गाजियाबाद: यहां हर वक्त खतरे में रहती जान फिर भी रह रहे हैं लोग जानें पूरा मामला
गाजियाबाद: यहां हर वक्त खतरे में रहती जान फिर भी रह रहे हैं लोग जानें पूरा मामला
जिला प्रशासन द्वारा दर्जन मकानों को खाली कराने के लिए कई बार नोटिस (Notice ) लगाए गए लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ.कई मकानों को तो खाली करा लिया गया हैं जबकि कई मकानों में अभी भी स्वास्थ्य कर्मी अपने परिवार के साथ रह रहे हैं.इस पूरे मामले को लेकर जिला एमएमजी के सीएमएस डॉ मनोज ?
रिपोर्ट- विशाल झा
गाजियाबाद. देश की राजधानी दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद के जिला एमएमजी अस्पताल ( District MMG Hospital) के परिसर में बने स्टाफ क्वार्टर्स की हालत जर्जर है. यह इमारत किसी भी पल एक बड़े हादसे को दावत दे रही है. इसके बाद भी जान जोखिम में डालकर स्टाफ के लोग रह रहे हैं. यही नहीं, स्टाफ क्वार्टर की इमारत से प्लास्टर की परतें तक उतर चुकी हैं, तो सरिये भी गलते हुए नजर आ रहे हैं. आगामी मॉनसून को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा दर्जन मकानों को खाली कराने के लिए कई बार नोटिस लगाए गए, लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ. कई मकानों को तो खाली करा लिया गया हैं. जबकि कई मकानों में अभी भी स्वास्थ्य कर्मी अपने परिवार के साथ रह रहे हैं.
इस पूरे मामले को लेकर जिला एमएमजी के सीएमएस डॉ मनोज चतुर्वेदी सख्त हैं. उन्होंने न्यूज़ 18 लोकल को बताया, ‘स्वास्थ्यकर्मियों को साफ कर दिया गया है यदि वह जल्द मकान खाली नहीं करते है, तो उनका वेतन रोका दिया जाएगा. साथ ही पुलिस की सहायता लेकर मकानों को खाली कराया जाएगा.’
15 दिन में जर्जर इमारत खाली करने का आदेश
मकानों को स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के मद्देनजर खाली कराया जा रहा है. इमारत को 15 दिन में खाली कराने का लक्ष्य रखा गया है. जब न्यूज़ 18 लोकल पड़ताल की तो जर्जर इमारत की चौंका देने वाली तस्वीरें सामने आईं. ऐसा लग रहा था मानो इमारतें कभी भी गिर सकती हैं.
कालीचरण ने न्यूज़ 18 लोकल को बताई आपबीती
कालीचरण का जन्म ही इस स्टाफ क्वार्टर में हुआ था. वह बताते हैं कि इमारत की हालत वाकई बहुत खराब है. बिल्डिंग कभी भी गिर सकती है और सब की जान खतरे में है. बावजूद इसके स्टाफ यहां पर रह रहा है. वह बताते हैं कि नोटिस लग जाने के बाद तुरंत मकान खाली कर देना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने बताया कि बाहर मकान किराए पर काफी महंगा मिलेगा और स्वास्थ्यकर्मियों की तनख्वाह कम है. ऐसे में जान जोखिम में डालकर मजबूरन यहां पर रहना पड़ रहा है. कालीचरण ने बताया कि इस इमारत में रहना खतरे से खाली नहीं है. कई लोग पहले ही खाली कर चुके हैं और कई लोग अब भी हादसे को दावत देती इस इमारत में रह रहे हैं.
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Tags: Ghaziabad District Administration, Ghaziabad NewsFIRST PUBLISHED : June 24, 2022, 16:22 IST