Lucknow: गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल है गोमती पहलवान अखाड़ा एक ही दीवार पर विराजते हैं बजरंगबली और अली
Lucknow: गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल है गोमती पहलवान अखाड़ा एक ही दीवार पर विराजते हैं बजरंगबली और अली
Lucknow News: लखनऊ शहर के चौक क्षेत्र में बना गोमती पहलवान अखाड़ा हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है. इस अखाड़े की दीवार पर अली और बजरंगबली विराजमान हैं. यह गोमती पहलवान अखाड़ा 1935 से लखनऊ में चल रहा है.
रिपोर्ट- अंजलि सिंह राजपूत
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक जगह ऐसी भी है जो हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है. लखनऊ शहर के चौक क्षेत्र में एक ऐसा अखाड़ा है जहां पर अली और बजरंगबली दोनों एक ही दीवार पर विराजमान हैं. यह अखाड़ा गोमती पहलवान अखाड़ा है, जो कि 1935 से लखनऊ में चल रहा है. इस अखाड़े की खासियत यह है कि यह देशभर में अपनी गंगा-जमुनी तहजीब के लिए जाना जाता है. हिंदू और मुस्लिम पहलवान एक साथ इस अखाड़े में कुश्ती करते हैं और एक साथ जय बजरंगबली और अली के नारे लगाते हैं.
कुश्ती शुरू होने से पहले एक ओर हिंदू हनुमान चालीसा पढ़ते हैं तो वहीं दूसरी ओर मुस्लिम नमाज अदा करते हैं, लेकिन यहां पर हिंदू और मुसलमानों के बीच सिर्फ कुश्ती चलने तक ही लड़ाई रहती है. जबकि कुश्ती खत्म होने के बाद बाहर निकल कर दोनों पक्ष आपस में भाईचारा बना रहता है. अखाड़े में प्रवेश करते ही दाएं दीवार पर अली हैं और बाईं ओर बजरंगबली हैं. यहां पर नागपंचमी के दिन विशेष कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन होता है, जिसमें हिंदू पक्ष और मुस्लिम पक्ष से पहलवान अखाड़े में आमने सामने होते हैं.
2 अगस्त (आज) बजरंगबली-अली गूंजेगा
अखाड़े के सदस्य नीरज अवस्थी ने बताया कि 1935 में गोमती पहलवान ने इस अखाड़े की शुरुआत की थी, तब से यह परंपरा एक साथ चली आ रही है. मंगलवार के दिन बजरंगबली को यहां पर चोला चढ़ाया जाता है, तो वहीं गुरुवार को पैगंबर ताखा के ऊपर सेहरा चढ़ाया जाता है. उन्होंने बताया कि हिंदू मुस्लिम के बीच आज इतने तनाव के बीच में भी हिंदू मुस्लिम पहलवान यहां पर लड़ते हैं तो एकता के साथ ही लड़ते हैं. कभी भी यहां पर माहौल नहीं बिगड़ा है. आज यानी 2 अगस्त को एक बजे से कुश्ती शुरू होगी. मुख्य अतिथि के तौर पर पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा, विधायक आशुतोष टंडन और विधायक डॉ. नीरज बोरा रहेंगे. इस अखाड़े में जीतने वालों को 1100 से लेकर 2100 रुपए तक दिए जाएंगे. इसके अलावा अन्य उपहार भी दिए जाएंगे.
मिट्टी में मिलाया जाता है चंदन
पहलवान जिस मिट्टी पर लड़ते हैं उस मिट्टी को बाहर से मंगाया जाता है.पहलवानों की त्वचा को और आंखों को किसी प्रकार का कोई नुकसान न पहुंचे इसके लिए इस मिट्टी में मट्ठा, सरसों का तेल,चंदन और हल्दी को मिलाया जाता है.
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Tags: Hanuman Chalisa, Hindu-Muslim, Lucknow news, NamazFIRST PUBLISHED : August 02, 2022, 12:21 IST