गुलाब की खेती में इन बातों का रखें ख्याल बंपर उत्पाद के साथ होगी तगड़ी कमाई
गुलाब की खेती में इन बातों का रखें ख्याल बंपर उत्पाद के साथ होगी तगड़ी कमाई
राजकीय कृषि केंद्र शिवगढ़ के प्रभारी अधिकारी शिव शंकर वर्मा ने बताया कि गुलाब की खेती हल्की दोमट मिट्टी और जल निकासी की उचित व्यवस्था वाले खेतों में कर सकते हैं. एक हेक्टेयर भूमि में लगभग 10 हजार गुलाब के पौधे लगाए जा सकते हैं. एक हेक्टेयर गुलाब की खेती से लगभग 1.5 लाख से 2 लाख गुलाब के फूल प्राप्त किए जा सकते हैं.
रायबरेली. देश में फूलों की खेती का रकबा लगातार बढ़ते जा रहा है. उत्तर प्रदेश में भी बड़े पैमाने फूलों की खेती किसान करने लगे हैं. खासकर गुलाब की खेती भी किसान करने लगे हैं. गुलाब की खेती किसानों के लिए कमाई का बेहतर विकल्प साबित हो रहा है. खूबसूरती और महक के लिए मशहूर गुलाब की मांग ना केवल घरेलू बाजार में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बढ़ रही है.
अगर आप भी गुलाब की खेती की योजना बना रहे हैं, तो हम आपको यहां पर गुलाब की खेती की प्रक्रिया, तुड़ाई में मिलने वाले फायदेऔर हाईब्रिड या देसी गुलाब की किस्मों में से कौन सा बेहतर है, इसके बारे में जानकारी देंगे.
गुलाब की खेती के लिए दोमट मिट्टी है सबसे उपयुक्त
राजकीय कृषि केंद्र शिवगढ़ के प्रभारी अधिकारी शिव शंकर वर्मा ने लोकल 18 को बताया कि गुलाब की खेती के लिए सबसे पहले सही जमीन और जलवायु का चयन करना बेहद जरूरी है. गुलाब की खेती हल्की दोमट मिट्टी और जल निकासी की उचित व्यवस्था वाले खेतों में कर सकते हैं. गुलाब के पौधे को बढ़ने के लिए 25-30 डिग्री सेल्सियस तापमान की जरूरत होती है. यह पौधा ठंडे और गर्म दोनों ही मौसम में ठीक से बढ़ता है, लेकिन अत्यधिक ठंड और गर्मी इसके लिए हानिकारक साबित होता है. गुलाब की नर्सरी से पौधे खरीदे जाते हैं, जिन्हें 30x30x30 सेंटीमीटर के गड्ढों में लगाया जाता है. एक हेक्टेयर भूमि में लगभग 10 हजार गुलाब के पौधे लगाए जा सकते हैं. यानी की प्रजाति के हिसाब से पौधे की दूरी पर प्रति हेक्टेयर पौधों की रोपाई की संख्या निर्भर करता है.
एक एकड़ से दो लाख तक कमा सकते हैं मुनाफा
राजकीय कृषि केंद्र शिवगढ़ के प्रभारी अधिकारी शिव शंकर वर्मा ने बताया कि गुलाब की खेती में जैविक खाद का इस्तेमाल फायदेमंद होता है. इसके अलावा, नियमित सिंचाई भी जरूरी है फसल को हर 10-15 दिन में पानी देना पड़ता है. गुलाब के पौधों में फफूंद, माइट्स और एफिड्स जैसे कीटों का हमला हो सकता है. इसके लिए समय-समय पर कीटनाशकों और फफूंदनाशकों का इस्तेमाल जरूरी है. गुलाब की तुड़ाई आमतौर पर 6-8 महीने के बाद शुरू हो जाती है. एक बार फूलों की तुड़ाई के बाद बाजार में इनकी अच्छी कीमत मिल सकती है. एक हेक्टेयर गुलाब की खेती से लगभग 1.5 लाख से 2 लाख गुलाब के फूल प्राप्त किए जा सकते हैं. बाजार में इसकी कीमत मौसम और मांग के अनुसार बदलती रहती है. औसतन, एक हेक्टेयर से 5-8 लाख रुपये तक की कमाई हो सकती है.
पर्यावरण के अनुकूल होता है देसी गुलाब
गुलाब की खेती करने वाले किसानों के बीच वैरायटी का चयन करना आम है. किसान अपनी उपयोगिता के अनुसार किस्म का चयन करते हैं. हाइब्रिड गुलाब की किस्में रंग, आकार और गुणवत्ता में श्रेष्ठ होती है. इनका उत्पादन भी अधिक होता है, जिससे कमाई का अवसर बढ़ जाता है. हाइब्रिड गुलाब की खेती अंतरराष्ट्रीय बाजार के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकती है, लेकिन इसकी देखभाल और कीटनाशक प्रबंधन में अधिक खर्च आता है. वहीं देसी गुलाब की किस्में कम लागत में तैयार होती है और इनकी खेती स्थानीय बाजार के लिए उपयुक्त होती है. हालांकि, उत्पादन हाइब्रिड की तुलना में कम होता है, लेकिन यह पर्यावरण के अनुकूल होती है और इनका स्वाद भी बेहतर माना जाता है.
Tags: Agriculture, Local18, Rae Bareli News, Uttarpradesh newsFIRST PUBLISHED : August 18, 2024, 12:06 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed