परमार्थ न्यासों को मिले विदेशी अनुदानों पर नजर रखने के लिए प्रणाली नहीं विकसित होने से कैग नाखुश
परमार्थ न्यासों को मिले विदेशी अनुदानों पर नजर रखने के लिए प्रणाली नहीं विकसित होने से कैग नाखुश
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने परमार्थ न्यासों और संस्थाओं को मिले विदेशी अनुदानों और उनके निर्दिष्ट उद्देश्य से उपयोग पर नजर रखने के लिए गृह मंत्रालय के साथ जानकारी साझा करने की कोई प्रणाली विकसित नहीं करने पर आयकर विभाग के साथ अप्रसन्नता जताई है.
हाइलाइट्सचैरिटेबल ट्रस्टों को मिले विदेशी अनुदान की सही निगरानी न होने से CAG नाखुश है.लोक लेखा समिति ने संसद से 2018 में विदेशी अनुदानों पर निगरानी के लिए एक समिति बनाए जाने का अनुरोध किया था.
नई दिल्ली. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने परमार्थ न्यासों और संस्थाओं को मिले विदेशी अनुदानों और उनके निर्दिष्ट उद्देश्य से उपयोग पर नजर रखने के लिए गृह मंत्रालय के साथ जानकारी साझा करने की कोई प्रणाली विकसित नहीं करने पर आयकर विभाग के साथ अप्रसन्नता जताई है. ‘परमार्थ न्यासों और संस्थाओं को छूट’ पर कैग की निष्पादन लेखा परीक्षण रिपोर्ट में 35 ऐसे मामलों का उल्लेख है, जिनमें न्यासों या संस्थाओं को विदेशी अनुदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत पंजीकरण कराये बिना विदेशी चंदा मिला है, जिनमें आयकर रिटर्न में घोषित और गृह मंत्रालय को बताये गये विदेशी अनुदान के आंकड़ों में अंतर है.
संसद में सोमवार को पेश की गयी रिपोर्ट के अनुसार, इन सभी मामलों में आयकर विभाग ने ऐसे विदेशी अनुदानों पर छूट की अनुमति दी, जिससे 182.10 करोड़ रुपये का कर अदा नहीं किया गया. गैर-सरकारी संगठनों/न्यासों को एफसीआरए के तहत विदेशी अनुदान लेने की अनुमति है। विदेशी योगदानों की प्राप्ति पर गृह मंत्रालय नजर रखता है.
संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) ने 2018 में सिफारिश की थी कि आयकर विभाग को विदेशी अनुदानों पर नजर रखने के लिए गृह मंत्रालय के साथ जानकारी साझा करने संबंधी प्रणाली बनानी चाहिए.
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Tags: CAGFIRST PUBLISHED : August 09, 2022, 19:03 IST