पंजाब: 22 लाख रुपये में नायब तहसीलदार भर्ती घोटाले की उच्च स्तरीय जांच की मांग
पंजाब: 22 लाख रुपये में नायब तहसीलदार भर्ती घोटाले की उच्च स्तरीय जांच की मांग
Punjab Politics: पंजाब में नायब तहसीलदार भर्ती घोटाले को लेकर मामले गरमाया हुआ है. विपक्ष सरकार पर हमलावर है. विपक्ष ने मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. कांग्रेसी विधायक सुखपाल खैहरा ने आरोप लगाते हुए कहा कि नायब तहसीलदार की परीक्षा में जिन 8 लोगों को मेरिट में स्थान मिला वे पटवारी की परीक्षा में फेल हो चुके थे. उन्होंने कहा कि आप सरकार के दौरान हुई सभी भर्तियों की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए.
हाइलाइट्सपंजाब में सामने आया नायब तहसीलदार भर्ती घोटालानायब तहसीलदार भर्ती मामले पर विपक्ष हमलावरविपक्ष ने मामले की उच्चस्तरीय जांच को कहा
(एस. सिंह)
चंडीगढ़: पटियाला पुलिस और काउंटर इंटेलिजेंस की टीम के द्वारा मई में पंजाब लोक सेवा आयोग (पीपीएससी) द्वारा आयोजित नायब तहसीलदार भर्ती परीक्षा में कथित घोटाले में शामिल एक गिरोह का पर्दाफाश करने के बाद राज्य में सियासत गरमा गई है. पुलिस ने गिरोह के पांच सदस्यों नवराज चौधरी, गुरप्रीत सिंह, हरविंदर सिंह, जतिंदर सिंह और सोनू कुमार को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक उन्होंने उम्मीदवारों से 22 लाख रुपये लिए थे. विपक्ष ने भर्ती घोटाले में आम आदमी पार्टी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. विपक्ष ने नायब तहसीलदार भर्ती घोटाले में सीबीआई या हाईकोर्ट के वर्तमान न्यायाधीश की निगरानी में न्यायिक जांच की मांग की है.
ऐसे अव्वल दर्जे में पास हुए कैंडिडेट
पुलिस की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि डमी परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्रों पर भेजा गया और उन्होंने हरियाणा में स्थापित एक कंट्रोल रूम में तस्वीर भेजकर प्रश्नपत्र लीक कर दिए. कंट्रोल रूम में विशेषज्ञों ने प्रश्नों के उत्तर तैयार किए. इसके बाद गिरोह के कुछ सदस्यों ने परीक्षा केंद्रों के बाहर बैठकर जीएसएम और ब्लूटूथ डिवाइस के जरिए उम्मीदवारों को उत्तर लिखवा दिए.
पुलिस ने संदिग्धों से घोटाले में इस्तेमाल एक लैपटॉप, दो पेन ड्राइव, सात ब्लूटूथ ईयरबड्स, 11 जीएसएम डिवाइस और 12 मोबाइल फोन जब्त किए हैं. आरोपियों पर आईपीसी की धारा 419, 420, 468, 471 और 120 बी और आईटी अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है. पटियाला के पुलिस महानिरीक्षक मुखविंदर सिंह छिना ने कहा कि जिन उम्मीदवारों ने परीक्षा पास करने के लिए नकल का सहारा लिया, वे अंतिम सूची में अव्वल रहे.
जो पटवारी की परीक्षा में हुए फेल, वही मेरिट में
कांग्रेसी विधायक सुखपाल खैहरा ने आरोप लगाते हुए कहा कि नायब तहसीलदार की परीक्षा में जिन 8 लोगों को मेरिट में स्थान मिला वे पटवारी की परीक्षा में फेल हो चुके थे. उन्होंने कहा कि आप सरकार के दौरान हुई सभी भर्तियों की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए. उधर शिअद के वरिष्ठ नेता बिक्रम मजीठिया ने कहा कि नायब तहसीलदार भर्ती घोटाले में सीबीआई या हाईकोर्ट के वर्तमान न्यायाधीश की निगरानी में होनी चाहिए. अब देखने वाली बात होगी कि सरकार इस घोटाले की न्यायिक जांच की अनुशंसा करती है या नहीं.
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Tags: Corruption case, Punjab news, Punjab politicsFIRST PUBLISHED : November 17, 2022, 12:56 IST