सुपरटेक Twin Tower गिरने का कम होगा कंपन कंपनी ने बनाया प्लान

एडिफिस (Efidis) कंपनी ट्विन टावर को तोड़ने का काम कर रही है. लेकिन जब सैकड़ों किलो विस्फोटक (Explosive) लगाकर टावर को गिराया जाएगा तो उसका मलबा यहां-वहां न गिरे, इसके लिए कंपनी कई पाइंट पर काम कर रही है. ट्विन टावर (Twin Tower) के चारों ओर कंपनी ने जीओ फाइबर (Jio Fiber) क्लाथ का जाल लगाया है. भारी और बड़े मलबे को रोकने के लिए जाल से पहले लोहे के कंटेनर से दीवार भी बनाई गई है. मलबे की धूल भी आसपास न जाए इसके लिए कई बड़ी-बड़ी मशीनों से पानी का छिड़काव किया जाएगा.

सुपरटेक Twin Tower गिरने का कम होगा कंपन कंपनी ने बनाया प्लान
नोएडा. सुपरटेक के ट्विन टावर (Supertech Twin Tower) गिराने में अब करीब 55 दिन का वक्त बचा है. टावर गिराने का काम कर रही एडिफिस (Efidis) कंपनी ने ज्यादातर काम पूरे कर लिए हैं. एक अगस्त से टावर के पिलर में होल कर विस्फोटक (Explosive) लगाने का काम भी शुरू कर दिया जाएगा. लेकिन टावर के आसपास की बिल्डिंगों को कोई नुकसान न पहुंचे इसके लिए कंपनी एक और बड़ा काम करने जा रही है. टावर गिरने से होने वाले कंपन को कम करने के लिए कंपनी ने एक प्लान तैयार किया है. प्लान के तहत ट्विन टावर के बेसमेंट (Basement) में मलबा भरा जाएगा. जिससे की जब टावर जमीन पर गिरें तो उसकी धमक से ज्यादा कंपन न हो. बेसमेंट में 2 से 3 मीटर तक भरा जाएगा मलबा एडिफिस कंपनी से जुड़े इंजीनियरों की मानें तो ट्विन टावर के आसपास कई और दूसरे टावर भी हैं. ट्विन टावर के गिरने से इन्हें कोई नुकसान न पहुंचे इसके लिए हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. इसी के चलते ट्विन टावर के बेसमेंट नंबर एक में मलबा भरने का प्लान तैयार किया गया है. बेसमेंट में करीब 2 से 3 मीटर तक मलबा भरा जाएगा. इससे होगा यह कि जब ट्विन टावर मलबे के ऊपर गिरेगा तो उसकी धमक तेज नहीं होगी और उससे कंपन भी कम से कम होगा. इसी कंपन को कम करने के लिए यह प्लान बनाया गया है. क्योंकि अगर कंपन तेज हुआ तो आसपास की दूसरी इमारतों को नुकसान पहुंच सकता है. कंपन को मापने के लिए आईआईटी रुढ़की के इंजीनियरों की एक टीम ट्विन टावर गिरने की तारीख 21 अगस्त को मौके पर मौजूद रहेगी. चार्जिंग स्टेशन के लिए जगह छोड़ने पर ही होगा नक्शा पास, जाने प्लान बिल्डिंग गिराने के लिए कॉलम-बीम में लगाए जाएंगे विस्फोटक जानकारों की मानें तो बिल्डिंग गिराने के लिए बिल्डिंग के कॉलम और बीम में विस्फोटक भरे जाते हैं. कॉलम और बीम को वी शेप में काटा जाता है. फिर उसके अंदर विस्फोटक की छड़ रख दी जाती है. विस्फोटक ग्राउंड फ्लोर से लेकर 1 और 2 फ्लोर तक तो लगातार विस्फोटक रखा जाता है. लेकिन उसके बाद 4-4 फ्लोर का गैप देकर जैसे दूसरे के बाद 6 पर और 6 क बाद 10, 14, 18 और 22वें जानकारों की मानें तो किसी भी हाईराइज बिल्डिंग को गिराने के लिए उसके कॉलम और बीम में फ्लोर पर विस्फोटक भरा जाएगा. सूत्रों की मानें तो इसके लिए पूरी बिल्डिंग में करीब 7 हजार छेद किए जाएंगे. ट्विन टावर के पास एक अगस्त से ऐसी हो जाएगी सुरक्षा सुपरटेक ट्विन टावर में विस्फोटक लगाने के दौरान सिर्फ तकनीशियनों को ही जाने की अनुमति होगी. इसके अलावा किसी भी बाहरी व्यक्ति को जाने की अनुमति नहीं होगी. दोनों टावर में करीब 15 से 20 दिन तक विस्फोटक लगाने का काम चलेगा. इस दौरान दोनों टावर की सुरक्षा स्थानीय पुलिस के हवाले रहेगी. टावर गिराने में करीब 4 हजार किलो विस्फोटक का इस्तेमाल किया जाएगा. टावर में हर रोज सिर्फ उतना ही विस्फोटक लाया जाएगा जितना एक दिन में लगाया जा सके. बाकी के स्टाक को टावर से अच्छी खासी दूरी पर रखा जाएगा. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Explosion, Noida Authority, Supertech Twin Tower caseFIRST PUBLISHED : July 05, 2022, 14:11 IST