नोएडा में तीन गुना ज्यादा है स्कूलों की फीस DM भी नहीं सुलझा पा रहे हैं मामला

High fee in noida schools: दिल्ली, हरियाणा और यूपी सहित अन्य राज्यों और उनके जिलों के मुकाबले नोएडा में कुछ स्कूलों की फीस दो से तीन गुना ज्यादा है. महंगी फीस से यहां के लाखों पेरेंट्स प्रभावित हैं. इस लड़ाई को नोएडा के रहने वाले अभिष्ट गुप्ता कोर्ट में लड़ रहे हैं...

नोएडा में तीन गुना ज्यादा है स्कूलों की फीस DM भी नहीं सुलझा पा रहे हैं मामला
सुमित राजपूत/नोएडा: दिल्ली, हरियाणा और यूपी सहित कुछ अन्य राज्यों और उनके जिलों के मुकाबले नोएडा में कुछ स्कूलों की फीस दो से तीन गुना ज्यादा है. इतनी महंगी फीस से लाखों पेरेंट्स प्रभावित हो रहे हैं. इन पेरेंट्स की लड़ाई नोएडा में रहने वाले अभिष्ट गुप्ता लड़ रहे हैं. उनका कहना है कि कोरोना काल में जब कई पेरेंट्स की नौकरी चली गई और कइयों का व्यापार ठप हो गया तब सरकार ने भी कुल फीस का 15 प्रतिशत फीस वापस करने का आदेश दिया था लेकिन, आज तक वो मुद्दा सुलझा नहीं है. इसके अलावा इन प्राइवेट स्कूलों की मनमानी सहित कुछ अन्य मुद्दों को लेकर अभिष्ट ने इस लड़ाई को लड़ना शुरू किया और स्कूलों के खिलाफ कोर्ट गए. उनका मानना है कि वो जल्द ही इस केस को जीतेगें क्योंकि उनके मुद्दे जायज हैं. इन मुद्दों पर स्कूलों के खिलाफ जंग है जारी सोशल और एनवायरमेंट एक्टिविस्ट अभिष्ट गुप्ता ने लोकल18 को बताया कि वो कुछ मुद्दों को लेकर ये लड़ाई लड़ रहे है. पहला और सबसे बड़ा मुद्दा तो ये है कि आस पास के जो राज्य या जिले हैं उनके मुकाबले नोएडा में स्कूल फीस इतनी ज्यादा क्यों है. दूसरा ये कि इंडिपेंडेंट स्कूल फीस एक्ट आया था और उसमें सभी फीस को समायोजित किया गया जिसे कंपोजिट फीस नाम दिया गया था. इसके तहत फेसिलिटी फीस खत्म हो गई लेकिन, स्कूल वाले नहीं माने. नियमों में पारदर्शिता ना होने पर वह इस लड़ाई को लड़ रहे हैं. स्कूल का डेवलपमेंट फंड दो से तीन गुना है ज्यादा उन्होंने बताया कि कोई भी स्कूल अपनी एनुअल फीस का 15 प्रतिशत डेवलप फंड रख सकता है. इस बारे में हमने पेरेंट्स एसोसिएशन से बात की तो जानकारी मिली कि जो डेवलपमेंट फंड ज्यादा से ज्यादा 15-20 से लेकर 45 लाख होना चाहिए वो 100 से 150 करोड़ है. शायद यही वजह है कि ये उस फंड को आर्डिनरी बैलेंस शीट सहित अध्यापकों की सैलरी नही दिखा रहे हैं. जिसकी वजह यहां फीस इतनी बढ़ी हुई है. यह पेरेंट्स का एक तरह से शोषण किया जा रहा है. डीएम और डीआईओ नहीं सुलझा पाए मामला कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा इस पर जिला लेवल पर डीएम और डीआईओ से रिकंसलेशन हो सकता है. उसी स्तर पर इस केस को निपटाकर निस्तारण किया जाए लेकिन, ये सभी मुद्दे शासन लेवल के हैं. इसलिए इन्होंने खास इंटरफेयर नहीं किया और दोबारा से अधिकारियों ने उस लेटर को सुप्रीम कोर्ट भेजने की बात कही है. अविष्ट गुप्ता का कहना है, कि वो इस लड़ाई को जल्द ही जीतेगें ऐसी उन्हें उम्मीद है. Tags: Local18FIRST PUBLISHED : July 21, 2024, 12:16 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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