आर्थिक तंगी और विकलांगता का लोगों ने उड़ाया मजाक फिर भी रमेश ने नहीं मानी हार

12वीं पास करने के बाद वो आगे और पढ़ाई करना चाहते थे, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने कारण आगे की पढ़ाई कर पाना मुश्किल हो गया. रमेश ने फिर भी हौसला नहीं हारा और वापस गांव लौट आए. यहां पड़ोसी गांव के प्राइवेट प्राइमरी स्कूल में पढ़ाना शुरू कर दिया और स्कूल टाइम के बाद घर पर ही बच्चों को ट्यूशन देने लगे.

आर्थिक तंगी और विकलांगता का लोगों ने उड़ाया मजाक फिर भी रमेश ने नहीं मानी हार