ओडिशा : पश्चिमी क्षेत्रों में उठी अलग राज्य की मांग 10 जिलों में रहा बंद जानें पूरी खबर
ओडिशा : पश्चिमी क्षेत्रों में उठी अलग राज्य की मांग 10 जिलों में रहा बंद जानें पूरी खबर
ओडिशा के पश्चिमी क्षेत्र को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए दो संगठनों ने अलग राज्य ‘‘कोशल’’ की मांग को लेकर कम से कम 10 जिलों में बुधवार को 12 घंटे का बंद रखा, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ.
हाइलाइट्सओडिशा के पश्चिमी क्षेत्रों अलग राज्य 'कोशल' की मांग की है. संगठनों ने सरकार पर पश्चिमी क्षेत्रों की अनदेखी का आरोप लगाया है.प्रमुख विपक्षी पार्टियों ने अलग राज्य की मांग को नाकार दिया है.
संबलपुर/भुवनेश्वर. ओडिशा के पश्चिमी क्षेत्र को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए दो संगठनों ने अलग राज्य ‘‘कोशल’’ की मांग को लेकर कम से कम 10 जिलों में बुधवार को 12 घंटे का बंद रखा, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ. विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के राज्य की बीजू जनता दल (बीजद) सरकार पर ओडिशा में क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने में विफल रहने का आरोप लगाने के बाद संगठनों द्वारा बंद का आह्वान किया गया था.
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं भाजपा के नेता जेएन मिश्रा ने कहा, ‘‘ राज्य की राजधानी से कुछ दूरी पर रहने वाले लोगों में यह धारणा बन गई है कि उनकी उपेक्षा की जा रही है. इन लोगों की यह धारणा सही है. बीजद सरकार ने 22 साल में उनके लिए कुछ नहीं किया है.’’ मिश्रा पश्चिमी ओडिशा के संबलपुर से विधायक हैं.
पश्चिमी ओडिशा के बोलांगीर जिले के रहने वाले कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्रा ने कहा, ‘‘मैं एक अलग राज्य के विचार का विरोध करता हूं, लेकिन सरकार से क्षेत्रीय असंतुलन और आर्थिक असमानता को दूर करने की मांग करता हूं. कुछ स्थानों के अलावा राज्य के पूरे पश्चिमी क्षेत्र की घोर उपेक्षा की जाती है.’’
पश्चिमी ओडिशा से ही नाता रखने जल संसाधन मंत्री तुकुनी साहू ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने अपने 22 साल के कार्यकाल में कभी किसी को या किसी क्षेत्र को नजरअंदाज नहीं किया. जब भी हम पश्चिमी क्षेत्र की कोई भी समस्या लेकर उनके पास गए, उन्होंने उसका समाधान किया है. अब भी अगर कोई समस्या है तो उसका समाधान निकाला जाएगा.’’
इस बीच, कोशल राज मुक्ति मोर्चा (केएमएम) और कोशल सेना द्वारा आहूत बंद से पश्चिमी ओडिशा के कई हिस्सों में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ. बरगढ़, बोलांगीर, सोनपुर, नुआपड़ा और कालाहांडी जिलों में बंद के कारण सरकारी व निजी कार्यालय, अदालतें, शैक्षणिक संस्थान, बैंक, व्यावसायिक संस्थान, दुकानें तथा बाजार बंद रहे और बसें भी सड़क से नदारद रहीं. हालांकि झारसुगुडा, देवगढ़ और सुंदरगढ़ जिलों में बंद का असर नहीं के बराबर दिखा.
केएमएम के अध्यक्ष सागर चरण दास ने दावा किया कि राज्य सरकार ने हमेशा इस क्षेत्र की अनदेखी की है. संबलपुर स्थित संगठन हीराखंड समुख्या ने अलग राज्य की मांग का समर्थन किया लेकिन इसके लिए ‘कोशल’ और ‘कोशाली’ जैसे शब्दों का विरोध किया.
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Tags: Naveen patnaik, Odisha newsFIRST PUBLISHED : September 08, 2022, 15:38 IST