इस किसान ने फॉर्म हाउस को बनाया रूरल टूरिज्म का हब कमाई भी है जबरदस्त
इस किसान ने फॉर्म हाउस को बनाया रूरल टूरिज्म का हब कमाई भी है जबरदस्त
अचल मिश्रा रूरल टूरिज्म को बढ़ावा दे रहे हैं. इनके खेत से दुधवा के किशनपुर पार्क की दूरी महज 6 किलोमीटर है. दुधवा के साथ टाइअप कर अपने फार्म हाउस में ही रुकने की व्यवस्था की है. साथ ही यूपी के पर्टयन विभाग से मिलकर यहां यात्रियों के रुकने का इंतजाम किया है. महज 999 रूपए में बुकिंग करा सकते हैं. खाने में सिर्फ जैविक उत्पाद परोसते हैं.
लखीमपुर खीरी. यूपी के लखीमपुर जिले के मड़ाई पुरवा गांव के रहने वाले प्रगतिशील किसान अचल मिश्रा ने गांव में पर्टयन को नया आयाम दे रहे हैं. अचल मिश्रा खेती में नए-नए प्रयोग के साथ अपने खेत को रूरल टूरिज्म से जोड़ने का अनूठा काम किया है.
इनके इस अनूठे पहल को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं और जानकारी भी हासिल करते हैं. इनका यह छोटा सा प्रयास रूरल टूरिज्म को बूस्ट करने का काम कर रहा है. साथ ही यह सैलानियों के लिए शहर की भीड-भाड़ से दूर ठहरने के लिए बेहतर जगह बन गया है.
दुधवा नेशनल पार्क से है बेहद नजदीक
अचल मिश्रा ने लोकल 18 को बताया कि बताया कि उनके खेत से दुधवा के किशनपुर पार्क की दूरी महज 6 किलोमीटर है. उन्होंने बताया कि दुधवा के साथ टाइअप कर अपने फार्म हाउस में ही रुकने की व्यवस्था की है. साथ ही यूपी के पर्टयन विभाग से मिलकर यहां यात्रियों के रुकने का इंतजाम किया है. इसके बदले अच्छी-खासी कमाई होती है. यूपी टूरिज्म की तरफ से इसकी बुकिंग भी होती है. किसान ने जानकारी देते हुए बताया कि दुधवा नेशनल पार्क व किशनपुर में सैलानी देश-विदेश से बाघ को देखने के लिए आते हैं. इसलिए अपने इस फार्म पर सैलानियों को रुकने के लिए रूरल टूरिज्म तैयार किया है.
999 रूपए में करा सकते हैं बुकिंग
अंचल मिश्रा ने बताया कि बुकिंग के लिए 999 रुपए सैलानियों से लिए जाते हैं. गेस्ट हाउस में ठहरने वाले सैलानियों को शुद्ध और जैविक भोजन उपलब्ध कराते हैं. यहां शहर की भाग-दौड़ भरी जिंदगी से कहीं ज़्यादा शांति मिलता है. इसके साथ ही जैविक विधि से तैयार की गई सब्जियों और अनाज का भोजन सैलानियों को मिलता है. इस उनके फार्म हाउस से करीब 6 किलोमीटर दूरी दुधवा के किशनपुर में सबसे अधिक सैलानियों को बाघ का दीदार होता है. अचल ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से संबद्ध केल्विन डिग्री कॉलेज से विधि स्नातक की पढ़ाई है. अचल अपनी यूनिवर्सटी से गोल्ड मेडेलिस्ट भी रह चुके हैं. अचल मिश्रा ने बताया कि पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी करने के बजाए बजाए खेती को ही रोजगार का जरिया बनाया.
Tags: Dudhwa Tiger Reserve, Lakhimpur Kheri News, Local18, Tourism Minister Prahlad PatelFIRST PUBLISHED : August 24, 2024, 12:47 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed