समझे शहबाज शरीफ एससीओ को छोड़कर ब्रिक्स में क्यों जा रहे मोदी
समझे शहबाज शरीफ एससीओ को छोड़कर ब्रिक्स में क्यों जा रहे मोदी
पीएम मोदी एससीओ समिट छोड़कर ब्रिक्स समिट क्यों जा रहे हैं, इसका जवाब खुद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दिया. उन्होंने कहा कि दुनिया में सिर्फ 3 देश हैं जो रूस-यूक्रेन वॉर रुकवा सकते हैं. इनमें उन्होंने भारत का भी नाम लिया. वजह जान लीजिए.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ की बैठक में शामिल होने के लिए इस्लामाबाद आने का न्योता दिया था. लेकिन जैसी खबरें सामने आ रही हैं, उससे लग रहा कि पीएम मोदी पाकिस्तान नहीं जा रहे हैं. क्योंकि एससीओ समिट 15-16 अक्तूबर को होनी है, उसके लिए कोई ऐलान नहीं किया गया, जबकि ब्रिक्स समिट उसके बाद 22 से 24 अक्टूबर तक रूस के कजान शहर में होना है, पीएम मोदी ने उसमें जाने के लिए हामी भर दी है. पीएम मोदी ऐसा क्यों कर रहे हैं, इसका जवाब खुद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दे दिया. उन्होंने कहा कि यूक्रेन जंग भारत रुकवा सकता है. हालांकि, उन्होंने चीन और ब्राजील का भी नाम लिया, लेकिन सब जानते हैं कि चीन की बात अमेरिका और यूरोपीय देश कतई नहीं मानेंगे.
यूक्रेन युद्ध रुकवाने के लिए भारत कई महीनों से कोशिशों से कर रहा है. पीएम मोदी खुले मंच से कह चुके हैं कि अगर उनकी मदद से ये संकट खत्म हो सकता है, तो वे बातचीत करने के लिए तैयार हैं. इसी मकसद से पीएम मोदी पहले रूस गए और वहां राष्ट्रपति पुतिन से लंबी बातचीत की. उन्हें युद्ध रोकने के लिए मनाया. पीएम मोदी ने उनके सामने कहा कि युद्ध किसी संकट का समाधान नहीं हो सकता. दोनों देशों को मिल बैठकर कूटनीतिक तरीके से मसले को सुलझाना चाहिए.
अमेरिका समेत सबकी नजर भारत पर
रूस से लौटने के कुछ दिन बाद ही पीएम मोदी यूक्रेन पहुंच गए. वहां राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मिले. उन्हें भी साफ-साफ बता दिया कि युद्ध समाधान नहीं हो सकता है. इसमें बच्चों की मौत हो रही है. यूक्रेन की धरती से भी पीएम मोदी ने पुतिन को संदेश दिया कि हर हाल में ये युद्ध रोकना होगा. यूक्रेन से पीएम मोदी जैसे ही भारत लौटे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का फोन आया. वे भी जानना चाहते थे कि आखिर युद्ध रोकने का तरीका क्या हो सकता है. इसके बाद पुतिन से पीएम मोदी की बात हुई. और अब पीएम मोदी अक्तूबर के आखिरी हफ्ते में एक बार फिर रूस में रहेंगे. वहां चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी होंगे. हो सकता है कि वहां से सीजफायर का कोई रास्ता निकल जाए.
पुतिन ने आखिर कहा क्या?
यूक्रेन संकट को रोकने के लिए महीनों पहले इस्तांबुल में रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत हुई थी. लेकिन उस समझौते को कभी लागू नहीं किया जा सका. पुतिन का कहना है कि बातचीत वहीं से आगे बढ़ सकती है. पुतिन ने साफ कहा कि भारत, चीन और ब्राजील ही ऐसे देश हैं, जो इस मसले का दिल से समाधान चाहते हैं. मैं भी इस मुद्दे पर भारत, चीन और ब्राजील के नेताओं के साथ बराबर बातचीत करता रहता हूं.
वो 5 वजह, जिससे पुतिन को भारत पर भरोसा
1. भारत ही इकलौता ऐसा मुल्क है, जिसका यूक्रेन और रूस के साथ बराबर का दोस्ताना रिश्ता है.
2. अमेरिका समेत सारी दुनिया जानती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही रूस के राष्ट्रपति को किसी बात के लिए मना सकते हैं.
3. चीन और ब्राजील अमेरिका या यूक्रेन के साथ उस तरह बात नहीं कर सकते, जैसा पीएम मोदी कर सकते हैं.
4. चीन से अमेरिकी और यूरोपीय देश वैसे ही चिढ़ते हैं और उसे बातचीत की टेबल पर देखना पसंद नहीं करेंगे.
5. पुतिन को भी पता है कि पीएम मोदी ही यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से सीधी बात कर सकते हैं.
Tags: BRICS Summit, Pakistan news, Pm narendra modi, Russia ukraine war, SCO Summit, Vladimir PutinFIRST PUBLISHED : September 5, 2024, 17:23 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed