राधारानी विवाद और प्रेमानंद महराज के श्राप पर क्या बोले पंडित प्रदीप मिश्रा

Pandit Pradeep Mishra on radha rani controversy: राधारानी और बरसाना से जुड़ा एक वीडियो वायरल होने के बाद संतों में विवाद हो गया. प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा और राधारानी के परम भक्त प्रेमानंद महाराज आमने-सामने आ गए हैं. इस पूरे मामले पर पंडित प्रदीप मिश्रा से NEWS 18 की एक्सक्लूसिव बातचीत हुई. आइए जानते हैं कि उनका क्या कहना है.

राधारानी विवाद और प्रेमानंद महराज के श्राप पर क्या बोले पंडित प्रदीप मिश्रा
Radha Rani Controversy: राधारानी और बरसाना से जुड़ा एक वीडियो वायरल होने के बाद संतों में विवाद हो गया. प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा और राधारानी के परम भक्त प्रेमानंद महाराज आमने-सामने आ गए हैं. वायरल वीडिया में दिखाया गया है कि पंडित प्रदीप मिश्रा ने कह रहे हैं कि राधारानी बरसाना की नहीं थीं, वह रावल गांव की रहने वाली थीं. उनके इस बात से प्रेमानंद महाराज काफी नाराज हो गए. उन्होंने प्रदीप मिश्रा को कहा कि तुझे नरक से कोई नहीं बचा सकता. इस पूरे मामले पर पंडित प्रदीप मिश्रा से NEWS 18 के रिपोर्टर अमित जायसवाल की एक्सक्लूसिव बातचीत हुई. आइए जानते हैं कि उनका क्या कहना है. सवाल: ये जो वीडियो वायरल हो रहा है, वह कितना पुराना है और क्या उसकी सच्चाई है? जवाब: यह वीडियो 14 साल पहले कमलापुर महाराष्ट्र में की गई कथा से जुड़ी है. अभी जो वीडियो वायरल हुआ है, वह कथा के वीडियो को काट-छांटकर छोटा किया गया है. उस कथा में हमने राधी जी का कृष्णजी के साथ विवाह, भांडेर वन में जो हुआ है, ब्रह्मा जी ने जो उनका कन्यादान किया है, उसका भी वर्णन किया है. बरसाने का महत्व भी हमने समझाया है. रावल का भी महत्व समझाया है और अन्य प्रसंगों को भी वर्णित किया है. अब उसको काट-छांटकर गलत तरीके से जनमानस में प्रेषित किया गया है. जिसका उद्देश्य किसी न किसी रूप से सनातन धर्म को क्षति पहुंचाने का है. सनातन धर्म पर आक्षेप लगे. आपस में संतजनों को, ब्राह्मणजन को या गुरुजन को लड़ाया जाए. वो दिखाया जा रहा है, जिससे हमारे सनातन धर्म पर लोग हंसें, हमारे हिंदू धर्म पर लोग हंसें. ये भी पढ़ें: राधारानी पर कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने की ऐसी टिप्पणी, गुस्से से लाल प्रेमानंद महाराज बोले- तुझे नरक से कोई नहीं बचा सकता सवाल: प्रेमानंद जी महाराज ने उस वीडियो को देखा, उसके बाद आक्रोश जाहिर किया और बहुत सी बातें कही हैं. इस पर आपका क्या कहना है? जवाब: प्रेमानंद जी महराज एक रसिक संत हैं. वह बड़े भोले संत हैं. कभी भी उनकी वाणी ने कोई अपशब्द नहीं कहा. कभी भी वे किसी के लिए गलत नहीं बोले. उनके पास में कोई वीडियो लेकर गए होंगे, उन पर दबाव दिया होगा, या वायरल वीडियो किसी न किसी रूप में उनके पास आया होगा, या उनको उस तरह से बताया गया होगा कि उनको क्रोध आया होगा. मैं यह कहूंगा कि एक मंथरा कैकेयी को भड़का देती है. राम उनके हृदय में बैठे हैं, लेकिन वह राम को 14 बरस वन में भेज देती हैं. ऐसे ही कोई न कोई व्यक्ति है, जिसे प्रदीप मिश्रा नहीं सुहा रहा है. संत तो संत हैं, उनके हृदय में पाप तो है नहीं, वे इस चीज को जानते नहीं हैं कि दूसरे के हृदय में क्या चल रहा है. उनके हृदय में कहीं न कहीं कपट होगा, उन्होंने जाकर प्रेमानंद जी को भड़काया होगा. कहा होगा कि देखिए प्रदीप मिश्रा ने ऐसा कह दिया या प्रदीप मिश्रा ने वैसा बोल दिया. वे तो इतने भोले संत हैं, वे सरल संत हैं, वे कभी ऐसे वचन नहीं बोलते. उनके पास जो व्यक्ति गया है, उसने उस वीडियो को गलत तरीके से बताया है. मैं निवेदन करता हूं​ कि वो परम पूज्य संत हैं, इस जीव से कोई गलती हुई होगी तो उनके चरणों में दंडवत है, प्रणाम है. सवाल: मथुरा में आपके खिलाफ मामला पुलिस तक पहुंच गया है. इस पर आपका क्या कहना है? जवाब: ये सब तो सनातन विरोधी हैं, विधर्मी हैं, जो कहीं न कहीं, किसी न किसी तरीके से गलत चीज जनमानस में देना चाहते हैं. हम तो कहते हैं कि जो लोग इस चीज का आंदोलन कर रहे हैं या अपशब्द कह रहे हैं. वो तब कहां गए थे, जब रामायण को आग लगा दी गई, उसे फाड़ दिया गया, तब कहां चले गए थे. नए नए वीडियो सामने आते हैं, कोई हनुमानजी पर लात रख देता है, कोई देवी-देवता को गाली देता है, उस समय तुम कहां चले गए थे. केवल यह लड़ाई राधारानी की नहीं है, प्रदीप मिश्रा या शिव पुराण ऊपर जा रही है, लोग उसका अनुसरण कर रहे हैं, महिलाएं, बच्चे मंदिर जा रहे हैं, यह लड़ाई उनको रोकने के लिए है. सनातन धर्म कैसे विकसित हो रहा है, यह कैसे आगे बढ़ रहा है, इसको कैसे रोका जाए, यह लड़ाई उसकी है. यह लड़ाई राधारानी की नहीं है, राधारानी के पर्दे के पीछे जो विधर्मी छिपे हुए हैं, वे इसको आगे लाकर उसको लड़ा रहे हैं. ये भी पढ़ें: गुस्साए प्रेमानंद महाराज को प्रदीप मिश्रा का जवाब, जिसको चाहिए प्रमाण, उनके लिए खुला है कुबरेश्वर धाम सवाल: इस पूरे मामले का पटाक्षेप कैसे होगा? इसके लिए आपका प्रयास क्या होगा? जवाब: हमने कभी भी अपने व्यास पीठ से कोई अपशब्द नहीं कहा. हमारा तो दंडवत है, ब्रजवासी हमारा जीवन हैं, वे मेरे प्राण हैं, ब्रज की रज, उसमें खेलकर बड़ा हुआ हूं. राधारानी तो मेरा सर्वस्व हैं. सीहोर में आकर देखेंगे तो राधारानी का जप चलता रहता है. राधारानी के चरणों को दंडवत है. ब्रजवासियों के चरणों को दंडवत करता हूं. मेरे व्यास पीठ से कुछ गलत वाणी निकली हो या आपको गलत लगता है तो मैं राधारानी के चरणों को दंडवत करता हूं, मैं आपके चरणों को दंडवत करता हूं. निवेदन है कि जिसने भी आपके ​हृदय में गलत विचारों को भरा है, माता राधारानी आप सबके हृदय में भक्ति का संचार करें. सब जीवों का कल्याण करें. सवाल: क्या आप वहां जाएंगे? पटाक्षेप कैसे होगा? जवाब: अभी 4 से 5 महीने तक लगातार कथाएं हैं. आगे बीच में कोई गैप नहीं है. अभी तो मेरा जाना नहीं होगा पर यहां से मैं राधारानी के चरणों को दंडवत करता हूं. जैसे ही कथाओं का क्रम कम होगा, समय मिलेगा तो जरूर बरसाना जाऊंगा. Tags: Dharma Aastha, Premanand Maharaj, ReligionFIRST PUBLISHED : June 14, 2024, 09:05 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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