राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का संबोधन-21वीं सदी को भारत की सदी बनाने के लिए हमारा देश सक्षम है
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का संबोधन-21वीं सदी को भारत की सदी बनाने के लिए हमारा देश सक्षम है
President Ram Nath Kovinds farewell address to the nation: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिन आज देश को संबोधित कर रहे हैं. राष्ट्रपति के रूप में यह उनका देश के नाम आखिरी संबोधन है.
हाइलाइट्सराष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के कार्यकाल का आज आखिरी दिन है कल द्रौपदी मुर्मू देश के अगले राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगीआज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को संसद में बिदाई दी गई
नई दिल्ली. महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज राष्ट्रपति के रूप में देश के नाम अपना आखिरी संबोधन दे रहे हैं. आज उनके कार्यकाल का आखिरी दिन है. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आज मेरे कार्यकाल का आखिरी दिन है. अपने कार्यकाल के दौरान मुझे समाज के सभी वर्गों से समर्थन मिला है. उन्होंने कहा कि भारत के लोकतंत्र की ताकत है कि इसमें हर नागरिक अपनी निष्ठा को प्रकट कर सकता है. उन्होंने कहा, जीवंत लोकतांत्रिक व्यवस्था की शक्ति को मेरा शत-शत नमन है. उन्होंने कहा, 21वीं सदी को भारत की सदी बनाने के लिए हमारा देश सक्षम हो रहा है, यह मेरा दृढ़ विश्वास है। अपनी जड़ों से जुड़े रहना भारतीय संस्कृति की विशेषता
उन्होंने कहा, अपनी जड़ों से जुड़े रहना भारतीय संस्कृति की विशेषता है. मैं युवा पीढ़ी से यह अनुरोध करूंगा कि अपने गाँव या नगर तथा अपने विद्यालयों तथा शिक्षकों से जुड़े रहने की इस परंपरा को आगे बढ़ाते रहें. उन्नीसवीं शताब्दी के दौरान पूरे देश में पराधीनता के विरुद्ध अनेक विद्रोह हुए. देशवासियों में नयी आशा का संचार करने वाले ऐसे विद्रोहों के अधिकांश नायकों के नाम भुला दिए गए थे. अब उनकी वीर-गाथाओं को आदर सहित याद किया जा रहा है.
मैंने पूरी योग्यता से अपने दायित्वों का निर्वहन किया
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, अपने कार्यकाल के पांच वर्षों के दौरान, मैंने अपनी पूरी योग्यता से अपने दायित्वों का निर्वहन किया है. मैं डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद, डॉक्टर एस. राधाकृष्णन और डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम जैसी महान विभूतियों का उत्तराधिकारी होने के नाते बहुत सचेत रहा हूं. उन्होंने कहा, जलवायु परिवर्तन का संकट हमारी धरती के भविष्य के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है. हमें अपने बच्चों की खातिर अपने पर्यावरण, अपनी जमीन, हवा और पानी का संरक्षण करना है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने संबोधन में कहा, मैं सभी देशवासियों के प्रति हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करता हूं. भारत माता को सादर नमन करते हुए मैं आप सभी के उज्ज्वल भविष्य की मंगल कामना करता हूं.
राष्ट्र-निर्माताओं के पद चिन्हों पर चलना जरूरी
उन्होंने कहा, हमारे पूर्वजों और हमारे आधुनिक राष्ट्र-निर्माताओं ने अपने कठिन परिश्रम और सेवा भावना के द्वारा न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुता के आदर्शों को चरितार्थ किया था. हमें केवल उनके पदचिह्नों पर चलना है और आगे बढ़ते रहना है. उन्होंने कहा, कानपुर देहात जिले के परौंख गांव में एक बेहद साधारण परिवार से आने वाले राम नाथ कोविंद आज आप सभी देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं. इसके लिए मैं देश की जीवंत लोकतांत्रिक व्यवस्था की ताकत को सलाम करता हूं.
राष्ट्रपति ने स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया
उन्होंने कहा, तिलक और गोखले से लेकर भगत सिंह और नेताजी सुभाष चन्द्र बोस तक; जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल और श्यामा प्रसाद मुकर्जी से लेकर सरोजिनी नायडू और कमलादेवी चट्टोपाध्याय तक – ऐसी अनेक विभूतियों का केवल एक ही लक्ष्य के लिए तत्पर होना, मानवता के इतिहास में अन्यत्र नहीं देखा गया है. संविधान सभा में पूरे देश का प्रतिनिधित्व करने वाले अनेक महानुभावों में हंसाबेन मेहता, दुर्गाबाई देशमुख, राजकुमारी अमृत कौर तथा सुचेता कृपलानी सहित 15 महिलाएं भी शामिल थीं. संविधान सभा के सदस्यों के अमूल्य योगदान से निर्मित भारत का संविधान, हमारा प्रकाश-स्तम्भ रहा है. कल योनी सोमवार 25 जुलाई के द्रौपदी मुर्मू देश के इतिहास में पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगी. कल रामनाथ कोविंद उन्हें शपथग्रहण के बाद राष्ट्रपति का पदभार औपचारिक रूप से सौंप देंगे. कुर्सी की अदला-बदली के साथ ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू विधिवत राष्ट्रपति के रूप में देश का नेतृत्व करेंगी.
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Tags: President, Ramnath kovindFIRST PUBLISHED : July 24, 2022, 19:02 IST