इधर घर में घुसा बाढ़ का पानी उधर महिला ने दिया बच्चे को जन्म राहत शिविर में गुजर रहे दिन
इधर घर में घुसा बाढ़ का पानी उधर महिला ने दिया बच्चे को जन्म राहत शिविर में गुजर रहे दिन
Purnia News: नवजात की नानी मंजरी बेगम बताती हैं कि जिस दिन उनकी बेटी साजन को प्रसव पीड़ा हुई थी, उस दिन वह घर में अकेली थीं. आनन-फानन में साजन को लेकर अमौर अस्पताल गईं, जहां उन्होंने नवजात शिशु को जन्म दिया. अस्पताल से जब वह अपने बच्चों को लेकर घर पहुंचीं तो देखा कि एक तरफ कनकई नदी में आए उफान के कारण घर कट गया था.
पूर्णिया. बिहार के बाढ़ग्रस्त जिले पूर्णिया से एक अच्छी खबर सामने आई है. बाढ़ की त्रासदी के बीच एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया है. जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं. फिलहाल वे दोनों बाढ़ राहत शिविर में रहने को मजबूर हैं. बताया जाता है कि गर्भवती महिला को अचानक से प्रसव पीड़ा होने लगी. आनन-फानन में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने बच्चे को जन्म दिया. जब वह वापस आईं तो उनका घर बाढ़ के पानी में डूब चुका था. इसके बाद वह बाढ़ राहत शिविर में रहने चली गईं. अब राहत शिविर में किलकारियां गूंज रही हैं.
बाढ़ ने ऐसी तबाही मचाई है कि लोगों के घर-आंगन में बाढ़ का पानी घुस गया है. कई लोग बेघर हो गए हैं. तमाम कठिनाइयों के बीच एक महिला को अनमोल तोहफा मिला है. पूर्णिया के अमौर प्रखंड के सीमलवाड़ी में बाढ़ के बीच एक महिला साजन ने बच्चे को जन्म दिया है. साजन नवजात शिशु अनायत और परिवार के साथ पठान टोली मिडल स्कूल स्थित बाढ़ राहत शिविर में रह रही हैं.
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नवजात शिशु अनायत और उसकी मां साजन पूर्णिया के अमौर प्रखंड के ज्ञानडोव पंचायत स्थित पठान टोली मध्य विद्यालय में बाढ़ राहत शिविर में पिछले 1 सप्ताह से रह रही हैं. साजन का कहना है कि एक सप्ताह पहले जिस दिन उनके घर में कनकई नदी का पानी घुसा, उसी दिन उन्हें प्रसव पीड़ा हुई थी. उनके पति और पिता बाहर कमाने गए हुए थे. आनन-फानन में लोग उन्हें अमौर रेफरल अस्पताल ले गए. उन्होंने एक नवजात शिशु अनायत को जन्म दिया. जब वह वापस लौटीं तो उनके घर में बाढ़ का पानी घुस गया था. आधा घर कट कर गिर गया था. उसी दिन वे लोग पठान टोली स्कूल में स्थित बाढ़ राहत शिविर में आ गए. तब से वे लोग उसी शिविर में रह रहे हैं. यहां उन्हें खाने-पीने और बच्चे के लिए दूध भी मिल रहा है.
साजन की मां और बच्चे की नानी मंजरी बेगम बताती हैं कि जिस दिन उनकी बेटी साजन को प्रसव पीड़ा हुई थी, उस दिन वह घर में अकेली थीं. आनन-फानन में साजन को लेकर अमौर अस्पताल गईं, जहां उन्होंने नवजात शिशु को जन्म दिया. अस्पताल से जब वह अपने बच्चों को लेकर घर पहुंचीं तो देखा कि एक तरफ कनकई नदी में आए उफान के कारण घर कट गया था. घर में पानी भी घुस गया था. उस वक्त से वह वे लोग इसी बार राहत शिविर में रह रहा है. यहां कठिनाई तो काफी है. राहत शिविर के संचालक जाविर आलम ने कहा कि नवजात शिशु के साथ उनका परिवार यहां पर रह रहा है. वे लोग उसका पूरा ख्याल रखते हैं. समय पर खाना-पीना और बच्चे के लिए दूध भी देते हैं.
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Tags: Bihar flood, Purnia newsFIRST PUBLISHED : July 05, 2022, 13:54 IST