल में पत्तियों का पीला पड़ना और सूखना किसानों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है. इस समय गन्ने के खेतों में कुछ बीमारियों और कीटों के कारण फसल पीली पड़ रही है. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि गन्ने की फसल का पीलापन जड़ बेधक कीट, वाइरल पीला रोग और उकठा रोग के कारण हो सकता है क्योंकि इन कीटों और बीमारियों का प्रकोप इस समय अधिक देखा जा रहा है. इस दवा का करें प्रयोग खेत में गन्ने के जड़ क्षेत्र में कार्बेन्डाजिम का छिड़काव करें और 15 दिनों के अंतराल पर यही प्रक्रिया दोहराएं. ट्राइकोडर्मा स्पीसीज को 10 किग्रा प्रति हेक्टेयर की दर से 100-200 किग्रा कम्पोस्ट खाद के साथ मिलाकर खेत में बिखेरें. सल्फर और जिंक का छिड़काव भी इस रोग पर प्रभावी नियंत्रण प्रदान कर सकता है. Tags: Local18FIRST PUBLISHED : September 7, 2024, 19:59 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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