गेंदा के फूल की खेती करने वालों को इस प्रजाति के फूल से होगी अच्छी कमाई

हमारे देश में फूलों का बड़ा महत्व है और इनकी खूब डिमांड भी रहती है. शादी-विवाह से लेकर पूजा-पाठ, मंदिर में चढ़ाने आदि के लिए फूलों की बिक्री होती है. ऐसे में इसकी खेती करके बढ़िया कमाई भी कर सकते हैं...

गेंदा के फूल की खेती करने वालों को इस प्रजाति के फूल से होगी अच्छी कमाई
सौरभ वर्मा/रायबरेली: पूजा-पाठ से लेकर शादी-विवाह और किसी को गिफ्ट देने तक में फूलों का बड़ा महत्व है. इस वजह से सालभर फूलों की डिमांड बनी रहती है. कुछ फूलों की कीमत तो काफी महंगी भी होती है. कई फूल ऐसे भी हैं जिनका औषधियों के रूप में भी इस्तेमाल होता है. इनकी डिमांड को देखते हुए कई लोग बड़े पैमाने पर फूलों की खेती भी कर रहे हैं और अच्छी कमाई कर रहे हैं. तो आज हम आपको एक ऐसे फूल के बारे में बता रहे हैं, जिसकी डिमांड काफी ज्यादा रहती है और उसे आसानी से साल के किसी भी मौसम में तैयार कर सकते हैं… हम आपके लिए गेंदा के फूल की खेती से जुड़ी जानकारी लेकर आए हैं और आपको जो भी जानकारी दी जा रही है वो कृषि विशेषज्ञ की सलाह पर आधारित है. कृषि के क्षेत्र में 15 वर्षों का अनुभव रखने वाले खुशहाली कृषि संस्थान रायबरेली के पूर्व प्रबंधक अनूप शंकर मिश्र ( Msc Ag) बताते हैं कि गेंदा के फूल की खेती के लिए गर्मी, सर्दी और बरसात तीनों मौसम अनुकूल माने जाते हैं. अनूप ने बताया कि गर्मी के मौसम में गेंदा के फूल की खेती के लिए जनवरी में इसकी रोपाई की जाती है. सर्दी के मौसम में इसकी खेती के लिए अगस्त-सितंबर के महीने में पौधे की रोपाई कर दी जाती है. गेंदा के फूल की खेती से अच्छा मुनाफा कमाने के लिए उन्नत किस्म की प्रजाति के फूल लगाने चाहिए. कृषि विशेषज्ञ अनूप के मुताबिक, पूसा बहार , पूसा दीप, पूसा अर्पिता, पूसा बसंती गेंदा, पूसा ऑरेंज मैरीगोल्ड उन्नत किस्म की प्रजातियां उन्नत किस्म की मानी जाती हैं. इनकी खेती करके किसान अपनी आय दोगुनी कर सकते हैं. गेंदा के फूलों की प्रजातियों की खासियत LOCAL 18 से बात करते हुए अनूप शंकर मिश्र बताते हैं कि इन पांचो प्रजातियों की अपनी अलग खासियत है. पूसा बहार: यह एक अफ्रीकी प्रजाति का गेंदा का फूल है. जिसके बीज की बुवाई के 95 से 100 दिन बाद पौधे में फूल आना शुरू हो जाते हैं. इसके पौधे की ऊंचाई 75से 85 सेंटीमीटर तक होती है और इसके फूल पीले रंग के और सघन होते हैं. यह जनवरी और मार्च के महीने में अधिक उत्पादन देने वाली प्रजाति है. पूसा दीप: यह फूल फ्रेंच गेंदा की प्रजाति का है, जो बीज रोपाई के 85 से 95 दिन में फूल देना शुरू कर देता है. यह प्रजाति उत्तरी मैदानी क्षेत्र के लिए सबसे उत्तम प्रजाति मानी गई है. यह अक्टूबर-नवंबर महीने में फूल देना शुरू कर देती है. इसके पौधे मध्यम आकार के यानी की 55 से 65 सेंटीमीटर लंबाई के होते हैं और इसके फूलों का रंग गहरा भूरा होता है. पूसा अर्पिता: यह भी फ्रेंच गेंदा प्रजाति का ही एक पौधा होता है जो उत्तरी मैदानी इलाकों के लिए उन्नत किस्म की प्रजाति मानी जाती है. यह दिसंबर से मध्य फरवरी में फूल देता है और इसके फूलों का रंग हल्का नारंगी होता है. पूसा बसंती: यह भी एक उन्नतशील किस्म की प्रजाति है, जिसे बगीचों और गमलों में भी उगा सकते हैं. यह बुवाई के 135 से 145 दिन में मध्यम आकार के पीले रंग के फूल देता है. पूसा आरेंजे मैरीगोल्ड: यह भी उन्नत किस्म की प्रजाति का गेंदा का फूल होता है. यह बुवाई के 125 से 136 दिन बाद फूल देना शुरू करता है. इसके फूल गहरे नारंगी रंग के होते हैं और आकार में बड़े होते हैं. यह प्रमुख रूप से मुर्गियों के भोजन, औषधियों एवं न्यूट्रास्युटिकल उद्योगों प्रयोग में लाया जाता है. इसकी पंखुड़ियों में कैरोटीनॉयड नामक तत्व पाया जाता है. मुर्गियों को खिलाने पर यह उनके अंडे की जर्दी बढ़ाने और अंडा उत्पादन में बढ़ोतरी करने में सहायक होता है. इन प्रजातियों की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. Tags: Farming, Local18FIRST PUBLISHED : May 12, 2024, 11:52 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed