पेंशन पीएफ बैंकिंग सड़क स्वास्थ्यसरकार से जनता सबसे ज्यादा किस बारे में शिकायतें करती है जानें
पेंशन पीएफ बैंकिंग सड़क स्वास्थ्यसरकार से जनता सबसे ज्यादा किस बारे में शिकायतें करती है जानें
इस साल अब तक सबसे ज्यादा शिकायतें वित्तीय सेवा विभाग (बैंकिंग डिवीजन), श्रम मंत्रालय, सीबीडीटी, रेल मंत्रालय और सहकारिता मंत्रालय को मिली हैं. एक सरकारी विश्लेषण से पता चलता है कि सार्वजनिक शिकायतों की अधिकतम पेंडेंसी स्वास्थ्य मंत्रालय, राजस्व विभाग, सामाजिक न्याय विभाग और रक्षा विभाग में है.
नई दिल्ली: पेंशन का भुगतान नहीं किया गया है या मिलनी शुरू नहीं हुई है, भविष्य निधि के दावे का निपटारा नहीं हुआ है, स्पीड पोस्ट लेटर्स में देरी, खराब मोबाइल फोन नेटवर्क, सीजीएचएस कार्ड के साथ समस्याएं, सड़कों पर जलभराव, टोल प्लाजा पर समस्याएं और नीट पीजी परीक्षा से जुड़ी समस्याएं. ये कुछ प्रमुख शिकायतें हैं, जो केंद्र सरकार को जनता से रोजाना प्राप्त होती हैं. केंद्र को हर साल 30 लाख से अधिक जन शिकायतें प्राप्त होती हैं.
इस साल अब तक सबसे ज्यादा शिकायतें वित्तीय सेवा विभाग (बैंकिंग डिवीजन), श्रम मंत्रालय, सीबीडीटी, रेल मंत्रालय और सहकारिता मंत्रालय को मिली हैं. एक सरकारी विश्लेषण से पता चलता है कि सार्वजनिक शिकायतों की अधिकतम पेंडेंसी स्वास्थ्य मंत्रालय, राजस्व विभाग, सामाजिक न्याय विभाग और रक्षा विभाग में है. वास्तव में, स्वास्थ्य मंत्रालय और सहकारिता मंत्रालय शिकायतों के समय पर और गुणवत्तापूर्ण निपटान का आकलन करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा तैयार किए गए ‘अंतरिम शिकायत निवारण सूचकांक’ (Interim Grievance Redressal Index) में सबसे निचले पायदान पर हैं.
वित्तीय सेवा विभाग को पेंशन, सब्सिडी, बैंकिंग सेवा से जुड़ी शिकायतें मिलती हैं
इस साल, स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक शिकायत को निपटाने में औसतन 45 दिनों की अनिवार्य सीमा के विपरीत औसतन 110 दिन का समय लिया है. लोगों द्वारा की जाने वाली सबसे अधिक शिकायतों की प्रकृति और उसका मूल कारण जानने के लिए सरकार द्वारा किए गए विश्लेषण से कुछ दिलचस्प तथ्य सामने आए हैं. जैसे वित्तीय सेवा विभाग को प्राप्त होने वाली सबसे अधिक जन शिकायतें पेंशन का भुगतान न करने या पेंशन शुरू न होने, सरकारी सब्सिडी प्राप्त न होने या देरी होने और बैंक खाता न खुलने या खुलने में देरी होने के संबंध में हैं. पैसों का गलत ट्रांजैक्शन और ऑनलाइन भुगतान के दौरान गड़बड़ी के बारे में भी बहुत शिकायतें आती हैं.
श्रम मंत्रालय को पीएफ, डाक विभाग को स्पीड पोस्ट से जुड़ी शिकायतें मिलती हैं
लोन और गिरवी रखने के मामलों में लोग ‘अत्यधिक कोल्ड कॉलिंग या फोन पर धमकी’ से संबंधित मुद्दों की शिकायत करते हैं. श्रम मंत्रालय में सबसे ज्यादा शिकायतें प्रोविडेंट फंड के दावों का निपटारा न होने और कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने पर पीएफ का भुगतान नहीं करने वाली कंपनियों को लेकर होती हैं. लोग बड़ी संख्या में यह भी शिकायतें करते हैं कि स्पीड पोस्ट से पार्सल पहुंचने में देरी हो रही है या उनका पार्सल पहुंचा नहीं है, डाकघर के कर्मचारियों द्वारा दुर्व्यवहार किया जा रहा है और विकलांगों को घर तक बैंकिंग सुविधा नहीं मिल रही है.
दूरसंचार विभाग में कॉल ड्रॉप, बैड नेटवर्क, ब्रॉडबैंड स्पीड की शिकायतें आती हैं
दूरसंचार विभाग को बैड नेटवर्क कवरेज, कॉल ड्रॉप और बैड कॉल क्वालिटी, मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी, ब्रॉडबैंड की स्पीड व बिलिंग से जुड़े मुद्दों के बारे में लोगों से बहुतायत शिकायतें मिलती हैं. लोग निजी कंपनियों द्वारा गलत जगहों पर टॉवर लगाने और इससे होने वाले स्वास्थ्य खतरों की भी शिकायत करते हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय में, लोगों की अधिकतम शिकायतें सीजीएचएस कार्ड, मेडिकल रिइंबर्समेंट में देरी और अस्पताल सेवाओं के बारे में होती हैं. इस साल फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट परीक्षा के कठिन होने, नीट परीक्षा की अनुचित शेड्यूलिंग और नीट पीजी की काउंसलिंग और संचालन के बीच अंतर के बारे में भी कई शिकायतें मिली हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय में, इस साल चीन और यूक्रेन से मेडिकल कोर्स करने वाले छात्रों का समर्थन करने के बारे में कोई नीति नहीं होने को लेकर भी शिकायतें आई हैं, जिन्हें वहां की स्थितियों के कारण देश लौटना पड़ा. कुछ ने पात्र होने के बावजूद आयुष्मान भारत योजना में उनके शामिल न होने की शिकायत भी की है. कुछ ने कोविड टीकाकरण प्रमाण पत्र में गलत विवरण के साथ-साथ हानिकारक सामग्री और खाद्य उद्योगों में अपनाई जाने वाली अस्वास्थ्यकर प्रथाओं के खिलाफ भी शिकायतें दर्ज की हैं.
सड़क एवं राज मार्ग मंत्रालय को फास्टटैग भुगतान से जुड़ी शिकायतें मिलती हैं
सड़क एवं राजमार्ग मंत्रालय के संबंध में, लोग खराब सड़कों या सड़कों के निर्माण नहीं होने से ट्रैफिक जाम और जलभराव की शिकायत करते रहे हैं. फास्टटैग के माध्यम से टोल प्लाजा पर गलत राशि वसूलने और भूमि अधिग्रहण के बदले मुआवजे नहीं मिलने के बारे में भी शिकायतें सड़क एवं राजमार्ग मंत्रालय को प्राप्त होती हैं. सरकार के विश्लेषण से यह भी पता चलता है कि 26 जून तक लगभग 20,000 शिकायतों की अधिकतम पेंडेंसी नवगठित सहकारिता मंत्रालय में है, इसके बाद 13,311 शिकायतों की पेंडेंसी के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय दूसरे नंबर पर है.
शिकायतों के निपटान में दूरसंचार विभाग व पीडीएस डिपार्टमेंट सबसे बेहतर हैं
सहकारिता मंत्रालय में उक्त शिकायतों में से 16,000 से अधिक 45 से अधिक दिनों से लंबित हैं. आपको बता दें कि शिकायतों के निदान के लिए सरकार की ओर से निर्धारित अधिकतम समय सीमा 45 दिन है. विश्लेषण से पता चलता है कि इस साल एक शिकायत के निपटारे में अधिकतम औसत समय लेने के मामले में कानूनी मामलों का विभाग 228 दिन के साथ पहले स्थान पर, 183 दिन के साथ सहकारिता मंत्रालय दूसरे स्थान पर, 100+ दिन के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय तीसरे स्थान पर रहा है. इसकी तुलना में खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय औसतन 10 दिनों में एक शिकायत का निदान कर देता है, जबकि दूरसंचार विभाग सिर्फ 12 दिन लेता है. केंद्र सरकार ने पिछले साल मंत्रालयों में एक शिकायत को निपटाने में लगने वाले अधिकतम समय को 60 दिनों से घटाकर 45 कर दिया था.
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Tags: Government of India, Public GrievancesFIRST PUBLISHED : July 03, 2022, 14:19 IST