Opinion: विदेशी संस्थाओं ने भी भारत की तरक्की को माना आंकड़े दे रहे गवाही

Opinion: भारत की तरक्की का लोहा अब विदेशी संस्था भी मान रहे हैं. आईएमएफ के आंकड़े गवाही दे रहे हैं कि कैसे मोदी सरकार में भारत तरक्की की राह पर अग्रसर है. भारत की अर्थव्यवस्था लगातार छलांग लगा रही है. दरअसल, मोदी सरकार के पिछले 10 वर्षों में रहे जीडीपी के आधार पर भारत बड़ी छलांग लगाते हुए दुनिया की पांच कमजोर अर्थव्यवस्थाओं के दायरे से आगे निकल गया.

Opinion: विदेशी संस्थाओं ने भी भारत की तरक्की को माना आंकड़े दे रहे गवाही
नई दिल्ली: भारत की तरक्की का लोहा अब विदेशी संस्था भी मान रहे हैं. आईएमएफ के आंकड़े गवाही दे रहे हैं कि कैसे मोदी सरकार में भारत तरक्की की राह पर अग्रसर है. भारत की अर्थव्यवस्था लगातार छलांग लगा रही है. दरअसल, मोदी सरकार के पिछले 10 वर्षों में रहे जीडीपी के आधार पर भारत बड़ी छलांग लगाते हुए दुनिया की पांच कमजोर अर्थव्यवस्थाओं के दायरे से आगे निकल गया. इसके अलावा, आईएमएफ डेटा पर आधारित विशेषज्ञों के एक विश्‍लेषण से पता चलता है कि अपने प्रतिस्पर्धियों की तुलना में देश का तुलनात्मक प्रदर्शन भी बेहतर हो गया है, जो पहले नहीं था. उच्च प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद बढ़ने का मतलब यह भी है कि लोगों का जीवन स्तर बढ़ रहा है, क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति के पास खर्च करने के लिए अधिक पैसा है. आईएमएफ के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी, जो बहुपक्षीय वित्तीय संस्थान द्वारा उभरते बाजार और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के रूप में सूचीबद्ध 150 देशों के लिए औसत प्रति व्यक्ति जीडीपी 1,790 डॉलर यानी 35 प्रतिशत है. इन समकक्ष देशों में चीन, रूस, ब्राजील और दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका, मध्य पूर्व के साथ-साथ पूर्वी यूरोप के कुछ हिस्से शामिल हैं. विशेषज्ञ की मानें तो 35 प्रतिशत का यह आंकड़ा 2014 तक घटकर 30 प्रतिशत रह गया, जिससे पता चलता है कि भारत बेहतर प्रदर्शन करने वाले इन 150 देशों की तुलना में अपेक्षाकृत गरीब हो गया था. हालांकि, आईएमएफ के आंकड़ों के अनुसार, यह अनुपात 2014 में 30 प्रतिशत से बढ़कर 2019 में 37 प्रतिशत हो गया. 2024 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है. इसका मतलब यह है कि पिछले 10 वर्षों में भारत का आर्थिक प्रदर्शन अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में बेहतर हो जाने से अंतर कम हो गया है. आईएमएफ के आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि 2004 में भारत की अर्थव्यवस्था का आकार चीनी अर्थव्यवस्था का 37 प्रतिशत था, लेकिन 2014 तक यह घटकर मात्र 19 प्रतिशत रह गया, क्योंकि चीन बहुत अधिक विकास दर हासिल कर रहा था. हालांकि, भारतीय अर्थव्यवस्था चीन की तुलना में बहुत तेज विकास दर से बढ़ रही है, बाजी पलट रही है और अर्थव्यवस्था का सापेक्ष आकार 22 प्रतिशत तक बढ़ गया है. भारत अब दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है और चीन कम्युनिस्ट देश की तुलना में अर्थव्यवस्था के सापेक्ष आकार में पिछड़ रहा है. मजबूत व्यापक आर्थिक बुनियादी सिद्धांतों के आधार पर भारत अब जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ते हुए तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है और जो समान रूप से महत्वपूर्ण है, वह यह है कि प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद बढ़ रहा है, जो लोगों के बेहतर जीवन स्तर को दर्शाता है. (IANS इनपुट के साथ) Tags: GDP growth, India GDP, Modi Govt, Pm narendra modiFIRST PUBLISHED : May 29, 2024, 09:32 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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