रामपुर में सबसे पहले इस महल में आई थी लाइट बल्ब-पंखे का बिल आता था 2 रुपये
रामपुर में सबसे पहले इस महल में आई थी लाइट बल्ब-पंखे का बिल आता था 2 रुपये
रामपुर रियासत के आखिरी नवाब रजा अली खां ने रामपुर में उच्च शिक्षा की जरूरत महसूस करते हुए एक डिग्री कॉलेज खोलने की अनुमति दी थी, जो खुसरो बाग में खोला गया. 16 जुलाई 1949 को राजकीय डिग्री कॉलेज खुला.
रामपुर. पुराने समय में किसी रियासत का विकास उस रियासत के राजा पर निर्भर करता था. उत्तर प्रदेश की रामपुर रियासत ब्रिटिश भारत की 15 तोपों की सलामी वाली रियासत थी. आजादी से पहले रामपुर में नवाबों का अलग ही रुतबा था. रामपुर का अपना रियासती बिजली घर था और बिजली मंत्री थे. रामपुर रियासत की अपनी सरकार थी. रामपुर रियासत में बिजली विभाग के इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के हस्ताक्षरों से बिजली का कनेक्शन जारी होता था. विद्युत कनेक्शन का अनुबंध पत्र स्टेट प्रेस रामपुर में छपता था. बल्ब और पंखे के लिए दो रुपये प्रति माह का भुगतान किया जाता था. किसी विवाद की स्थिति में रामपुर गवर्नमेंट के बिजली मंत्री मामले को देखते थे. कनेक्शन की जानकारी अंग्रेजी शब्दों में मुद्रित एक पत्र के द्वारा उपभोक्ता को प्राप्त होती थी.
इंडियन नेशनल ट्रस्ट फ़ॉर आर्ट एंड कल्चर हेरिटेज (इंटेक) रुहेलखंड चैप्टर के सह-संयोजक काशिफ खान के मुताबिक, रामपुर रियासत में नवाब कल्वे अली खान ने अपने नवाबी राज में कई भव्य इमारतें बनवाईं, इन्हीं में एक उनका अपना ग्रीष्मकालीन महल था. यह खुसरो बाग के नाम से प्रचलित है, जिसका निर्माण 1855 में 30 एकड़ जमीन में करवाया गया था. रामपुर में खुसरो बाग सबसे पहले बिजली की रोशनी से जगमग हुआ था. 9 फरवरी 1899 में बिजली व्यवस्था की शुरुआत खुसरो बाग से ही हुई थी, जबकि रामपुर शहर में इसके चार साल बाद 1903 में बिजली आई थी.
खुसरो बाग में खोला गया था डिग्री कॉलेज
उन्होंने आगे कहा कि रामपुर रियासत के आखिरी नवाब रजा अली खां ने रामपुर में उच्च शिक्षा की जरूरत महसूस करते हुए एक डिग्री कॉलेज खोलने की अनुमति दी थी, जो खुसरो बाग में खोला गया. 16 जुलाई 1949 को राजकीय डिग्री कॉलेज खुला और करीब दो सप्ताह बाद दो सितंबर से पढ़ाई शुरू हो गई. आज भी यह महाविद्यालय इसी भवन में चल रहा है.
Tags: Khusrobhag, Local18, Rampur news, UP newsFIRST PUBLISHED : June 7, 2024, 16:48 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed