पुलिस ने हिट एण्ड रन केस में किया अरेस्ट भैरों बाबा की गवाही ने पलटी बाजी
पुलिस ने हिट एण्ड रन केस में किया अरेस्ट भैरों बाबा की गवाही ने पलटी बाजी
Yoddha Story Series: चतुर्भुज इस बात को लेकर परेशाना था कि जिस जगह पर अपनी पूरी जिंदगी में नहीं गया, उस जगह पर वह वारदात को कैसे अंदाज दे सकता है. लेकिन समस्या यह थी कि वह अपनी बेगुनाही कैसे साबित करे. लेकिन, अचानक उसे याद आया कि .... पूरी कहानी जानने के लिए पढ़ें आगे...
Yoddha Story Series: चतुर्भुज अपने ऑटो में सवारी को बैठाकर मंजिल की तरफ बढ़ा ही था, तभी एक अनजान नंबर से उसके मोबाइल पर फोन आता है. फोन उठाते ही दूसरी तरह से बेहद सख्त आवाज आती है – चतुर्भुज बोल रहे हो. चतुर्भुज के हां बोलते ही, दूसरे तरफ से फिर आवाज आई – मैं नंद नगरी थाने से बोल रहा हूं. फौरन अपना ऑटो लेकर नंद नगरी थाने पहुंच जाओ. इस फोन कॉल के बाद चतुर्भुज के लिए यह समझना बेहद मुश्किल हो रहा था कि उसने आखिर ऐसा क्या किया, जिसके चलते उसे पुलिस स्टेशन बुलाया गया है.
खैर, सवारी को उसकी मंजिल पर छोड़ने के बाद चतुर्भुज भागता हुआ नंद नगरी थाने पहुंच जाता है. वहां जाकर उसे पता चलता है कि उसके ऑटो से कुछ दिन पहले नंद नगरी इलाके में एक शख्स का एक्सीडेंट हो गया है और उस पर हिट एण्ड रन का आरोप है. इसी आरोप के तहत पुलिस चतुर्भुज को गिरफ्तार कर उसका ऑटो जब्त कर लेती है. चूंकि मामला जमानती था, लिहाजा चतुर्भुज को जमानत पर रिहा कर दिया जाता है. इतना सब कुछ हो जाने के बाद चतुर्भुज को अभी तक कुछ समय में नहीं आ रहा था.
जमानत पर रिहा होने के बाद चतुर्भुज अपने घर के लिए निकल तो पड़ा था, लेकिन उसके दिमाग पर एक ही बात बार-बार कौंध रही थी कि जब वह दुर्घटना में समय मौके पर था ही नहीं, तो उसके ऑटो का नंबर पुलिस को कहां से मिल गया. क्या उसके खिलाफ किसी ने साजिश रची है? इसी उधेड़बुन में चतुर्भुज अपने घर पहुंच गया. घर पहुंचते ही उसे याद आया कि जिस वक्त दुर्घटना की बात कही जा रही है, उस वक्त तो वह भैरव बाबा के ‘दरबार’ में था. इतना याद आते ही चतुर्भुज उल्टे पांव भैरव बाबा के मंदिर की तरफ भाग चला.
बाबा के दरबार में मिला बेगुनाही का सबूत
वहां पहुंचने के बाद चतुर्भुज ने चारों तरफ निहारना शुरू किया. अचानक उसकी निगाह वहां लगे एक सीसीटीवी कैमरे पर पड़ती है. कुछ ही देर में चतुर्भुज उस ऑफिस में पहुंच जाता है, जहां पर इन सीसीटीवी कैमरों की फुटेज थी, बहुत हाथ पैर जोड़ने के बाद चतुर्भुज की सीसीटीवी देखने की इजाजत मिल जाती है. लंबी मशक्कत के बाद एक फुटेज में चतुर्भुज को वह खुद और उसका ऑटो नजर आ जाता है. अब चतुर्भुज के सामने मुश्किल यह थी कि वह सीसीटीवी फुटेज हासिल कैसे करे.
अब चतुर्भुज को कानूनी मदद की दरकार थी. लिहाजा, वह कड़कड़डूमा कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष भदौरिया के पास पहुंचता है. बकौल एडवोकेट मनीष भदौरिया, चतुर्भुज ने उन्हें बताया कि वह अपने जीवन में कभी पूर्वी दिल्ली इलाके की तरफ नहीं आया है. उसने बताया कि यह पहला वाकया है, जब उसे पुलिस के बुलावे पर यमुना पार आना पड़ा है. अब पुलिस ने उसका ऑटो जब्त कर उसे क्यों गिरफ्तार कर लिया है, उस उसकी समझ से बाहर हो रहा है.
सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल लोकेशन बना सबूत
एडवोकेट मनीष भदौरिया ने बताया कि पुलिस हादसे का जो वक्त बता रही है, उस वक्त वह महरौली स्थित भैरों बाबा के मंदिर परिसर में था. वहां उसकी मौजूदगी सीसीटीवी कैमरों में देखी जा सकती है. इसके बाद, एडवोकेट मनीष भदौरिया की मदद से चतुर्भुज ने कोर्ट ने आवेदन देकर मंदिर परिसर में लगे दिल्ली सरकार के कैमरों की फुटेज सुरक्षित करने का आवेदन किया. चतुर्भुज की अपील स्वीकार करते हुए कोर्ट ने मंदिर परिसर में लगे कैमरों की फुटेज की जांच करने का आदेश दिया. जब इन सीसीटीवी कैमरों की जांच की गई तो पाया गया कि चतुर्भुज सच बोल रहा था.
वह घटना वाले दिन सुबह 9:15 बजे महरौली के बताए गए स्थान पर मौजूद था, जबकि शिकायतकर्ता ने वारदात का समय सुबह 9 बजे बताई थी. इसके बाद, पुलिस ने चतुर्भुज की मोबाइल लोकेशन भी चेक की. जांच में मोबाइल लोकेशन भी महरौल में पाई गई. पुलिस ने जांच में सामने आए यह तथ्य अपनी रिपोर्ट में शामिल कर लिए हैं. उम्मीद है कि भैरो बाबा के दरबार से आए नए तथ्य इस केस को जल्द ही निष्कर्ष तक पहुंचाने में मदद करेंगे.
क्या था पूरा मामला
नंद नगरी पुलिस स्टेशन को न्यू सीमापुरी इलाके से एक हिट एण्ड रन की पीसीआर कॉल मिलती है. मौके पर पहुंचे के बाद पुलिस को पता चलता है कि हादसे में जख्मी हुए शख्स का नाम योगेश है, उसे पीसीआर जीटीबी हॉस्पिटल लेकर गई है. हॉस्पिटल पहुंचने पर पता चलता है कि गगन को गंभीर चोटें आई हैं और वह बेहतर इलाज के इरादे से साहिबाबाद स्थिति वर्धमान नर्सिम होम चला आया है. जब पुलिस टीम नर्सिंग होम पहुंचती है तो गगन ने इलाके बाद बयान दर्ज कराने की बात कही.
हादसे से करीब 17 दिन बाद गगन ने पुलिस स्टेशन पहुंचकर अपने बयान दर्ज कराए. अपने बयान में उसने बताया कि गगन सिनेमा के पास एक ऑटो ने उसे जोरदार टक्कर मार दी. गगन ने अपने बयान में ऑटो का जो रजिस्ट्रेशन नंबर उपलब्ध कराया, उसी के आधार पर पुलिस ने हादसे को अंजाम देने वाले ऑटो चालक की तलाश शुरू कर दी. जांच में पता चला कि यह ऑटो चतुर्भुज के नाम पर रजिस्टर्ड है. जिसके बाद, पुलिस ने चतुर्भुज को कॉल कर थाने में हाजिर होने के लिए बोल दिया.
Tags: Crime News, Delhi news, Delhi policeFIRST PUBLISHED : September 6, 2024, 11:17 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed