आकाश से आनंद की आस क्यों लगाए हैं मायावती क्या बसपा का भाग्य बदल पाएगा भतीजा
आकाश से आनंद की आस क्यों लगाए हैं मायावती क्या बसपा का भाग्य बदल पाएगा भतीजा
मायावती की पारंपरिक छवि से इतर आकाश आनंद में यूथ को रिझाने के लिए जरूरी जोश, आक्रामकता है, नगीना सांसद चंद्रशेखर के प्रसार को कॉम्बैट करने और पार्टी लाइन को रिवाइव करने, के साथ साथ बसपा को आगे बढ़ाने के लिए भी आकाश आनंद एक जरूरी दांव हैं....
Aakash Anand BSP News analysis: ‘अपरिपक्व’ आकाश आनंद को महज दो महीने के भीतर वापस बीएसपी के नेशनल कोआर्डिनेटर पद आखिर क्यों दे दिया गया? मायावती की वे कौन सी मजबूरियां या यूं कहें कि जरूरतें रही होंगी कि जिसकी पहली चुनावी स्पीच ने विवाद खड़ा कर दिया, उसे एक बार फिर से प्रतीष्ठित करना पड़ा? जबकि यह बात भी गौर करने लायक है कि लोकसभा चुनाव प्रचार में जिस नगीना सीट से आकाश ने अपना पहला सर्वाधिक आक्रामक भाषण दिया था, वहां से बीएसपी अपनी पुरानी सीट तक खो बैठी! न सिर्फ नवोदित चंद्रशेखर ने वहां से धुआंधार जीत हासिल की, बल्कि बीएसपी कैंडिडेट सुरेन्द्र पाल की जमानत तक रद्द हो गई. चंद्रशेखर ने 512552 मत हासिल किए जबकि बसपा को सिर्फ 13212 वोट मिले.
भतीजा आकाश आनंद मायावती की मजबूरी हैं या जरूरत? या.…
बीएसपी चीफ मायावती के भतीजे और कोआर्डिनेटर आकाश आनंद ने अपनी पहली चुनावी सभा में छह अप्रैल को सबसे आक्रामक भाषण दिया था. नगीना से सांसद और भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर के खिलाफ जहर उगलने वाला यह भाषण खुद बीएसपी में इतना क्रिटिसाइज किया गया कि मायावती ने रातोंरात उन्हें अपरिपक्व कहते हुए पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक के पद से हटा दिया. यह बात और है कि इसे भी मायावती की भतीजे के हितार्थ लिया गया कदम ही कहा गया.. ताकि लोकसभा चुनावों में बीएसपी के खराब नतीजों के लिए पूरा ठीकरा आकाश पर न फूटे.
हाल ही में हुई पद बहाली के चंद दिन बाद ही आकाश आनंद ने इसी साल होने वाले हरियाणा में विधानसभा चुनावों के लिए इंडियन नेशनल लोक दल (आईएनएलडी) के साथ गठबंधन की घोषणा की. मायावती ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स के जरिए इस ‘गठबंधन’ की घोषणा की ‘आशीर्वाद’ दिया. इसका सीधा सा अर्थ है कि मायावती एक बार फिर से अपने परिवार अपने भतीजे पर ही दांव खेलेंगी. ‘भरोसों’ के टूटने की कड़ी में यह एक जरूरी रणनीति है भी. पद पर फिर से विराजमान करने के तुरंत बाद मायावती ने पंजाब और हरियाणा के उपचुनावों के लिए स्टार कैंपनेर के तौर पर आकाश का नाम सामने कर दिया. यूपी में दस विधानसभा सीटों पर जो उपचुनाव हुए, उसमें भी आकाश की भूमिका रही यानी सीधे तौर पर अब वह जल्द से जल्द अपने उत्तराधिकारी के जरिए बीएसपी को भी रिवाइव करना चाहती हैं और अपने उत्तराधिकारी भी स्टेबलिश करने में पूरा समर्थन सहयोग देते हुए दिखना भी चाहती हैं.
यूथ को आकर्षित करने का आनंद का अलग है अंदाज
नगीना में चंद्रशेखर की जीत बीएसपी के लिए खतरे की घंटी है, इससे इंकार नहीं किया जा सकता. मायावती देख रही हैं और भांप रही हैं भविष्य की उस बदलती हुई बयार को जो चंद्रशेखर की ओर बहती दीख रही है. नगीना से चंद्रशेखर को न सिर्फ मुस्लिम और दलित वोट मिले हैं बल्कि (आक्रामकता के चलते भी) जाट ओबीसी वोट भी मिले हैं. यह केवल बीएसपी ही नहीं सपा के लिए भी पचाना दिक्कत भरा है. लोकसभा में रैलियों में यूथ को आकर्षित करने के लिए जोशीले भाषण देने वाले आकाश थे जो अब तक की पार्टी लाइन से इतर अंदाज है. बसपा के पास सिवाए आनंद के यूथ फेस नहीं है. बसपी के एख धड़े को आकाश पसंद भी हैं और वे उन्हें चंद्रशेखऱ के सामने मजबूत ढाल की तरह मानते हैं.
हरियाणा से लेकर यूपी तक… आकाश आनंद के जरिए ‘ढाई चाल’
यह तेजी ऐसे भी समझी जा सकती है कि बसपा ने जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने के लिए जिला स्तरीय कमेटियों का गठन शुरू कर दिया है और अब तक सात समितियां गठित की जा चुकी हैं. इसी साल तयशुदा हरियाणा विधानसभा चुनाव में बसपा ने इंडियन नेशनल लोक दल के साथ गठबंधन किया है. राज्य में कांग्रेस के पास जाट वोट अपेक्षाकृत अधिक हैं, आकाश आनंद की अग्रेसिव स्पीच युवाओं ही नहीं बल्कि जाट वोटरों को भी वू कर सकती है और वोट खींचे जा सकते हैं. हालांकि यहां गौरतलब यह भी है कि आकाश के आगे अभी चुनौतियां बहुत हैं. उनके लिए हरियाणा का इलेक्शन या राजनीति के गलियारे स्मूथ राइड नहीं होंगे. एक बार फिर अंत में यही कि उनकी पर्सनैलिटी का सबसे अहम ‘बाण’ नगीना में बुरी तरह टूट गया था!
Tags: BSP chief Mayawati, BSP UP, Chandrashekhar Azad Ravan, Haryana election 2024, Loksabha Election 2024FIRST PUBLISHED : July 13, 2024, 13:43 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed