मेंढक पर बना ये है देश का इकलौता मंदिर बदलता है शिवलिंग का रंग महान तांत्रिक

Narmadeshwar Mandir Frog Temple Lakhimpur kheri: लखीमपुर खीरी का नर्मदेश्वर महादेव का मंदिर बेहद अनूठा है. क्योंकि, यहां भगवान शिव मेंढक की पीठ पर विराजमान हैं. यहां उनके साथ मेंढक की भी पूजा होती है. मंदिर की काफी मान्यता है, जिसकी वजह से दूर-दूर से लोग दर्शन करने के लिए आते हैं. इसे मेंढक मंदिर भी कहा जाता है. भारत में यह इकलौता ऐसा मंदिर है जहां मेंढक की पूजा होती है.

मेंढक पर बना ये है देश का इकलौता मंदिर बदलता है शिवलिंग का रंग महान तांत्रिक
अतीश त्रिवेदी/ लखीमपुर खीरी: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के ओयल कस्बे में स्थित नर्मदेश्वर महादेव का मंदिर बेहद अनूठा है. क्योंकि, यहां भगवान शिव मेंढक की पीठ पर विराजमान हैं. यहां उनके साथ मेंढक की भी पूजा होती है. मंदिर की काफी मान्यता है, जिसकी वजह से दूर-दूर से लोग दर्शन करने के लिए आते हैं. इसे मेंढक मंदिर भी कहा जाता है. भारत में यह इकलौता ऐसा मंदिर है जहां मेंढक की पूजा होती है. मंदिर की वास्तु परिकल्पना कपिला के एक महान तांत्रिक ने की थी. तंत्रवाद पर आधारित इस मंदिर की वास्तु संरचना अपनी विशेष शैली के कारण विशिष्ट है. सामने से मेंढक की पीठ पर करीब 100 फुट का यह मंदिर अपनी स्थापत्य कला के लिए उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश के शिव मंदिरों में सबसे अलग है. रंग बदलता है शिवलिंग मेंढक मंदिर की खास बात यह भी है कि यहां का शिवलिंग रंग बदलता है. यहां खड़ी नंदी की मूर्ति आपको कहीं देखने को नहीं मिलेगी. सावन के महीने में दूर-दूर से शिव भक्त यहां आकर जलाभिषेक करते हैं और भोले का आशीर्वाद लेते हैं. ऐसे पहुंचे मेंढक मंदिर लखीमपुर से ओयल 11 किमी दूर है.  यहां जाने के लिए आपको पहले लखीमपुर आना पड़ेगा. फिर बस या टैक्सी करके लखीमपुर से ओयल जा सकते हैं. अगर आप फ्लाइट या ट्रेन से आना चाहते हैं, तो यहां से सबसे नजदीकी एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन लखनऊ 135 किमी दूर है. यहां से आपको लखीमपुर के लिए बसें मिल जाएगी. Tags: Lakhimpur Kheri News, Local18, Sawan Month, Sawan somvar, UP newsFIRST PUBLISHED : July 30, 2024, 11:02 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
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