बीएपीएस मंदिर में दीक्षा समारोह अमेरिका से कनाडा तक के युवाओं ने ली दीक्षा
गुजरात के गोंदल स्थित BAPS अक्षर मंदिर में 66 युवाओं ने दीक्षा ग्रहण की. महंत स्वामी महाराज की मौजूदगी में इन्हें दीक्षा दी गई. इनमें डॉक्टर, इंजीनियर्स, साइंस ग्रेजुएट, PhD होल्डर, पीजी डिग्री धारक जैसे युवाओं ने दीक्षा ली.
परम पूज्य महंत स्वामी महाराज ने कहा, मैं इन त्यागियों के माता-पिता का धन्यवाद करता हूं. उन्होंने इन्हें अच्छी शिक्षा दी और फिर सेवा के लिए समर्पित कर दिया. साधु का मार्ग आसान नहीं है. इसके लिए तपस्या, व्रत, सेवा, भक्ति और मन पर नियंत्रण करना होता है. यह केवल सच्चे गुरु के मार्गदर्शन से ही संभव है. सतपुरुष के माध्यम से ही ऐसा मार्ग मिलता है.
बीएपीएस सारंगपुर मंदिर के ‘संत तालीम केंद्र’ में स्वामीनारायण हिंदू धर्मशास्त्र, इतिहास और साहित्य के साथ-साथ रामायण, महाभारत, भगवद गीता, उपनिषद और अन्य हिंदू शास्त्रों की पढ़ाई होती है. संस्कृत, हिंदी, गुजराती और अंग्रेजी जैसी भाषाओं में दुनियाभर के कई धर्मों के बारे में बताया जाता है. बीएपीएस ऑर्गनाइजेशन 55 से अधिक देशों में सेवा करता है. इसे संयुक्त राष्ट्र से भी मान्यता मिली हुई है. महंत स्वामी महाराज की दिव्य प्रेरणा से बीएपीएस सक्रिय रूप से सनातन हिंदू धर्म के मूल्यों को बढ़ावा देता है. यह राष्ट्रीय सेवा और चरित्र निर्माण को प्रोत्साहित करता है.