UPSC क्रैक कर पहली बार गांव पहुंचे पवन कुमार स्वागत में उमड़ी भीड़
UPSC क्रैक कर पहली बार गांव पहुंचे पवन कुमार स्वागत में उमड़ी भीड़
यूपीएससी में 239 वीं रैंक हासिल कर बुलंदशहर का नाम रोशन करने वाले पवन कुमार जब अपने पैतृक गांव में पहली बार पहुंचे तो उनका जोरदार स्वागत किया गया. पवन कुमार को फूल-माला के साथ नोटों की भी माला पहनाई गई. ढोल-नगाड़े और डीजे की धुन पर परिजन और ग्रामीण नाचते-गाते नजर आए.
बुलंदशहर. उत्तर प्रदेश के जनपद बुलंदशहर में रहने वाले पवन कुमार ने यूपीएससी में 239 वीं रैंक हासिल कर जनपद के नाम रोशन किया है. पवन कुमार की इस सफलता पर परिवार सहित पूरे गांव में खुशी का लहर है. ऐसे में जब पवन सिविल सर्विसेज एग्जाम क्लियर करने के बाद अपने पैतृक गांव में पहली बार अपने पहुंचे तो पूरे गांव ने मिलकर उनका जोरदार भव्य स्वागत किया है. पवन कुमार को फूल-माला के साथ नोटों की भी माला पहनाई. उनके पीछे गाड़ियों का काफिला चल रहा था और ढोल-नगाड़े और डीजे की धुन पर परिजन व ग्रामीण नाचते-गाते नजर आए.
दरअसल, पवन कुमार ने कठिन परिस्थितियों में जीवनयापन करते हुए यूपीएससी एग्जाम क्लियर किया है. इस परीक्षा में उन्होंने 239वीं रैंक लाकर परिवार और गांव का नाम रोशन किया है. परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी न होने के बावजूद भी पवन ने अपनी मेहनत और लगन से ये मुकाम हासिल किया है. इस बीच जब वो अपने पैतृक गांव रघुनाथपुर पहुंचे तो ग्रामीणों और आसपास के लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया. इस दौरान पवन कुमार शांत भाव से लोगों का अभिवादन स्वीकार करते नजर आए.
इस मौके पर पवन कुमार ने कहा, ‘मैं यूपीएससी परीक्षा पास करने के बाद पहली बार गांव आया हूं, मेरे क्षेत्रवासियों से जो मुझे प्यार मिला है, उसको शब्दों में बयां नहीं कर सकता. इसके लिए मैं दिल से सभी का आभार व्यक्त करता हूं. मैं बहुत ही ज्यादा सम्मानित महसूस कर रहा हूं कि इतने लोगों का मुझे प्यार और आशीर्वाद मिला. साथ ही मैं इसे एक चुनौती के रूप में भी देख रहा हूं. मेरे लिए अब एक जिम्मेदारी शुरू हो रही है कि जिन लोगों ने मुझ पर विश्वास जताया है, मैं उस पर खरा उतरूं. मैं उनके लिए कुछ कर पाऊं. मैं अपने गांव, समाज और वंचित वर्ग के लिए कुछ कर पाऊं.’
पवन कुमार ने आगे कहा, ‘अब से मेरी जिम्मेदारी और चुनौती दोनों ही होंगी. मेरे द्वारा किए गए कार्यों का समाज पर सकारात्मक असर हो. मेरा पूरा प्रयास रहेगा कि किसी के साथ कोई अन्याय न हो.’
अपनी संघर्ष की कहानी के संबंध में उन्होंने कहा, ‘मेरी जब स्कूलिंग हो रही थी, तभी से मैंने यूपीएससी में जाने का फैसला किया था. इसके लिए मार्गदर्शन और पैसों की कमी थी. जब मैंने कक्षा 9वीं में नवोदय विद्यालय में प्रवेश लिया तो वहां के शिक्षकों ने मेरा मार्गदर्शन किया. अब बात आर्थिक मदद की थी तो मेरे माता-पिता, मेरी बहनों ने मुझे बहुत सपोर्ट किया. मेरे मामा और मौसी ने भी मेरी बहुत मदद की. मैंने अपने खर्चे बहुत सीमित कर दे. कोचिंग की जगह इंटरनेट और यूट्यूब से तैयारी की.’
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Tags: Bulandshahr news, UP news, Upsc exam resultFIRST PUBLISHED : April 30, 2024, 23:48 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed